8 लक्षण: महिलाओं को इन्हें नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए
1. जोड़ों में सूजन के लक्षण
- पेरिफेरल एडिमा
- घुटनों की बुर्सिटिस (घुटने के जोड़ में बुर्सा की सूजन)
- आर्थराइटिस और ऑस्टेओआर्थराइटिस
- घुटनों का स्थायी रोग
- लिवर सिरोसिस
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस
- स्नायुजाल का फटना
- टखने में मोच
- कैंसर
2. पेट में दर्द
पेट दर्द एक ऐसा लक्षण है, जिससे स्त्री और पुरुष, दोनों ही ग्रस्त हो सकते हैं।
लेकिन महिलाओं में इस समस्या के ज़्यादा आम होने की वजह पाचन तंत्र-संबंधी गड़बड़ी के आलावा निम्नलिखित जटिलताओं का उभरना भी हो सकती है:
- ओवेरियन कैंसर
- एंडोमेट्रीओसिस
- पेल्विस में सूजन वाले रोग
- प्रागार्तव (Premenstrual syndrome)
- ओवेरियन सिस्ट
- म्योमा
- सिलीएक रोग
- इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम
- पेट के अल्सर
3. असामान्य रक्तस्राव
अनियमित हार्मोनल एक्टिविटी वाली महिलाओं में असामान्य रक्तस्राव का होना एक आम बात है।
कभी-कभी रक्स्त्राव मैन्सट्रूएशन पीरियड के बाहर भी हो सकता है। कुछेक मामलों में वह मेनोपौस के बाद भी हो सकता है।
किसी भी स्थिति में असामान्य रक्तस्राव से सावधान रहना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह इन रोगों का संभावित परिणाम भी हो सकता है:
- कैंसर (गर्भाशय की लाइनिंग, सर्विक्स या योनि में)
- योनी में स्थायी संक्रमण
- गर्भाशय के फाइब्रॉइड और पॉलिप्स
- सर्वाइकल म्यूकस के संक्रमण
- पेल्विक एरिया में ज़ख्म
- एंडोमेट्रिअल हाइपरप्लेसिया
4. स्तनों में गाँठ का लक्षण
आपको कभी भी अपने स्तनों की बनावट या आकार में किसी भी प्रकार के बदलाव को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
हालांकि स्तन की सभी गांठों या अनियमितताओं का सम्बन्ध कैंसर से नहीं होता, लेकिन यह ब्रैस्ट कैंसर के सबसे प्रमुख लक्षणों में एक है।
- आपको नियमित रूप से खुद अपना चेक करना चाहिए। अपने स्तनों वाले एरिया से लेकर अपनी बगलों तक हाथ लगाकर आप ऐसा कर सकती हैं ।
- कुछ भी मिलने पर, विशेषतः त्वचा में किसी प्रकार की लाली या जलन होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
5. माइग्रेन
माइग्रेन सहित ज़बरदस्त सिरदर्द का कारण अत्यधिक तनाव या कुछ पोषक तत्वों की कमी भी हो सकता है।
महिलाओं के लिए इन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। लगातार सिर में दर्द इन समस्याओं की चेतावनी हो सकता है:
- स्ट्रोक
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल का दौरा
- खून का थक्का बनना
- पाचन रोग
- आँखों की समस्याएं
6. तकलीफदेह सम्भोग
सावधान ! अगर सेक्स तकलीफदेह हो गया है तो यह गड़बड़ी का संकेत है।
हालांकि इन लक्षणों का कारण कामेच्छा (लिबिडो) में कमी भी हो सकती है, लेकिन लगभग हमेशा ही ये किसी बीमारी या हार्मोनल परिवर्तन का संकेत होते हैं।
उदहारण के लिए, मेनोपौस पर पहुँचने वाली महिलाओं को आमतौर पर संभोग के समय दर्द होता है क्योंकि एस्ट्रोजन में आई कमी के कारण योनि में बनने वाले प्राकृतिक लुब्रीकेशन की मात्रा कम हो जाती है ।
अन्य कारणों के अलावा इस लक्षण की ये वजहें भी हो सकती हैं:
- ओवेरियन सिस्ट
- योनि के संक्रमण
- गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब के संक्रमण
- मूत्राशय की सूजन
- एंडोमेट्रिओसिस
- फाइब्रॉइड
7. स्थायी थकान
इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है कि हमेशा होने वाली थकान उन लक्षणों में से एक है, जिन्हें औरतों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
ज़्यादा भाग-दौड़ या काम करने वाले लोगों के साथ ऐसा अक्सर देखा जा सकता है। लेकिन लगभग हमेशा ही यह किसी गंभीर रोग का लक्षण होता है।
इन रोगों का खतरा ही वह कारण है, जिसकी वजह से हमें हमेशा रहने वाली थकान से सतर्क रहना चाहिए, फिर भले ही हम उसके बारे में कितना भी क्यों न जानते हों। यह इन बीमारियों का परिणाम भी हो सकती है:
- लिवर खराब होना
- किडनी खराब होना
- एनीमिया
- कैंसर
- दिल के रोग
- थाइरॉइड के रोग
- स्लीप एपनिया
- मधुमेह
8. वज़न का असामान्य रूप से घटना
अगर आप अपौष्टिक आहार का सेवन करते हैं तो भी आमतौर पर वज़न में असामान्य गिरावट कुछ ही दिनों में आ जाती है। ऐसे मामलों में, रोगी का वज़न अकारण ही निरंतर कम होता जाता है।
जहाँ कुछ लोगों के लिए यह एक करिश्मा हो सकता है, इसके पीछे किसी गंभीर बीमारी का हाथ भी हो सकता है।
अगर असामान्य रूप से वज़न घटने के साथ-साथ आपको भूख भी कम लगती है, तो संभव है कि आप इन रोगों से ग्रस्त हैं:
- सीलिएक रोग
- मधुमेह
- द्रव पदार्थ का अवरोधन
- डिप्रेशन
- पाचन रोग
- कैंसर
- थाइरॉइड रोग
- दिल की समस्याएं
- सांस-संबंधी रोग
हालांकि ये लक्षण हमेशा किसी गंभीर बीमारी को नहीं दर्शाते, याद रखें कि आपको उनकी ओर अपने डॉक्टर का ध्यान ज़रूर खींचना चाहिए, खासकर तब, जब खतरे के कई कारण हों, या आपके परिवार में पहले ही कोई इनसे पीड़ित रहा हो।
इन तमाम मामलों में चेक-अप ज़रूर करवाएं!
- Saccomano, S. J., & Ferrara, L. R. (2013). Evaluation of acute abdominal pain. Nurse Practitioner. https://doi.org/10.1097/01.NPR.0000433077.14775.f1
- Su, W. H., Lee, W. L., Cheng, M. H., Yen, M. S., Chao, K. C., & Wang, P. H. (2012). Typical and atypical clinical presentation of uterine myomas. Journal of the Chinese Medical Association. https://doi.org/10.1016/j.jcma.2012.07.004
- Broner, S. W., Bobker, S., & Klebanoff, L. (2017). Migraine in Women. Seminars in Neurology. https://doi.org/10.1055/s-0037-1607393