अपने बेचैन मन को शांत करने और अंदरूनी शांति पाने के 5 तरीके
एक बेचैन मन किसी बुरे साये की तरह लगातार हमारा पीछा करता रहता है। हम अपनी चिंता, डर और फ़िक्र के जंजाल में उलझकर रह जाते हैं। धीरे-धीरे हमारे मस्तिष्क पर अपनी पकड़ मज़बूत कर वे हमें अपनी अंदरूनी शान्ति से वंचित कर देते हैं।
कुछ लोग बेचैन मन वाली इस समस्या को जिज्ञासा और प्रोडक्टिविटी समझ लेते हैं।
हालांकि यह सच है, हमारी अंदरूनी ऊर्जा हमारी सीखने की चाह को दर्शाती है। लेकिन ज्यादातर वह एक मानसिक शोर से ज़्यादा और कुछ नहीं होती।
वह शोर भ्रम, थकान और दुःख की ओर इशारा करता है।
कहा जाता है, “हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हमारे अपने मन में ही निवास करता है।”
लेकिन इसके लिए खुद को दोषी ठहराने की जगह उस अंदरूनी तनाव को आपको कई चीज़ों के सूक्ष्म मिश्रण के रूप में देखना चाहिए।
अब हम अपने बेचैन मन को शांत कर मन की शांति पाने के लिए आपको कुछ सुझाव देने जा रहे हैं। इन्हें अमल में लाना बेहद आसान है। उनके लिए किसी चीज़ की ज़रूरत है, तो वह है आपकी इच्छाशक्ति।
बेचैन मन अशांत सागर की तरह होता है
इस संबंध में लिखी गयी सबसे जानी-मानी किताबों में से एक के जेमीसन की लिखी हुई है। इसमें उन्होंने बताया है, हमारे मन से उठने वाला शोर डिप्रेशन का दूसरा नाम होता है।
बाल्टिमोर में जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सक के रूप में काम करने वाली जेमीसन की इस दिलचस्प रचना में उन्होंने अपने अद्भुत किस्से के बारे में बताया है।
“अपने बचपन में मैं हमेशा भावनात्मक अस्थिरता से जूझती रहती थी। किशोरावस्था में पहुँचने के बाद भी मेरे दुःख ने मेरा साथ नहीं छोड़ा व अपनी प्रोफेशनल ज़िन्दगी में कदम रखते ही मैं डर, चिंता और अपने बेचैन मन के जंजाल में जा गिरी। मेरा जीना दूभर हो गया था।” एन अनक्वाइट माइंड में जेमीसन कहती हैं।
इन पंक्तियों में अगर आपको अपनी झलक दिखाई देती है तो नीचे दिए पांच सुझाव आपके बहुत काम आ सकते हैं।
1. अपने मन की शांति के लिए दिल पर रखे अनावश्यक बोझ से छुटकारा पाएं
भले ही वह आपको दिखाई न दे, पर आप उस बोझ को लादकर जी रहे हैं। जैसे ही आप अपने मन पर रखे बोझ को देखने लगते हैं, आपको बेहतर महसूस होने लगता है।
- आप ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जो आपको ऊर्जा देने की जगह आपकी सारी ऊर्जा खींच लेते हैं।
- आप उन चीज़ों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो आपके किसी काम की नहीं हैं।
- “थोड़े में गुज़ारा” करने के महत्त्व को समझिए।
2. एक पल चैन की सांस लेकर अपने मेंटल नॉइज़ को म्यूट कर दें
भूली-बिसरी बातों पर सोच-सोच कर खुद को खपाने का कोई फायदा नहीं। बीते कल को आप बदल नहीं सकते और आने वाला कल अभी आया नहीं है। अपना सारा ध्यान अपने आज पर केन्द्रित कर खुश रहें।
- अपनी चिंता को दरकिनार कर एक गहरी सांस लें। पांच मिनट तक उस सांस को रोके रखकर उसे ज़ोर से बाहर निकाल दें।
- आप मानें या न मानें लेकिन इस आसान-सी एक्सरसाइज से आप अपने बेचैन मन को चिंतामुक्त कर लेंगे। ऐसा करने से आपके मस्तिष्क तक पहुँचती ऑक्सीजन आपके मन को शांत करने में आपकी मदद करेगी।
