शहद और गाजर के सिरप से बलगम का मुकाबला करें
क्या आपको जुकाम है? क्या उस घिनौनी बलगम ने आपकी नाक में दम कर रखा है? गाजर और शहद में मौजूद विटामिन की बदौलत बलगम (phlegm) और सांस की अन्य समस्याओं (respiratory problems) से निपटने के लिए उनका मिश्रण बेहद कारगर होता है। एक बार ज़रा आज़माकर तो देखें!
सर्दी-जुकाम और हमारी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने वाली अन्य समस्याओं का एक आम लक्षण बलगम है। म्यूकस के मेम्ब्रेन से निकलने वाले इस तरल में कभी-कभी ग्लाइकोप्रोटीन, एंटीबॉडी और अन्य एजेंट भी पाए जाते हैं।
इसका प्रमुख काम सांस नली को चिकना और बाहरी हमलावरों से हमें सुरक्षित रखना होता है। लेकिन अत्यधिक मात्रा में बनता बलगम किसी सिरदर्द से कम नहीं होता। इसके प्रमुख परिणामों में से एक यह है कि आपका शरीर खांस-खांसकर उससे छुटकारा पाने की कोशिश करने लगता है।
खुशकिस्मती से बलगम को आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने से रोकने के कई उपाय हैं।
गाजर और शहद से बना प्राकृतिक सिरप उन्हीं कई उपायों में से एक है। यह नुस्खा आपके शरीर में मौजूद सारी की सारी बलगम से निपटने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है।
आज इन दो सेहतमंद तत्वों की ख़ास खूबियों के बारे में बात कर उनसे घर में बनाई जा सकने वाली एक आसान-सी रेसिपी के बारे में हम आपको बताना चाहेंगे।
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बलगम से राहत पाने के लिए घर में बना शहद और गाजर का सिरप
घर में बने सिरप का इस्तेमाल बुख़ार, सर्दी-जुकाम और सांस की अन्य तकलीफ़ों से निपटने के एक प्राकृतिक विकल्प के तौर पर काफ़ी लंबे अरसे से किया जाता रहा है।
इनके सूजनरोधी और एक्स्पेक्टोरेंट प्रभाव होते हैं। इसलिए गले की खराश, अत्यधिक बलगम और बंद नाक से राहत दिलाने में उनका कोई जवाब नहीं होता।
गाजर और शहद से बना यह सिरप बलगम से छुटकारा पाने के सबसे कारगर और सेहतमंद विकल्पों में से एक है। खांसी जैसे लक्षणों से राहत दिलाने के साथ-साथ यह आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाकर आपकी बीमारी का जड़ से खात्मा जो कर देता है।
सबसे पहले तो आइए, गाजर के कुछ कमाल के फायदों पर एक नज़र डालते हैं:
- गाजर, विटामिन A, B, और C का प्राकृतिक स्रोत है। ये विटामिन अपनी एंटीऑक्सीडेंट विशेषताओं और शरीर में अपनी रक्षात्मक भूमिका के लिए जाने जाते हैं।
- इसमें बीटा-कैरोटीन नाम का एक ऐसा कंपाउंड होता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ हमारे इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया में सुधार आ जाता है। आँखों के लिए उसके फायदों के तो क्या कहने!
- खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित कर जमा हुए टॉक्सिन को निकाल बाहर करने में भी उसका कोई जवाब नहीं होता।
- इसमें फाइबर की भी अच्छी-खासी मात्रा होती है, जिसकी बदौलत हमारी पाचन-क्रिया बेरोकटोक चलती रहती है।
- इसमें सूजनरोधी एजेंट भी होते हैं, जो बंद नाक को खोलकर बलगम के लक्षणों से तेज़ी से राहत दिलाते हैं।
शहद के एंटीबायोटिक गुणों के साथ मिलकर बलगम से लड़ने, खांसी से छुटकारा पाने और सर्दी-जुकाम के परेशान कर देने वाले पहलुओं से फटाफट राहत दिलाने के लिए यह एक कमाल का नुस्खा साबित होता है।
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बलगम से राहत दिलाने वाला शहद और गाजर का सिरप कैसे बनाएं
इस घरेलू सिरप में आपका ज़्यादा वक़्त या पैसा बर्बाद नहीं होता।
गाजर और शहद साल भर किराने की दुकानों और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होते हैं, वह भी काफ़ी किफायती दामों पर।
फिर भी शहद की गुणवत्ता की जांच कर लेना ज़रूरी होता है। कई कमर्शियल उत्पाद सिरप और रिफाइंड शुगर से बने होते हैं। दिखने में भले ही वे एक जैसे क्यों न लगें, पर पोषक तत्वों की उनकी कम मात्रा से आपकी सेहत को कोई ख़ास लाभ नहीं होता।
100% जैविक शहद थोड़ी महँगी ज़रूर होती है, पर आपकी सेहत के लिए वह अनमोल होती है।
सामग्री
- साढ़े तीन कप गाजर (400 ग्राम)
- पांच चम्मच जैविक शहद (125 ग्राम)
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बनाने की विधि
- सबसे पहले तो गाजर को अच्छी तरह से धोकर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर उन्हें पानी से भरे हुए बर्तन में रख दें।
- उन्हें उबालकर नरम बना लें।
- फिर गाजर को पानी से निकालकर उन्हें फोर्क या चम्मच की मदद से पीस लें।
- उस प्यूरी को कांच की किसी बोतल में डालकर उसमें पांच चम्मच शहद डाल दें।
- अंत में उस बोतल को बंद कर उसे कम से कम एक दिन के लिए छोड़ दें।
प्रयोग की विधि
- बलगम से बचने के लिए इस सिरपा से रोज़ाना 4-5 चम्मच लें।
- किसी रोग निवारक ट्रीटमेंट के तौर पर आप रोज़ाना एक चम्मच तो यूं ही ले सकते हैं।
- अगर सिरप आपको काफ़ी मीठा लगता है तो उसमें आधा कप गर्म पानी मिला ले सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखें
ब्लड शुगर से जूझते लोगों को इस प्राकृतिक उपाय से परहेज़ करना चाहिए। शहद से उनकी हालत बदतर हो सकती है।
मूत्रवर्धक दवाइयों से इलाज करवाते लोगों को भी हम इस नुस्खे से दूर रहने की ही सलाह देंगे। इसके सेवन से उनकी सेहत पर बुरा असर जो पड़ सकता है।
आमतौर पर बच्चों और बड़ों के इम्यून सिस्टम में यह नुस्खा मज़बूती ले आता है। पोषक तत्वों की भरमार होने के साथ-साथ इसका एक अच्छा और मीठा स्वाद भी होता है।
- Fundación Española de la Nutrición (FEN).
- Schneiter E., Téc M., Yurkiv G. INTI-Entre Ríos Instituto Nacional de Tecnología Industrial.
- Cohen H, Rozen J., Kristal H., Laks Y., et al. Effect of Honey on Nocturnal Cough and Sleep Quality: A Double-blind, Randomized, Placebo-Controlled Study. (2012).
http://pediatrics.aappublications.org/content/early/2012/08/01/peds.2011-3075