6 आदतें जो आपको सुखी और सफल महिला बना देंगी
एक सुखी और सफल महिला बनना जितना आप सोचती हैं, उतना मुश्किल नहीं है। यह महज एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में आपकी मदद के लिए रोजाना की कुछ अच्छी मनोवैज्ञानिक आदतों को अपनाने का मसाला है।
हमें शुरू से ही यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि कामयाबी प्रतिष्ठा में, मशहूर होने या व्यापक सोशल नेटवर्क बनाने में नहीं मिलती, जहाँ आप अपने को प्रशंसित और परिचित होने के उद्देश्य से लगाए रखते हैं।
यह उससे सरल और अधिक मौलिक है। प्रामाणिक सफलता व्यक्तिगत संतुष्टि पाने और अपने सपनों तथा उपलब्धियों के बीच संतुलन बनाए रखने में है।
हम उस खुशी को अपनी मुट्ठी में रखने की बात कर रहे हैं जो आपको दृढ़, मुक्त और निडरता से भविष्य का सामना करने में सक्षम बनाती है।
यहाँ, आपको अपनी सफलता तलाश करने की 6 रणनीतियाँ हम प्रस्तावित करेंगे
1. हर दिन अपने व्यक्तिगत विकास में लगाएं
व्यक्तिगत विकास से हमारा क्या तात्पर्य है? हमें यकीन है कि आपने इस शब्द को पहले भी सुना है, या इसे किसी पुस्तक अथवा किसी लेख में देखा-पढ़ा होगा।
हालांकि, यह याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है : हर व्यक्ति को इस मामले में स्पष्ट होना चाहिए कि कौन-कौन सा मानसिक पहलू उनकी कमजोरी है।
व्यक्तिगत विकास व्यक्तिगत है। अत: जो काम एक के लिए ठीक है वह दूसरे के लिए नहीं हो सकता है।
हो सकता है, दूसरे क्या सोचते हैं इस बात की चिंता किए बिना कोई साहसिक फैसला लेने में असमर्थता ही आपकी दुखती रग हो। हो सकता है आप जरूरत से ज्यादा विनीत, आत्मसंतुष्ट या असुरक्षित हों।
यह जानने के लिए कि किन क्षेत्रों में मजबूती से काम शुरू करना है, पहले अपनी कमजोरियों में झांकें।
खोजें : 5 स्वीकृतियाँ जो स्वयं को क्षमा करने में सहायक हो सकती हैं
2. अपना लक्ष्य पाने के लिए यथार्थवादी बनें
हिमालय पर कोई भी कूदते हुए नहीं चढ़ सकता। चढ़ाई में ज़रूरी है कि आपके हाथ और पैर की पकड़ दृढ़ हो एवं सतह सुरक्षित हो। आप कौन सी पर्वत शिखर पर पहुंचना चाहते हैं, यह भी बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए।
जब ये बातें आपकी सफलता और खुशी के लक्ष्य को प्राप्त करने में शामिल हो जाती हैं, तो यह वही है : आपको निश्चित रूप से निपुण और यथार्थवादी बनना चाहिए।
आप निम्नलिखित सवाल खुद से पूछें :
- अपना लक्ष्य जो आपने तय किया है, वह प्राप्त करने योग्य है?
- आपके पास क्या दृष्टिकोण है जो आपको उन तक पहुंचाने में मदद करेंगे?
- आपके लक्ष्य छोटे या लंबे समय के हैं?
- उन तक पहुंचने के लिए आपको किन संसाधनों, रणनीतियों या क्षमताओं की आवश्यकता है?
- इन लक्ष्यों से संबंधित पहले भी आपने कुछ किया है ताकि आपको अंदाजा हुआ हो कि वहाँ कैसे पहुंचा जाए?
- क्या आप सच में प्रेरित हैं?
3. अपना निजी डेली एक्शन प्लान अपनाएँ
कार्य योजना जो आपको यह सफलता दिलाएगी, निश्चित तौर पर वह आपके द्वारा तैयार होनी चाहिए। अपनी योजनाओं के साथ, विस्तृत लक्ष्यों और आपकी अपनी उम्मीदों से भरी हुई यह बिल्कुल आपकी ही हो।
- अपनी छोटी या लंबी अवधि के लक्ष्य तक पहुंचने का आप द्वारा तैयार रास्ता।
- कार्य योजना में प्रतिदिन आपको समय, ऊर्जा और जोश का निवेश करना चाहिए।
- इसे उपेक्षित करने का कोई बहाना न करें। आपको सचेत रहना होगा कि जो कुछ भी आपने शुरू किया है उसे समाप्त भी करें।
इस बारे में सीखें : भावनात्मक विकास के लिए अपने को इन 5 बातों की इजाजत दें
4. मूर्खतापूर्ण, हानिकारक और बेकार की बातों पर ध्यान न दें
आपकी खुशी आपकी है। आपकी सफलता की योजना व्यक्तिगत है, आपके सपने पर आपका नाम लिखा है जिसे किसी को उपहास करना या नीचा दिखाना नहीं चाहिए।
अच्छे विचार, विवेकपूर्ण सलाह, अच्छी ऊर्जा और नये दृष्टिकोण का स्वागत करें, ये उपयोगी हो सकते हैं।
लेकिन अपने कान बंद कर लें जब कोई आपसे कहे, ‘आप इसे नहीं कर सकते’., ‘आप इसके लायक नहीं हैं’ या ‘वह जहाज रवाना हो गया है‘।
5. दृढ़ता और विरोध : सुखी रहने के लिए अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें
कठिन समय आएगा। संशय भरे दिन होंगे और ऐसे क्षण जहाँ आप अपने से पूछेंगे कि आपने क्या पाया।
वे विचार परीक्षण हैं आगे बढ़ने के, क्योंकि आपका दिमाग परिवर्तन का बहुत प्रतिरोधी है और हमेशा फुसफुसाएगा, ‘वहीं रहो जहाँ तुम हो, अपने आरामगाह में वापस आओ।’
फिर भी इसे याद रखें : आपके आरामगाह (कम्फर्ट जोन) में कुछ भी नया विकसित नहीं होता।
आपको अपनी सफलता प्राप्त करने और खुशी हासिल करने के लिए दृढ़ता के साथ प्रतिरोध करना चाहिए।
6. उपलब्धि और सफलता की ओर बढ़ते हर कदम के प्रति शुक्रगुजार रहें
आपके द्वारा उठाए गए हर कदम के प्रति शुक्रगुजार होना आत्मपूजा नहीं है। आपकी हर उपलब्धि और हर प्रयास से प्राप्त परिणामों के लिए एक स्वीकृति है।
उपलब्धि को पहचानने में सक्षम होना ठीक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना यह जानना कि आप कहाँ गलत हो रहे हैं।
इस तरह आप सफलता तक पहुंचेंगे : विनम्र, वास्तववादी, वस्तुवादी और आत्म जागरूकता का अभ्यास करते हुए। स्वयं को अपने सपनों के लिए लड़ने वाला बहादुर और योग्य समझें।
जीत और खुशी के हर उस पल के लिए शुक्रगुजार रहें जिसने आपके लक्ष्य को आपकी आँखों से ओझल नहीं होने दिया।
खुश रहना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निरंतर निवेश की आवश्यकता है। क्योंकि अगर आप हार मान लेते हैं, तो आप यह सब खो देते हैं। सफलता और कुछ नहीं, बल्कि दृढ़ता, स्थिरता और स्थायी दृष्टि का मेल है।
मुख्य चित्र सौजन्य : wikiHow.com