7 खाद्य पदार्थ: लीवर और पैंक्रियाज़ की सूजन से लड़ने के लिए
अक्सर यह कहा जाता है कि हमारी मॉडर्न लाइफस्टाइल और खानपान हमारे लीवर और पैंक्रियाज़ की सेहत के लिहाज से ठीक नहीं हैं।
जितना ज्यादा प्रोसेस्ड फूड आप खाते हैं और वे अपनी प्राकृतिक स्थिति से जितनी दूर होते हैं, इन महत्वपूर्ण, संवेदनशील अंगों में वे उतनी ही ज्यादा समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
ज़रा ठहरिये! एक पल के लिए अपनी जीवनशैली और आदतों के बारे में सोचिए: धूम्रपान, बैठे रहना, मीठा खाना, प्राकृतिक फलों के बजाय पैक किए हुए जूस का सेवन करना … ये सभी आपके लीवर और पैंक्रियाज़ पर खतरनाक असर डाल सकते हैं।
दिन भर थक कर घर लौटने पर कुछ ताज़ा, स्वास्थ्यवर्धक पकाने और इसके पोषक तत्वों को खाने में वक्त बर्बाद करने के बजाय फ्रिज में रखे हुए खाने को चुनना आसान होता है।
आखिरकार सही डाइट बनाने के लिये दो ज़रूरी चीजें लगती हैं: समय और इच्छाशक्ति।
हम आपको अपनी देखभाल करने का एक अहम पक्ष दिखाना चाहते हैं। इन बेहतरीन खाद्य पदार्थों को अपने रोज़ाना के आहार में शामिल करने से आपके लीवर और पैंक्रियाज़ पर जबरदस्त असर पड़ता है।
अगर ये दोनों मुख्य अंग ठीक से काम कर रहे हैं, तो यह आपको अंदर और बाहर दोनों तरफ से महसूस होगा।
1. अपने लीवर और पैंक्रियाज़ के लिए प्राकृतिक चुकंदर और गाजर का जूस (Natural beet and carrot juice)
लीवर की सूजन, जिसे हेपेटोमेगाली के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो कई वजहों से हो सकती है। इसमें लिवर में ही फैट का जमना, वायरस या फिर हेपेटाइटिस भी शामिल हो सकते हैं।
आपका डॉक्टर आपको बता सकता है, आपके लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है।
लेकिन अभी भी यह ज़रूरी है कि आप अपनी डाइट का ध्यान रखें और नेचुरल जूस पियें, जो आपके अग्न्याशय (pancreas) के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है।
यहाँ एक बहुत ही सेहतमंद नेचुरल जूस है जो आपको पसंद आएगा:
जरूरी चीजें:
- 1 चुकंदर
- 1 गाजर
- 5 बड़े चम्मच नींबू का रस (50 मिलीलीटर)
- 1 कप पानी (200 मिलीलीटर)
बनाने का तरीका
- पहले चुकंदर और गाजर को अच्छी तरह से धो लें, फिर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़े में काट लें ताकि उन्हें ब्लेंड करना आसान हो जाये।
- एक बार जब आप दोनों चीजों को ब्लेंड कर लें, तो एक कप पानी और नींबू का रस मिलाएं।
- ज्यादा फ़ायदेमंद नतीजे पाने के लिए इसे सुबह ही पियें।
इसे भी आजमायें : 10 खाद्य पदार्थ जो लीवर की सफ़ाई करते हैं
2. ग्रीन टी (Green tea)
लीवर और पैंक्रियाज़ की सेहत बढ़ावा देने के लिए ग्रीन टी एक शानदार पेय है।
यह न केवल आपको सूजन से लड़ने में मदद करेगी, बल्कि इसमें मौजूद कैटचिन के कारण यह आपके लीवर और पैंक्रियाज के कामकाज में भी सुधार करेगी।
यह लिवर में फैट की मात्रा को कम करने में भी मदद करती है और अपने उच्च एंटीऑक्सिडेंट तत्वों के कारण इसे तेजी से पुनर्जीवित (regenerate) होने में मदद करती है।
लेकिन आपको इसे सुझायी गयी मात्रा से ज्यादा नहीं पीना चाहिए: एक दिन में एक कप से ज्यादा न पियें।
