स्ट्रेस से लड़ने के लिए 4 शानदार ब्रीदिंग टेक्नीक सीखिए
क्या आप जानते हैं, जब आप स्ट्रेस अर्थात तनाव में होते हैं तो साँस लेने का आपका तरीका बदल जाता है? तनाव और चिंता दोनों ही जिन्दा रहने की प्रक्रियाएं हैं। दरअसल ये हमें उन सभी चीजों से पलायन करने के लिए “आमंत्रित” करते हैं जिन्हें हमारा मस्तिष्क नुकसानदेह या खतरनाक मानता है। तनाव की स्थिति में कुछ ब्रीदिंग टेक्नीक सीखकर हम कुछ अच्छा कर सकेंगे। आज हम आपको उनमें से कुछ बेहतरीन तकनीकों के बारे में बताने वाले हैं।
तनाव की स्थिति में आपका नर्वस सिस्टम और आपका सिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम (SNS) इस तरह की भावनाओं के लिए बहुत ज़ोरदार तरीके से प्रतिक्रिया देता है।
यही कारण है कि आपके दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं, आपकी पल्स बढ़ जाती हैं और साँस लेने का क्रम बिगड़ जाता है। ये सभी लक्षण आपके हार्ट अटैक, एंजाइन पेक्टोरिस या फिर स्ट्रोक (लकवा) से पीड़ित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
यह मत भूलें कि सांस लेने की खराब आदतों के चलते आपके शरीर को उसकी जरुरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जो आगे चलकर नुकसान की वजह बनता है। आपको अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने और ठीक से सांस लेने का तरीका सीखना होगा।
आखिरकार, ठीक से सांस लेने का मतलब अच्छी तरह से जीना है।
हम आपको चार ब्रीदिंग टेक्नीक के बारे में बतायेंगे जो आपकी मदद कर सकती हैं।
1. “स्क्वायर” ब्रीदिंग (“Square” breathing)
स्क्वायर ब्रीदिंग को फोर-स्क्वायर ब्रीदिंग या “संवृति प्राणायाम” के रूप में भी जाना जाता है। सभी श्वसन तकनीकों में यह सबसे आसान तकनीक है।
आप इसे सोने से 20 मिनट पहले बिस्तर पर कर सकते हैं। यह आपको रिलैक्स होने तथा गहरी और आरामदायक नींद लेने में मदद करेगा।
स्क्वायर ब्रीदिंग का तरीका
- सबसे पहले, पीठ सीधी करके और पैरों को एक-दूसरे पर मोड़कर बिस्तर पर बैठ जायें।
- खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें और तीन मिनट तक गहरी सांस लें।
- उसके बाद, तीन सेकंड के लिए सांस अन्दर खींचे, अगले तीन सेकंड अपनी सांस को रोक कर रखें और आखिर में, तीन सेकंड का समय साँस को बाहर छोड़ने के लिए लें।
- एक पल के लिए रुकें।
- फिर, उसी क्रम को दोबारा दोहराएं, लेकिन इस बार समय को बढ़ाकर चार सेकंड कर दें (सांस अन्दर लेने, रोकने, बाहर छोड़ने तीनों में)।
इस क्रम को तब तक दोहरा सकते हैं जब तक आप सात या आठ सेकंड तक न पहुँच जायें। यह पूरी तरह से आपके अनुभव और आपकी अपनी क्षमताओं पर निर्भर करता है।
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2. पेट से सांस लेने की तकनीक (Abdominal breathing techniques)
आपने स्क्वायर ब्रीदिंग टेक्नीक के दौरान जो किया था वह दरअसल आपने सीने में हवा भरने के लिए किया था।
एब्डोमिनल ब्रीदिंग टेक्नीक में आपका लक्ष्य थोड़ा अलग है: आपनी सांसों को अपने डायफ्राम पर फोकस करना, जो स्ट्रेस, तनाव और एंग्जायटी का इलाज करने का बहुत ही असरदार तरीका है।
एब्डोमिनल ब्रीदिंग का तरीका
- सबसे पहले, अपने बिस्तर या किसी सोफे पर लेट जायें।
- फिर एक हाथ को अपने सीने पर और दूसरा हाथ अपने पेट पर रखें।
- तीन सेकंड के लिए अपनी नाक से लम्बी सांस लें।
