टाइप 2 डायबिटीज के मरीज़ों के लिए 7 फायदेमंद जड़ी-बूटियाँ
दुनियाभर में टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) के रोगी भरे हुए हैं। दरअसल यह सबसे आम प्रकार की डायबिटीज है।
शरीर में बनती इन्सुलिन की नाकाफ़ी मात्रा या फ़िर ठीक ढंग से न पचे हुए इन्सुलिन के साथ हमारे खून में ग्लूकोज़ का बढ़ा हुआ स्तर ही इस बीमारी का कारण होता है।
डायबिटीज की स्थिति में ग्लूकोज़ का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करते हुए उससे एनर्जी प्राप्त करने के बजाये हमारा शरीर उसे खून में ही बनाए रखता है।
इस प्रकार की डायबिटीज से बचने के लिए आपको एक्सरसाइज करने के साथ-साथ हेल्दी डाइट का सेवन भी करना चाहिए। लेकिन अगर आप एक कदम आगे जाना चाहते हैं तो टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) की वजह से होने वाली जटिलताओं का मुकाबला करने के लिए कुछ जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
आपको बस इतना ध्यान में रखना होगा कि इनमें से कोई भी जड़ी-बूटी किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हो सकती। इनका इकलौता मकसद आपके शरीर की थोड़ी एक्स्ट्रा मदद करना है, किसी मेडिकल सलाह की अनदेखी करना नहीं।
टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए सबसे अच्छी जड़ी-बूटियाँ कौन सी हैं?
1. हल्दी (Turmeric)
सबसे पहली जड़ी-बूटी है हल्दी। हमारी सेहत के लिए अपने कई उपयोगों के चलते आयुर्वेदिक चिकित्सा में हल्दी का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है।
अपनी सूजनरोधी खूबियों की बदौलत हल्दी आर्थराइटिस और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का मुकाबला करने में भी हमारी मदद कर सकती है।
करक्यूमिन (curcumin) नाम का उसका एक्टिव कंपाउंड हमारे खून में शुगर के स्तर को कम कर देता है।
ग्लूकोज़ के अपने स्तर को कम रखने के लिए आपको बस रोज़ाना थोड़ी-सी हल्दी का सेवन करते रहना चाहिए।
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2. अदरक (Ginger)
बात जब टाइप 2 डायबिटीज से राहत दिलाने वाली जड़ी-बूटियों की आती है तो अदरक का ज़िक्र करना भी लाज़मी है। सर्दी-ज़ुकाम से लेकर पाचन की गड़बड़ियों से निजात दिलाने की अदरक की खूबियों से हम सभी भलीभांति वाकिफ हैं।
इस औषधीय जड़ की विशेषताओं के बारे में अधिक छानबीन करने के लिए पिछले कुछ सालों में अध्ययन किए गए हैं। उनमें से कई अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों की सेहत के लिए अदरक फायदेमंद होती है।
- अदरक की खूबियों का लाभ उठाने का एक अच्छा तरीका होता है 8 हफ़्तों तक रोज़ाना बिल्कुल खाली पेट अदरक के पाउडर के आधे चम्मच (2 ग्राम) का सेवन करना।
- एक सूजनरोधी औषधि होने के नाते वह हमारे शरीर में सूजन को भी कम कर देती है – वही सूजन, जो डायबिटीज के रोगियों में नज़र की परेशानियों की वजह बन सकती है।
3. दालचीनी (Cinnamon)
खाने के बाद ग्लूकोज़ के सोखे जाने की प्रक्रिया को धीमा करने के अपने गुण की वजह से दालचीनी आपके खून में शुगर लेवल को स्थिर रखने में मददगार साबित हो सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल ठीक रखने में भी मददगार होती है।
- दालचीनी दो प्रमुख प्रकार की होती है। आपके खून में ग्लूकोज़ को कम करने के लिए कैसिया (Cassia) सबसे कारगर किस्म की दालचीनी होती है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि लंबे वक़्त तक इसका सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुँच सकता है।
