5 योगासन अभ्यास करें, यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं हैं
बहुत से ऐसे लोग हैं जो बहुत ज्यादा इनफ्लेक्सिबल हैं। इसके कारण उनकी मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। इससे उन्हें स्ट्रेचिंग या योगासन अभ्यास करने में निराशा भी होती है।
इसलिए, आज आप 5 योगासन अभ्यास करना सीखेंगे। यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं हैं तो यह आपको बेहतर महसूस करने में मदद करेंगे।
योगासन अभ्यास केवल मानसिक सुख ही नहीं देता, बल्कि यह हमारी शारीरिक अवस्था सुधारने में भी मदद करता है। फिर भी, यदि आपकी फ्लेक्सिबिलिटी बहुत कम है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप योगासन अभ्यास कर ही नहीं सकते। इसके ठीक विपरीत, आपके लिए अनुकूल कई आसन हैं।
5 योगासन अभ्यास करें यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं हैं
हम कुछ योगासन अभ्यास देखेंगे जो आपके ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं होने पर भी आपकी मदद करेंगे। समय के साथ, ये आपकी फ्लेक्सिबलिटी में सुधार करेंगे। हालांकि, आपको धीरज रखना पड़ेगा और अटल बना रहना पड़ेगा।
यह जरूर है, कि आप अपने शरीर पर ज्यादा जबर्दस्ती कभी न करें। यह आपको चोट पहुँचा सकता है।
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1.चाइल्ड्स पोज
यह योगासनों में पहला है जो आपके ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं होने पर भी आपको अच्छा लगेगा। मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए, साधारणतः, इसे योगासन अभ्यास के सेशन के अंत में किया जाता है।
इस आसन को ताडासन भी कहा जाता है और यह बहुत ही अहम आसन है। यह आपके हिप्स, जांघों और टखनों को स्ट्रेच करता है। इससे आपकी पीठ का दर्द कम होता है। बहुत से लोग इसे पाइन पोस्चर या वृक्ष आसन करने के बाद सर्वाइकल मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए करते हैं।
2. डाउवार्ड फेसिंग डॉग या अधोमुख स्वानासन
यह दूसरा योगासन पहले पहल कुछ असुविधाजनक हो सकता है। इसे करने का उपाय है, अपने सिर को अपनी बाहों के बीच रख कर अपनी बाहों और पैरों को स्ट्रेच करते हुए, अपने शरीर से एक पर्वत सा बना लेना।
यह आदर्श आसन तब होगा जब आपके पाँव पूरी तरह से धरती पर जमे रहेंगे। यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं हैं, तो शुरुआत में इसे नहीं कर पाएँगे, और आपको अपनी एड़ियाँ ऊपर उठा देनी पड़ेंगी।
फिर भी, चिंता नहीं करें। अभ्यास और समय के साथ, आप अपनी एड़ियों को नीचे ला सकेंगे जब तक वे जमीन न छू लें। यह आसान रक्त संचालन बढ़ाता है और शरीर को स्ट्रेच करता है। यह वार्म अप करने के लिए आदर्श आसन है।
3. ब्रिज
यदि आप ज्यादा इन्फ्लेक्सिबल हैं, तो सही तरीके से यह योगासन अभ्यास करना भी मुश्किल हो सकता है। फिर भी, पिछले आसन की तरह, समय के साथ, आप इसे ज्यादा बेहतर करना सीख लेंगे। इस तरह आप इसके सारे फायदों का लाभ उठाएँगे।
- अपनी पीठ के बल लेट कर, आप अपने हिप्स को जितना ऊपर उठा सकें, उठाइए।
- आपके पाँव पूरी तरह से जमीन पर जमे रहेंगे, आपकी बाहें आपके शरीर के साथ-साथ स्ट्रेच होनी चाहिए। आपके हाथ अंतर्गथित रहेंगे।
यह आसन, पाचन में सुधार लाने के अलावा, ऐब्डॉमिनल कैविटी के अंगों को उकसाने में मदद करता है। महिलाओं के लिए यह सबसे अहम आसन है, क्योंकि यह मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
4. हाफ पीजन पोस्चर
यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं हैं, तो यह चौथा योगासन,समय के साथ, आपके लचीलेपन में सुधार लाने के लिए आदर्श है।
यदि इसे करना बहुत कठिन हो जाए, तो इस आसन में सहायता के लिए सहारा ले सकते हैं।
यह आसन शरीर की मुद्रा में, और इसे सीध में रखने में सुधार लाता है। और, यदि आपको सायाटिका का दर्द है तो यह आपको कुछ राहत दिलाने में मदद करेगा।
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5. फॉर्वर्ड फोल्डिंग पोस्चर
यदि आप ज्यादा फ्लेक्सिबल नहीं है, तो यह अंतिम योगासन अभ्यास है जिसे आप कर सकते हैं। यह उत्तानासन के नाम से ज्ञात है।
- इसे करने के लिए, पाँव अच्छी तरह जमीन पर जमा कर खड़े हो जाइए।
- पहले, अपने हाथों से अपने पाँव छूने की कोशिश कीजिए।
- यदि आप ज्यादा इनफ्लेक्सिबल हैं, तब आप अपने पाँव तक नहीं पहुँचेंगे। पर इसमें कोई बात नहीं। जितना नीचे आप जा सकते हैं वहीं तक जाइए और अपने पैरों को पीछे से पकड़ लीजिए।
- इसका मकसद है, जितना संभव हो सके, आपके शरीर को पैरों की ओर ठेलना और अपने सिर से उन्हें छू लेना।
यह सभी योगासन अभ्यास आपकी फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करने में मदद करेंगे। कुछ आसन बहुत आसान हैं, वहीं दूसरे कुछ कठिन हैं। आसान आसन आपके अंदर आत्मविश्वास लाने में मदद करेंगे, जिससे आप दूसरे आसनों के साथ प्रगति करना जारी रखें।
क्या आप बहुत इनफ्लेक्सिबल व्यक्ति हैं? क्या आपने योग आजमाया है? हम आपको योगासन अभ्यास आजमाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसका कारण यह है कि, समय के साथ, ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी पाने में यह आपकी मदद करेगा। आपको केवल अध्यवसाय और कुछ धीरज की जरूरत है।
- Ferreira Vorkapic Camila; Rangé Bernard (2010). Mente Alerta, Mente Tranquila: ¿Constituye el yoga una intervención terapéutica consistente para los trastornos de ansiedad? (Argentina). https://www.redalyc.org/pdf/2819/281921798002.pdf
- Alcalá Navarrete Cecilia (2014). Aportaciones del yoga: Como mejora de los factores de aprendizaje (España). http://tauja.ujaen.es/bitstream/10953.1/1150/4/TFG_Alcal%C3%A1Navarrete,Cecilia.pdf