3. ऐवोकैडो (Avocado)
ऐवोकैडो ग्लूटाथियोन से भरपूर होते हैं। यह एक प्रोटीन-रहित ट्रिपेप्टाइड है जो एमिनो एसिड से प्राप्त होता है और आपके लीवर और पैंक्रियाज़ में टॉक्सिन घटाने में मदद करता है।
इसके अलावा, यह मत भूलें कि ऐवोकैडो में भरपूर मात्रा में मोनो-अनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है, जो “अच्छे फैट” के रूप में भी जाना जाता है।
ये आपकी धमनियों की दीवारों के लिए बढ़िया होते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं, ताकि यह आपके लीवर द्वारा और आसानी से मेटाबोलाइज़ हो जाए।
4. जैतून का तेल (Olive oil)
जैतून का तेल, भाँग का तेल (hemp oil) और अलसी का तेल (flax-seed oil) जैसे ऑर्गेनिक कोल्ड प्रेस्ड ऑयल आपके यकृत और अग्न्याशय के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं।
लेकिन याद रखें, आपको उन्हें संतुलित मात्रा में जितना हो सके प्राकृतिक रूप में लेना होगा: उदाहरण के लिए सलाद में या कुछ गेहूं के टोस्ट में एक बूँद।
वे इन दो अंगों में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, उन्हें हानिकारक जहरीले पदार्थों से छुटकारा दिला सकते हैं, और आपके पूरे शरीर के स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
इसे भी आजमायें : फैटी लीवर से मुकाबले के अविश्वसनीय प्राकृतिक नुस्ख़े
5. वैकल्पिक अनाज (Alternative grains)
जब हम “वैकल्पिक अनाज” कहते हैं, तो हम फाइबर, प्रोटीन और मिनरल के स्रोतों के बारे में बात कर रहे हैं जिन्हें हम अपने रोज की डाइट में शायद ही कभी पाते हैं। आम उत्पादों की तुलना में उनके और भी कई सारे फ़ायदे हैं।
बाजरा, क्विनोआ (quinoa) और बक्वीट (buckwheat) इस फ़ूड ग्रुप के सबसे अच्छे उदाहरणों में से हैं।
इन अनाजों में एंजाइम पाए जाते हैं जो पाचन के लिए अच्छे होते हैं और आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल और आपके दिल पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
जाइये और ग्रोसरी स्टोर के किसी खास सेक्शन में उन्हें ढूंढना शुरू कीजिए ताकि आप उनके फायदे ले सकें।
6. आर्टिचोक (Artichokes)
आर्टिचोक बहुत समृद्ध होते हैं और किसी भी खाने के लिए एक अच्छे सहायक होते हैं। वे अग्न्याशय, यकृत और पित्ताशय के लिए लाभदायक हैं।
वे फैट के उचित डाइजेशन को बढ़ावा देते हैं, सूजन को कम करते हैं और एक सुस्त या फैट से भरे लीवर के कामकाज में सुधार करते हैं। यह सब आपके लीवर और पैंक्रियाज़ में मौजूद टॉक्सिन को साफ़ करने में मदद करता है और आपके मलोत्सर्ग (bowel movement) को बेहतर बनाता है।
रात के खाने में थोड़ा सिरका, जैतून के तेल और नींबू रस से बनाये गए आर्टिचोक को आजमायें।
7. पपीता (Papaya)
सबसे आखिर में पपीता है: एक स्वादिष्ट मौसमी फल से कहीं ज्यादा जो पाचन को बेहतर बनाता है।
क्रिप्टोजैन्थिन (cryptoxanthin) जैसे फ्लेवोनोइड की उच्च मात्रा के चलते यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है, कोशिकाओं की ऑक्सीकरण प्रक्रिया को धीमा करता है और लीवर और पैंक्रियाज़ की सूजन भी कम करता है।
जब भी आपको मौका मिले इस फल को ज़रूर खायें, आपका शरीर आपको धन्यवाद देगा!
