किडनी की सफ़ाई के लिए शानदार डिटॉक्स डाइट
जब हम किसी डाइट की शुरुआत करते हैं तो आम तौर पर हमारा खास मकसद वजन कम करना होता है। फिर भी, कुछ ऐसे डाइट प्लान हैं जो दूसरी जरूरतों को भी पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए, किडनी की सफ़ाई के लिए किडनी डिटॉक्स डाइट।
किडनी किसी स्वस्थ शरीर के अनिवार्य अंग हैं। ये बीन्स के आकार के होते हैं। उनका आकार देख कर उनकी इतनी बड़ी जिम्मेदारियों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वे सिर्फ 8 सेंटीमीटर चौड़े और 13 सेंटीमीटर लंबे हैं। यह लगभग हमारी एक मुट्ठी जितना है।
ये आपकी कमर से ठीक ऊपर और एब्डोमिनल कैविटी के ठीक पीछे हैं। किडनी का खास काम शरीर को डिटॉक्स यानी शुद्ध करना है। वे शरीर के लिए अच्छे और खराब पदार्थों में फर्क करते हैं और खराब पदार्थों को बाहर निकाल देते हैं।
यह मानते हुए कि ये कितने अहम हैं, आज हम अपने पोस्ट में एक जबरदस्त किडनी डिटॉक्स डाइट प्लान की सलाह देना चाहते हैं। इससे आप अपनी किडनी की सफ़ाई करते हुए इन्हें स्वस्थ रख सकते हैं।
किडनी के काम
किडनी शरीर की खास ब्लड फिल्टर है। यह उन पदार्थों को रोक कर रखती है जिन्हें शरीर काम में ला सकता है। बाकी को पेशाब के रस्ते बाहर निकाल देती है। ब्लड फिल्टर करने के अलावा किडनी के और भी काम होते हैं। जाहिर है, इन्हें ठीक रखना कितना जरूरी है। इस बात को ऑनलाइन मेडिकल जर्नल जोना हॉस्पिटलेरिया में समझाया गया है (लेख स्पैनिश भाषा में है)। इसके अनुसार :
- यह हर दिन 1.80 लीटर तरल फिल्टर करती है।
- यह रोज 1.5 से 2 लीटर पेशाब उत्पन्न करती है।
- यह टॉक्सिन को बाहर निकालती है।
- पानी, सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड, कैल्शियम और ग्लूकोज जैसे उपयोगी तत्वों को शरीर में बनाए रखती है।
- यह हॉर्मोन एरिथ्रोपोइएटिन को सिंथेसाइज करने के लिए निहायत जरूरी है। यह हॉर्मोन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
- रेनिन सिंथेसिस में यह अहम भूमिका निभाती है। यह हॉर्मोन ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने का काम करता है।
- विटामिन D का उत्पादन करती है। विटामिन D कैल्सिट्रिओल का उत्पादन करते हुए हड्डियों को स्वस्थ रखता है।
- होमियोस्टेसिस बनाए रखने में शरीर की मदद करता है।
तो अब, किडनी डिटॉक्स डाइट की शुरुआत करें या नहीं करें, इसके लिए हमें उन बातों पर गौर करने की जरूरत है जो किडनी की समस्या का संकेत देते हैं :
- शरीर में जल जमाव (Liquid retention)
- पेशाब करते वक्त दर्द
- ब्लैडर इन्फेक्शन की संभावना
- ब्लड प्रेशर लेवेल का बढ़ना
- संभावित किडनी संक्रमण
- सामग्रिक थकावट
- त्वचा में खुजलाहट
इसे भी पढ़ें: 7 चेतावनी सूचक संकेत किडनी रोग होने के
किडनी डिटॉक्स डाइट
आपको साल में कम से कम एक बार किडनी की सफ़ाई करनी चाहिए। सबसे पहले आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि किन खाद्यों से बचा जाए। क्योंकि वे किडनी के काम पर असर डाल सकते हैं।
आपको ज्यादा नमक खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा कॉफी, मसूर, अखरोट और आलू-बुखारा जैसे खाद्यों से भी बचना चाहिए जो जहरीले अवशेष छोड़ते हैं। प्यूरिन से भरपूर खाद्यों से दूर रहिए। ये शरीर में यूरिक ऐसिड का लेवेल बढ़ा सकते हैं। इनके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं :
- चुन्नी मछली (sardine)
- ऐंचोवीज़ (Anchovies)
- कीमा या भरा हुआ मांस
- ऑर्गन्स (Organs)
- छीमी (Legumes)
इसी तरह ज्यादा पोटैशियम वाले खाद्यों से सावधान रहें। ये किडनी के रोग वाले या साधारणतः कमजोर किडनी वाले लोगों के लिए समस्याएँ खड़ी कर सकते हैं। यदि आपके साथ ऐसी समस्या है, तो पालक, शकरकंद, संतरा, बंदगोभी (cabbage) और आलू से बचें।