- अगर आप दालचीनी का सेवन रोज़ाना करना चाहते हैं तो हमारा सुझाव है कि सीलन (Ceylan) नाम की दालचीनी का इस्तेमाल करें।
- अगर ऐसा नहीं है तो हफ़्ते में एक या दो बार कैसिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. काली कढ़ी (Black curry)
काली कढ़ी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज से जूझते लोगों को फायदा हो सकता है।
इस बीज के ये फायदे होते हैं:
- हमारे खून में लिपिड कम हो जाता है।
- हमारा शरीर सूजन और बैक्टीरिया का मुकाबला कर पाता है।
- हमारा दिल और लीवर सुरक्षित रहते हैं।
काली कढ़ी के सेवन से आपके ब्लड शुगर लेवल में भारी गिरावट आ सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितना ऊपर है।
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5. घृतकुमारी यानी एलोवेरा (Aloe vera)
यह औषधि आपके लिए कई तरह से उपयोगी साबित हो सकती है। सनबर्न्स को ठीक करना, आपके घावों को भरना व बालों की यूवी किरणों से रक्षा करना, आपका वज़न कम करना व आपके ग्लूकोज़ लेवल को नियंत्रित करना आदि उसके कुछ फायदे हैं।
- एलो वेरा आपके खून में शुगर के स्तर को कम कर सकता है।
- इस पौधे का भरपूर लाभ उठाने के लिए आपको रोज़ाना थोड़े-से ताज़ा एलो वेरा का सेवन करना चाहिए।
- आप इसे अपनी स्मूदी में भी डाल सकते हैं या खीरे और नींबू का इस्तेमाल कर इसकी एक ड्रिंक भी बना सकते हैं।
6. बर्बरीन (Berberine)
एक कम जाने-माने पौधे का एक्सट्रेक्ट होने के बावजूद खून में लिपिड और शुगर के स्तरों को कम करने की अपनी कमाल की लाभकारी खूबियों के चलते बर्बरीन टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए काफ़ी उपयोगी हो सकता है। और तो और, वह सूजन को भी कम करने में काफ़ी कारगर होता है।
लेकिन इसके इस्तेमाल में आपको सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसके अत्यधिक सेवन से आपको कुछ साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है। पेट दर्द और बादी इसके दो सबसे गंभीर साइड इफेक्ट होते हैं।
अगर आप इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो हमारी सलाह है कि पहले एक हफ्ते तक इसका इस्तेमाल कर इसके प्रति अपनी शरीर की प्रतिक्रिया को देख-परख लें। साथ ही, इसके साइड इफेक्ट पर भी ध्यान दें।
7. ब्लूबेरी की पत्तियां
यह हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि बेर खाने से आप टाइप 2 डायबिटीज से बचे रह सकते हैं। लेकिन ब्लूबेरी की पत्तियों का इस्तेमाल आप चाय बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
ऐसा करके कई कमाल के नतीजे आपके हाथ लग सकते हैं, जैसे कि चाय पीने के बाद ब्लड शुगर के आपके गिरे हुए स्तर व आपके शरीर में मौजूद खतरनाक ग्लूकोज़ की मात्रा में आई कमी।
सामग्री
- एक लीटर पानी
- ब्लूबेरी की दस पत्तियां
बनाने व सेवन की विधि
- एक लीटर पानी को उबाल लें। जब वह अच्छी तरह से उबलने लगे तो उसमें ब्लूबेरी की पत्तियां डाल दें।
- दस मिनट तक उन्हें उबलने दें। फिर उन्हें आंच पर से हटा लें।
- कुछ देर बाद चाय, स्मूदी या पानी के रूप में उनका लुत्फ़ उठाएं।
- उसमें किसी तरह का कोई भी स्वीटनर डालने से परहेज़ करें।
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