- Baladia, Eduard, Basulto, Julio, Manera, María, Martínez, Rodrigo, & Calbet, David. (2014). Efecto del consumo de té verde o extractos de té verde sobre el peso y la composición corporal: revisión sistemática y metanálisis. Nutrición Hospitalaria , 29 (3), 479-490. https://dx.doi.org/10.3305/NH.2014.29.3.7118
- Cruzado, Martín, Pastor, Ana, Castro, Nino, & Cedrón, Juan Carlos. (2013). Determinación de compuestos fenólicos y actividad antioxidante de extractos de alcachofa (Cynara scolymus L.). Revista de la Sociedad Química del Perú, 79(1), 57-63. http://www.scielo.org.pe/scielo.php?script=sci_arttext&pid=S1810-634X2013000100008&lng=es&tlng=.
- García-Rodríguez, MC, Vilches-Larrea, RE, Nicolás-Méndez, T., & Altamirano-Lozano, MA. (2012). El té verde en la quimioprevención in vivo del daño genotóxico inducido por metales cancerígenos (cromo [VI]). Nutrición Hospitalaria , 27 (4), 1204-1212. https://dx.doi.org/10.3305/nh.2012.27.4.5672
- Gaucher, C., Boudier, A., Bonetti, J., Clarot, I., Leroy, P. y Parent, M. (2018). Glutatión: propiedades antioxidantes dedicadas a las nanotecnologías. Antioxidantes , 7 (5), 62. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5981248/
- Lama Toro, Alexis. (2018). El debate sobre la importancia del colesterol LDL y el uso de estatinas. Revista Chilena de Cardiología , 37 (3), 217-219. https://dx.doi.org/10.4067/S0718-85602018000300217
- Leiva, Ana María, Martínez, María Adela, Cristi-Montero, Carlos, Salas, Carlos, Ramírez-Campillo, Rodrigo, Díaz Martínez, Ximena, Aguilar-Farías, Nicolás, & Celis-Morales, Carlos. (2017). El sedentarismo se asocia con un aumento de los factores de riesgo cardiovascular y metabólico independientes de los niveles de actividad física. Revista médica de Chile , 145 (4), 458-467. https://dx.doi.org/10.4067/S0034-98872017000400006
- Lenzi de Almeida, Kátia Calvi, Spreafico Fernandes, Flávia, Teles Boaventura, Gilson, & Guzmán-Silva, Maria Angélica. (2008). EFECTO DE LA Semilla de Linaza (Linum Usitatissimum) SOBRE EL CRECIMIENTO DE RATAS WISTAR. Revista Chilena de Nutrición , 35 (4), 443-451. https://dx.doi.org/10.4067/S0717-75182008000500007
- León Cam, Juan José. (2017). El aceite de Cannabis. Revista de la Sociedad Química del Perú, 83(3), 261-263. http://www.scielo.org.pe/scielo.php?script=sci_arttext&pid=S1810-634X2017000300001&lng=es&tlng=es.
- Souza, PALD, Marcadenti, A. y Portal, VL (2017). Efectos de los compuestos fenólicos del aceite de oliva sobre la inflamación en la prevención y tratamiento de la enfermedad arterial coronaria. Nutrientes , 9 (10), 1087. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5691704/
- Zaveri, N. T. (2006). Green tea and its polyphenolic catechins: Medicinal uses in cancer and noncancer applications. In Life Sciences. http://doi.org/10.1016/j.lfs.2005.12.006
- Perea, J., & Subirats, J. (2005). La digestión. In Biología. ESO.
- Posada, A. (2016). Las causas. ATLAS DE DIA.