आप इसे पढ़ने में दिलचस्पी लेंगे : कोलन को डिटॉक्स करने वाली 5 लाजवाब चाय कैसे बनायें
इनकी ज्यादा खुराक लेने से इन्कार कर दीजिए क्योंकि कुछ भोजन के लिए किडनी को ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। वे नुकसानदेह हो सकते हैं, विशेष रूप से यदि वे ऐनिमल प्रोडक्ट हैं। हालांकि हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप उन्हें डाइट से बिल्कुल हटा दीजिए। आपको उन्हें उचित मात्रा में लेना चाहिए। इन खुराकों को लेने में निगरानी बरतें:
- मांस
- पक्षियों के मांस
- लैक्टोज प्रोडक्ट और उनसे बने खाद्य
- अंडे
चीनी कम खाएं
हम चीनी या शुगर के बारे में अलग से चर्चा कर रहे हैं क्योंकि यह एक ऐसा खाद्य है जिसकी बारंबारता हमारे डाइट में कम होनी चाहिए। शायद यह बात आपने अपने माता-पिता, दादा-दादी या डॉक्टर से भी सुनी होगी।
ज्यादा चीनी खाने से केवल डायबिटीज ही नहीं होता या कोलेस्टेरल लेवेल ही नहीं बढ़ता, इससे किडनी की समस्याएँ भी हो सकती हैं। जिस डाइट में शुगर और सैचुरेटेड फैट ज्यादा मौजूद रहते हैं उसे लेने पर किडनी में कमजोरी आ जाती हैं।
किडनी डिटॉक्स डाइट के लिए क्या खाना चाहिए?
किडनी डिटॉक्स डाइट केवल कुछ दिनों के लिए अपनानी चाहिए। इन खुराकों के लिए डाइयूरेटिक्स एक अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि ये टॉक्सिन को हटाने में शरीर की मदद करते हैं। ब्रोकली, आर्टीचोक (artichoke), अनन्नास, प्याज या वाटरक्रेस वे उदाहरण हैं जिन्हें आप अजमा सकते हैं।
इस तरह के खाद्य लेने के साथ-साथ डाइयूरेटिक ड्रिंक भी लीजिए। सबसे बढ़िया विकल्प वे पेय हैं जिनमें अजवाइन (parsley), सौंफ (anise), कुकरौंधा (dandelion) और हॉर्सटेल मौजूद हों। आपको केवल उबालने के लिए कुछ पानी लाना है और उन सामग्रियों को मिला देना है जो आपको अच्छी लगें। यह अर्क बनाइए और पीजिए, पर एक हफ्ते से ज्यादा नहीं।
यदि आप एक लीटर पानी में हॉर्सटेल का अर्क बनाते हैं, तो आप इसे फ्रिज में रखकर 15 दिनों तक पी सकते हैं। इन अर्कों के साथ डाइयूरेटिक डाइट लेना आपकी किडनी की क्लीन्जिंग के लिए बढ़िया मेल है।
पानी ज्यादा पीजिए
हर दिन दो या तीन लीटर पानी पीजिए। पानी किडनी को ज्यादा कोशिश किए बिना बेरोकटोक काम करने में मदद करता है। यदि आप प्रोटीन लेते हैं तो अपना पानी पीना लगभग एक या दो गिलास बढ़ा दीजिए।
इस डाइट प्लान में वे लोग बिल्कुल शामिल न हों, जिन्हें पेशाब करने में समस्या है, जो सूजन या लिक्विड रिटेन्शन की तकलीफ से पीड़ित हैं। यदि आपके साथ भी यह समस्या है, या आप अपनी किडनी की क्लीन्जिंग का निर्णय लेते हैं, तो पहले अपने प्लान और किडनी डिटॉक्स डाइट के बारे में डॉक्टर की राय लीजिए।
- Duarte, P. F., Chaves, M. A., Borges, C. D., & Mendonça, C. R. B. (2017). Avocado: Characteristics, health benefits, and uses. International News on Fats, Oils and Related Materials. https://doi.org/10.1590/0103-8478cr20141516
- Gupta, P., Nahata, A., & Dixit, V. K. (2011). An update on Murraya koenigii Spreng: A multifunctional ayurvedic herb. Journal of Chinese Integrative Medicine. https://doi.org/10.3736/jcim20110803
- Farid Hossain, M. (2015). Nutritional Value and Medicinal Benefits of Pineapple. International Journal of Nutrition and Food Sciences. https://doi.org/10.11648/j.ijnfs.20150401.22
- Yan, Z., Sousa-Gallagher, M. J., & Oliveira, F. A. R. (2008). Shrinkage and porosity of banana, pineapple and mango slices during air-drying. Journal of Food Engineering. https://doi.org/10.1016/j.jfoodeng.2007.06.004