नुकसानदेह व्यक्तित्व : अपराधबोध के 5 अवैध कारोबारी
दूसरों में अपराधबोध की भावना भरने वाले लोग चारों ओर मौजूद हैं। उनमें से कुछ आपके बहुत नजदीकी हैं और आपके जीवन के किसी न किसी मोड़ पर आपका उनका शिकार हो जाना आसान है।
ये वे लोग हैं, जो दूसरों पर हावी होने के लिए उनमें गहरे अपराधबोध की भावना पैदा कर देने के फन में माहिर हैं और यह उनकी आदत है। नतीजा यह होता है कि आप नेगेटिव मनोभावों के एक अनवरत चक्र में घिर जाते हैं। आप मान लेते हैं कि आप जो भी कर रहे हैं वह गलत है और आपका कुछ भी मोल नहीं है।
इसमें कोई भी संदेह नहीं कि यह एक तरह की धोखाघड़ी है जो जितनी धारदार है, उतनी ही विनाशकारी है।
इस तरह की गतिशीलता सभी स्तरों पर चलाई जाती है। यह आपके परिवार, जोड़ियों के बीच या काम की जगह भी हो सकता है।
यह इतना सामान्य है कि हम लगभग निश्चित हैं कि हर व्यक्ति कम से कम किसी एक ऐसे व्यक्ति को जानता है जो अपनी इस क्षमता का प्रयोग कर रहा है। हमें उतना ही भरोसा है कि इस तरह के आचरण की पहचान करना सीखना आपके लिए उपयोगी होगा।
आइए इन अपराधबोध के अवैध कारोबारियों पर गहरी नजर डालते हैं।
अपराधबोध के खतरनाक अवैध कारोबारी और उनका खेल
बेशक अपने मित्रों, परिवार या सहकर्मियों के बीच खेले जाने वाले खतरनाक पावर ‘गेम’ में सबसे ऊपर दूसरों पर अपराधबोध थोपना है।
इन करतबों को अंजाम देने के कई उपाय हैं। फिर भी, जिस तरह आप कुछ चीजों के लिए जिम्मेदार बन जाते हैं और दूसरी चीजों के लिए नहीं बनते – यह उस धोखेबाज अपराधबोध के अवैध कारोबारी की टाइप पर निर्भर करता है।
उदाहरण के लिए वे एक ही पावर गेम का इस्तेमाल अपने पार्टनर पर नहीं कर सकते जिस तरह परिवार के किसी सदस्य पर कर सकते हैं।
आइए हम अपराधबोध के इन अवैध कारोबारियों की टाइप का निरीक्षण करते हैं।
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1. अपराधबोध के अवैध कारोबारी : उदार और स्नेही
“मैं तुमसे कह रहा हूँ, क्योंकि मैं तुमको प्यार करता हूँ और चाहता हूँ कि तुम्हारा सबसे ज्यादा भला हो। तुम जो कर रहे हो वह तुम्हारे लिए गलत है और तुम सबसे अहम लोगों की अनदेखी कर रहे हो, उनकी जो तुम्हारी परवाह करते हैं।”
इसमें गलती यहाँ है :
- इस तरह के शब्द कहना भावनात्मक उत्पीड़न का स्पष्ट उदाहरण है।
- ऐसी शब्दावली सुनने वाले को नीचा दिखाती हैं और आसपास के लोगों की अप्रसन्नता और असुविधा के लिए उस पर दोषारोपण करती हैं।
- ऐसा व्यवहार परिवार के स्तर पर बहुत ही सामान्य है।
- दूसरा उदाहरण यह हो सकता है, “अगर तुम यह नौकरी लेकर चले गए तो तुम नाखुश रहोगे ही, हम सब लोग भी दुःखी हो जाएंगे। यह तुम्हारे लिए ठीक नहीं है।”
इस मामले में, अपराध आप पर थोपा गया है और इसके साथ किसी ऐसे व्यक्ति का स्नेह भी है जो आपके लिए अहम है। इसके अलावा, इस तरह के लोगों से सिर्फ एक नजदीकी जुड़ाव रहने पर इसका असर ज्यादा मजबूत और गहरा होता है।
2. जो आपको हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं
जब आपसे कोई प्लेट गिर जाये तो ये इसलिए होता है कि आप निराशाजनक रूप से बेढंगे हैं। जब आप अपना खाना जला देते हैं, तो यह इसलिए होता है कि आप दिन में सपने देख रहे हैं। आपका टायर फट जाता है, तो इसका कारण यह है कि आप कभी भी मेकेनिक को इसकी याद नहीं दिलाते और कभी भी वक्त पर चेक नहीं कराते।
आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते होंगे जो यह सब कहता रहता है।
अपराधबोध के अवैध कारोबारी ऐसे लोग हैं जिनमें यह क्षमता है कि उनके साथ होने वाली हर गलत चीज के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरा देते हैं।
यह विनाश का एक धीमा और आगे बढ़ाने वाला रूप है जिसकी जितनी जल्दी हो सके पहचान कर लेनी चाहिए और उस पर रोक लगानी चाहिए।
3. जो आपको एक बेढंगी कठपुतली बनाकर अपनी आत्मतुष्टि करते हैं
“जाहिर है कि मेरे पास रहे बिना तुम कुछ भी नहीं कर सकते। देखा, सिर्फ छू कर तुमने कैसे इसे बरबाद कर दिया है?” “हमेशा, तुम जो भी करते हो उसे गड़बड़ कर देते हो। आज के बाद मैं खुद इसे संभाल लूंगा।”
- यह विषाक्त संबंध का एक बढ़िया उदाहरण है और हावी होने का एक विशेष उपाय है।
- यह व्यक्ति अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए आप पर निराधार अपराध थोपता है जो उसे खुद को एक व्यक्ति के रूप में जायज करार देने में उसकी आत्मतुष्टि करता है।
- अपराधबोध के अवैध कारोबारी आपकी कार्यवाही, आपके विचारों और आपके व्यक्तित्व का अवमूल्यन करने के लिए ऐसा करते हैं। यदि आप इसके खिलाफ कोई रुख नहीं अपनाते तो वे इस दिशा में बढ़ते ही जायेंगे।
अपराधबोध के अवैध कारोबारी आपको यह मानने के लिए मजबूर कर देंगे कि आप कुछ भी नहीं हैं और वे सबकुछ हैं।
4. जो नहीं समझते कि खुद अपनी गलतियों की जिम्मेदारी कैसे ली जाती है
इसमें कोई संदेह नहीं, कि आप पहले से ही इस तरह के कुछ व्यक्तियों को जानते हैं।
अपनी प्रवृत्ति या आचरण के कारण वे गलतियाँ करते हैं, बिना सोचे-विचारे काम करते हैं, गंभीर समस्याएँ खड़ी करते हैं, लेकिन अपने किए की जिम्मेदारी लेने में अक्षम हैं।
सबसे खराब बात यह है कि आरोप स्वीकार करने के बदले वे इसे दूसरों पर थोपने में माहिर हैं।
वे कह सकते हैं, “यह तुम्हारी गलती है क्योंकि तुम्हें मेरी बात नहीं सुननी चाहिए थी,” या “यह तुम्हारी करतूत है क्योंकि तुम जरूरत से ज्यादा कॉन्फिडेंट हो।”
5. जो इसे आपकी भलाई के लिए आपको “नसीहत देने” के लिए करते हैं
कई लोगों के लिए यह आरोप स्वीकार करने के लिए दूसरों को मजबूर करना, उन्हें जिम्मेदारी लेने और एक जिम्मेदार व्यक्ति बनकर बड़ा होना सिखाने का एक प्रयास है।
यह अक्सर व्यापार की दुनिया में होता है। उदाहरण के लिए :
- कल्पना कीजिए कि एक मैनेजर है जो दूसरों की गलतियों के लिए आपको जिम्मेदार ठहराता है और आपसे उनका समाधान करने की “मांग” करता है।
- अपनी मांगों को न्यायोचित ठहराने के लिए वे आपको याद दिलाते हैं कि सभी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि व्यापार में चीजें ऐसे ही होती हैं।
- उन मातापिता के बारे में भी सोचिए जो अपने एक बच्चे की गलती की जिम्मेदारी उसके दूसरे सहोदर को लेने के लिए मजबूर करते हैं। अक्सर उन्हें इसलिए “आरोपित” किया जाता है कि वह सबे बड़ा, सबसे छोटा लड़का या लड़की है।
यह गलत नीति है। प्रत्येक परिवार और कारोबारी माहौल में अपनी कार्यवाहियों और जिम्मेदारियों के लिए हर व्यक्ति को खुद उत्तरदायी होना चाहिए ।
दूसरो की गलतियों और लापरवाह त्रुटियों के लिए किसी पर आरोप लगाना अंत में तनाव पैदा करेगा, और उस व्यक्ति के आत्मविश्वास को खोखला कर देगा।
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