6 संकेत लीवर में सूजन के

लीवर वह अंग है जो संपूर्ण शरीर की साफ़-सफ़ाई के लिए जिम्मेदार है। यह उन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है जिन्हें हमारा शरीर खुद परिवर्तित नहीं कर पाता है।
6 संकेत लीवर में सूजन के

आखिरी अपडेट: 12 जुलाई, 2018

लीवर में सूजन जिसे हेपेटोमिगेली भी कहा जाता है वह स्थिति है जिसमें लीवर का आकार बढ़ जाता है। इसके अलावा इसके कई अन्य लक्षण भी होते हैं।

आजकल यह रोग बहुत आम हो गया है। इसका पता कैसे लगाया जाए, यह जानने में यह पोस्ट आपकी मदद करेगी।

लीवर क्या कार्य करता है?

लीवर मुख्य रूप से शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर (डिटॉक्सीफाई) निकालने के काम करता है। जैसेः

  • विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना (डिटॉक्सीफिकेशन)
  • विटामिन और ऊर्जा का भंडारण
  • पित्त का स्राव, जो पाचन के लिए एक आवश्यक पदार्थ है
  • ख़ून की सफ़ाई

लीवर में सूजन होने का क्या अर्थ है?

हेपेटोमिगेली के नाम से भी जाने जानी वाली लीवर की सूजन का अर्थ केवल लीवर का आकार या चौढ़ाई बढ़ना ही नहीं है

इसका अर्थ यह भी है कि लीवर अपनी सामान्य सीमाओं से बाहर जाकर काम कर रहा है जिसके कारण कई जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।

इसके साथ-साथ आसपास के अंग भी काम करना बंद कर देते हैं। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि एक बार लीवर बीमार पड़ जाता है तो पूरे शरीर में गड़बड़ियां शुरू हो जाती है।

दूसरी ओर लीवर में सूजन है या नहीं, इस बात की पुष्टि करना बहुत कठिन काम है। फिर भी हम विभिन्न संकेतों के माध्यम से हालत बिगड़ने से पूर्व पहले कुछ चरणों में ही इसका पता लगा सकते हैंः

1. दर्द

हालांकि पहले पहल दर्द बहुत हल्का होता है पर समय बीतने के साथ-साथ यह और तेज़ होता जाता है।

लीवर से जुड़े दर्द की विशेषता उसका स्थान हैः यह हमेशा पेट की दायीं तरफ ऊपरी हिस्से में होता है

इसी के साथ-साथ पेट सूजा या फूला हुआ दिखता है और समय के साथ बड़ा नज़र आता है।

2. बुखार

बुखार आना किसी संक्रमण, वायरस या बैक्टीरिया के कारण शरीर के स्वास्थ्य में बदलाव का संकेत है।

अगर आपको लगातार बुखार रहता है तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में कहीं कुछ गड़बड़ है। वहीं अगर आपके लीवर में सूजन है तो फिर बुखार आना बहुत सामान्य बात है।

3. पीलिया

पीलिया का हमारे लीवर के साथ सीधा संबंध है। अगर आपके लीवर में कोई बीमारी लग गई है तो आपको अपनी त्वचा और आंखें पीली पड़ती हुई नज़र आएंगी

4. मतली

आपको याद दिला दें कि लीवर का मुख्य काम शरीर से विषाक्त या ऐसे पदार्थ बाहर निकलना है जिन्हें शरीर परिवर्तित नहीं कर पाता है।

अगर लीवर अपना काम करने में नाकाम रहता है तो अत्यधिक फैट, नमक, आटा और ज़्यादा मसालेदार खाद्य पदार्थों का पाचन बहुत मुश्किल हो जाएगा। नतीजतन, आपको मतली आना शुरू हो जाएंगी या फिर आपकी तबीयत बिगड़ जाएगी

5. मल

मल और मूत्र की जांच -पड़ताल करके हम अपने शरीर के स्वास्थ्य की स्थिति जान सकते हैं। हालांकि देखने में यह बहुत अच्छा नहीं लगता है पर कुछ सेकेंड तक रुक कर अवलोकन करने के कई फायदे हैं।

जब लीवर काम करना बंद कर देता है तो मल का रंग बहुत हल्का हो जाता है। कभी-कभी यह बिल्कुल सफ़ेद दिखता है।

साथ ही, मूत्र का रंग बहुत गहरा हो जाता है और इसमें एसिड का गाढ़ापन बढ़ जाता है

6. मुंह का स्वाद बिगड़ना

आपको अपने मुंह का स्वाद बिगड़ा हुआ लगेगा क्योंकि जिन विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए था, वे अब एकत्र होना शुरू हो जाते हैं। फिर ये दुर्गंध पैदा करना शुरू कर देते हैं जो आपके मुंह तक पहुंच जाती है। इसी वजह से आपके मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है।

लीवर की सूजन के क्या कारण हैं?

चूंकि हमारा लीवर एक ऐसा अंग है जो शरीर की सभी अहम प्रक्रियाओं में शामिल रहता है, इसलिए सूजन के कई संभावित कारण हैं। इनमें कुछ हैंः

  • अत्यधिक शराब पीना
  • हेपेटाइटिस से संक्रमण
  • बैक्टीरिया से संक्रमण
  • किसी दवाई का नशा
  • फैटी लीवर
  • अधिक वजन

लीवर की सूजन का उपचार कैसे कर सकते हैं?

लीवर की सूजन ऐसी स्थिति नहीं है जिसका उपचार नहीं किया जा सकता है। उचित खुराक लेने, नियमित व्यायाम और नशीले पेय पदार्थों से परहेज करने से लीवर अपनी सामान्य स्थिति में लौट सकता है।

लीवर ठीक करने के कुछ प्राकृतिक नुस्ख़े

1. सिंहपर्णी (डेंडेलियन)

सिंहपर्णी या डेंडेलियन में शुद्धीकरण के गुण होते हैं जो अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को हमारे शरीर से बाहर निकालने में मददगार हैंः

  • 50 ग्राम डेंडेलियन को एक कप (120 मिली.) पानी से भरे एक बर्तन में डालें।
  • इसे 15 मिनट तक उबलने दें।
  • गैस कम कर दें और इसे मिश्रित होने दें।
  •  डेंडेलियन को पानी से बाहर निकाल लें और बचा हुआ तरल पी जाएं।

आप इस चाय को रोज़ाना 3-4 बार पी सकते हैं।

2. इमली

इमली हमारे शरीर की सफ़ाई करने के लिए अति उत्तम है।

  • 500 ग्राम छिलकेदार इमली लें और उसे आधा लीटर पानी में एक बर्तन में डालें।
  • फिर इसे कम से कम 20 मिनट तक उबलने दें।
  • इमली को बाहर निकाल लें और पानी को ठंडा होने दें।

आप इस चाय को दिन भर पी सकते हैं और इससे आपका लीवर पूरी तरह स्वस्थ रहने की गारंटी है।

3. नींबू का रस

नींबू में पाचक और मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो हमारे शरीर की सफाई और लीवर को आराम पहुंचाने में मददगार होते हैं

  • चार बड़े नींबुओं का रस निकालें।
  • एक जार में आधा लीटर पानी लेकर उसमें नींबू का रस मिला दें।
  • फिर इसे खाली पेट पी जाएं।

उपरोक्त सभी सलाह अपनाकर आप अपना शरीर फिर से स्वस्थ कर सकते हैं।

इसके बाद भी अगर आपको कोई सुधार नहीं नज़र आता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और अपनी स्थिति और उपचार तय करने के लिए आवश्यक टेस्ट करवाएं।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।