- ध्यान दें कि कैसे आपका पेट फूलता है और आपकी ऊपरी छाती में खिंचाव होता है।
- आखिर में, चार सेकंड के लिए धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़े।
सही मायने में, आपको उस “जादुई” हिस्से, डायफ्राम पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 हल्के-हल्के व्यायाम करने होंगे।
3. अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Alternative nasal breathing)
अगर आपने पहले कभी इसका अभ्यास नहीं किया है तो एक नाक से सांस लेने वाली यह ब्रीदिंग टेक्नीक आपको थोड़ी अजीब लग सकती है। इसीलिए इसके बेहतरीन फ़ायदों के बारे में जानने के लिए हर दिन थोड़ा-थोड़ा अभ्यास करना एक अच्छा विचार है।
एक बार जब आपको इसकी आदत पड़ जाये तो आप दो चीजें देखेंगे:
- सबसे पहले, यह आपको स्ट्रेस से छुटकारा पाने में मदद करेगा।
- दूसरा, यह आपको अपना ध्यान एकाग्रचित करने में मदद करेगा।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम का तरीका
- सबसे पहले, अपनी पीठ सीधी रखते हुए आरामदायक स्थिति में बैठें।
- कुछ मिनट आराम करें।
- फिर अपने दाहिने हाथ के अँगूठे की मदद से अपनी दाहिनी नाक को बंद करें।
- अब अपनी बाईं नाक से गहरी सांस लें। इसे बहुत धीरे-धीरे करें।
- जब हवा अंदर लेने की सीमा चरम पर पहुँच जायें और आप ज्यादा हवा अंदर न खींच पायें, तो अपनी दाहिनी अनामिका (ring finger) से बाईं नाक को बंद करें।
- फिर दूसरी तरफ से हवा को बाहर छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को आप दोबारा करेंगे, लेकिन दूसरी नाक से। एक बार जब आप दायीं नाक से ज्यादा से ज्यादा साँस ले लेते हैं, तो इसे बंद करें और बाईं नाक से बाहर छोड़ें।
शुरुआत में यह मुश्किल लग सकता है। आपको एक तरफ की नाक को बंद करने और दूसरे को खोलने में बहुत सावधानी रखनी होगी। हालांकि, जैसे ही आपको इसकी आदत पड़ जाती है, यह एक्सरसाइज आपके लिये लयबद्ध और बहुत आरामदायक हो जाती है।
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4. “लगातार” साँस लेना (“Consistent” breathing)
यह स्ट्रेस को कम करने वाली सबसे अच्छी ब्रीदिंग टेक्नीकों में एक और तकनीक है जिसमें थोड़े अभ्यास और धैर्य की जरूरत होती है। आप इसे अपनी क्षमताओं और विशेषताओं के अनुसार आजमा सकते हैं।
हालांकि, जैसे ही आप इसे नियंत्रित करने लगते हैं, आपके पूरे शरीर को इसके फायदे मिलने लगेंगे।
- कंसिस्टेंट ब्रीदिंग टेक्नीक में एक मिनट में पांच बार सांस लेना होता है।
- इस तरह, आप अपनी ह्रदय गति में सुधार करते हैं और नर्वस सिस्टम को आराम पहुँचाते हैं। यह स्ट्रेस को दूर करने का एक अद्भुत तरीका है और बहुत मददगार हो सकता है।
इसे कैसे करना है
- सबसे पहले, कमर सीधी रखते हुए बैठ जायें।
- अपने सामने एक घड़ी रख दें।
- आपका लक्ष्य एक मिनट में पांच बार सांस लेना और छोड़ना है।
- पहले अपने श्वास को नियंत्रित करने की क्षमता को परख लेना एक अच्छा विचार है।
- अगर आप अपने आपको एक मिनट में पांच सांसों तक सीमित नहीं कर पाते हैं, तो छह या सात से शुरूआत करें।
- फिर भी, लक्ष्य 60 सेकंड में पांच सांसों तक पहुंचने का है। एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे।
इन शानदार ब्रीदिंग टेक्नीक को एक बार ज़रूर आज़माएँ!
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