- जब आपको अच्छा लगने लगे तो अपने मन से जुड़ने की कोशिश करें।
- उसके बाद, खुद से प्यार से पूछें; वह क्या है जिसकी आपको चाह है, वह क्या है जिसकी आपको तलाश है, वह क्या है जिससे आप छुटकारा पाना चाहते हैं, वह कौनसी मंज़िल है जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं।
रोज़ाना सुबह उठते ही इस एक्सरसाइज को करना आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा।
3. अपनी सुरक्षात्मक दीवारें बनाएं
किसी बेचैन मन को भेदना हमेशा बहुत आसान होता है। देर-सवेर चिंता, घमंड और दूसरों के स्वार्थ उसके अंदर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।
जब कोई नेगेटिव एनर्जी आपके मन की शांति को भंग करती है तब वह आपकी व्यक्तिगत कमज़ोरियों से घुलमिल जाती है। आपके लिए वह डरावना जोड़ है।
इन स्टेप्स का पालन कर आपको अपनी दीवारें खुद खड़ी कर लेनी चाहिए:
- अशांत करने वाले लोगों या चीज़ों से एक दूरी बना लें। अपनी ज़िन्दगी में आपको अहंकारी या स्वार्थी लोगों की कोई ज़रूरत नहीं है।
- शांत दिनों में तूफ़ान लाने वाले लोगों से बचने के लिए अपने मन की किलेबंदी कर लें।
- आपका सम्मान न करने वाले लोगों के साथ भी ऐसा ही करें। उन्हें माफ़ कर उन्हें अपनी ज़िन्दगी से निकाल बाहर करें।
4. चुप्पी जख्मों को भर देती है
रोज़ाना कम से कम ढाई घंटे तक अपने मन और अपनी आत्मा को चुप्पी के शांत सागर में नहलाना चाहिए।
- अंदरूनी शांति के वे लम्हे आपको अपनी ज़रूरतों का एहसास दिलाकर अपने बेचैन मन से जुड़ने का एक मौका देंगे।
- एक चिंता से दूसरी चिंता के बीच छलांग लगाते रहने वाला बेचैन मन अक्सर खुद को भूल जाता है। आप कितने बेशकीमती या महत्त्वपूर्ण हैं, उसे याद ही नहीं रहता।
- उस शांति में रिलैक्स करते हुए अपनी चिंताओं और शंकाओं की आवाज़ को दबा दें। अपने मन में संतुष्टि, अंदरूनी शांति और तन-मन के संतुलन जैसी सकारात्मक भावनाओं को वास करने दें।
5. आभार मानना सीखें
अपने बेचैन मन को शांत करने का सबसे जटिल पहलू यही है।
रिलैक्स करते हुए इन बातों पर विचार करें:
- आपको न चाहने वाले लोगों से एक दूरी बना लें। कहने में भले ही यह आसान हो, पर इसे करने के लिए बहुत हिम्मत की ज़रूरत होती है।
- अगर आप असहज महसूस कर रहे हैं तो अपने विचारों की दिशा बदलकर देखें: वैसा सोचने से बचें।
- हर उस छोटी-छोटी बात के लिए लोगों का शुक्रिया अदा करना सीखें, जिसे संभवतः आप नज़रंदाज़ करते आ रहे हैं।
- अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए, ऐसे लोगों के अपनी ज़िन्दगी में होने के लिए जो आपको चाहते हैं और जिन्हें आप चाहते हैं, आभार मानना सीखें।
- हर नये दिन के लिए भगवान् का शुक्रिया अदा करें। अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ज़िन्दगी रोज़ आपको कोई न कोई नया मौका देती है।
खुश रहें, आबाद रहें और हमेशा हँसते-मुस्कराते रहें।
- Redfield Jamison, Kay. (1996). Una mente inquieta. Editorial Tusquets. https://books.google.es/books/about/Una_mente_inquieta.html?id=jPa7AAAACAAJ&source=kp_book_description&redir_esc=y