10 लक्षण जो बताते है, आप ग्लूटेन इंटॉलरेंट हैं
हाल के वर्षों में हमने देखा है, बहुत से लोगों के ग्लूटेन इंटॉलरेंट (gluten intolerant) होने की वजह से ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट “ग्लूटेन-फ्री” के लेबल के साथ आ रहे हैं।
बहुत से लोग बिना यह जाने कि ऐसा करना उनके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है या नहीं, उन्हें अपनाते हैं।
शुरू में ही बता देना महत्वपूर्ण है कि ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, राई और जौ जैसे अनाजों में पाया जाता है।
कुछ लोगों को ग्लूटेन लेने के बाद किसी भी नेगेटिव असर का अनुभव नहीं होता है, जबकि कई दूसरे लोगों में लक्षणों और स्वास्थ्य समस्याओं की पूरी एक रेंज की शुरुआत कर सकता है।
अब तक 55 बीमारियाँ ऐसी हैं जो इस प्रोटीन से जुड़ी हैं। अनुमान है कि 99% लोग जो ग्लूटेन इंटॉलरेंट हैं, उनकी ऑफिसियल डायग्नोसिस कभी नहीं की गयी।
इसलिए हम यह लेख उन संकेतों की पहचान करने के लिए समर्पित करना चाहते हैं जो बताते सकते हैं कि आपको अपनी डाइट से ग्लूटेन को हटाना चाहिए या नहीं। जानिये वे क्या हैं!
1. पाचनतंत्र की गड़बड़ियाँ (Gastrointestinal problems)
ग्लूटेन इंटॉलरेंट होने के सबसे आम लक्षणों में से एक है पाचन और आंतों की गड़बड़ियाँ।
ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद आपको कुछ असुविधाजनक लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
- पेट फूलना (Abdominal bloating)
- दस्त या कब्ज Diarrhea or constipation
- गैस (Gas)
- (पेट में दर्द) Abdominal pain
- इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome)
आम तौर पर इन लक्षणों से राहत पाने के लिए जरूरी होता है कि आप अपने भोजन से उन सभी चीजों को निकाल दें जिनमें यह प्रोटीन मौजूद है।
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2. ग्लूटेन इंटॉलरेंट होने के लक्षण: थकान (Fatigue)
गेहूं या अन्य कोई भी अनाज वाला प्रोडक्ट जिसमें ग्लूटन होता है, उन्हें खाने के बाद कुछ लोग थका हुआ महसूस करते हैं या उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल पेश आती है।
निरंतर थकान या कमजोरी का एहसास यह संकेत है कि आपको अपने आहार में बदलाव करने की ज़रूरत है।
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3. सिरदर्द (Headaches)
इस प्रोटीन का सेवन शरीर की सामान्य सूजन प्रक्रियाओं में एक किस्म का असंतुलन पैदा कर सकता है, जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
अगर आप ग्लूटेन इंटॉलरेंट हैं, तो यह प्रतिक्रियाओं की पूरी एक श्रृंखला शुरू कर देता है। इनमें सिरदर्द या माइग्रेन सबसे आम हैं।
4. हार्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance)
प्रीमेनस्ट्रल सिंड्रोम, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और बांझपन ग्लूटेन इंटॉलरेंट से जुड़े हो सकते हैं।
कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ और हेल्थ प्रोफेशनल इन समस्याओं वाले मरीजों को ऐसे खाद्य पदार्थों को न खाने की सलाह देते हैं जिनमें ग्लूटेन है।
5. ग्लूटेन इंटॉलरेंट होने के लक्षण: जोड़ों की समस्याएं (Joint problems)
हमने ऊपर बताया है, ग्लूटेन इंटॉलरेंट लोगों में सामान्य से ज्यादा सूजन प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है जो ज्यादा नुकसानदेह रिएक्शन को ट्रिगर कर देती है।
इसका सबसे बड़ा चिंताजनक पक्ष जोड़ों से जुड़ा है, क्योंकि यह सूजन और दर्द को बढ़ा सकता है। सबसे ज्यादा प्रभावित अंगों में हाथ और घुटने होते हैं।
6. केराटोसिस पिलेरिस (Keratosis pilaris)
केराटोसिस पिलेरिस या फॉलिक्युलर केराटोसिस त्वचा की बीमारी है। इसका लक्षण हल्के लाल रंग वाले उभारों का दिखाई देना है।
यह स्थिति शरीर में विटामिन A और ज़रूरी फैटी एसिड के कम अवशोषण से जुड़ी है, जो लंबे समय तक ग्लूटेन इंटॉलरेंट रहने से आंतों के क्षतिग्रस्त होने के कारण हो सकती है।
7. फाइब्रोमायेल्जिया (Fibromyalgia)
फाइब्रोमायेल्जिया के लक्षण मांसपेशियों और जोड़ों में स्थाई दर्द और सख्ती हैं। अन्य आम हालात के विपरीत, यह निरंतर बने रहने वाल और अज्ञात कारण वाले दर्द के एपिसोड को शुरू कर देता है।
हालांकि यह कई अन्य कारकों से जुड़ा हो सकता है, फिर भी ऐसा माना जाता है कि डाइट को ग्लूटेन-मुक्त कर देने से लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
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8. न्यूरोलॉजिकल प्रभाव
ग्लूटेन सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम में सूजन का कारण बन सकता है, इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है। चक्कर आना (dizziness) या सिहरन (tingling) की संवेदना इसके लक्षण हैं।
9. ऑटोइम्यून गड़बड़ियाँ (Autoimmune disorders)
जो लोग नियमित रूप से ग्लूटन के संपर्क में रहते हैं, उनके इससे बचने वालों के मुकाबले ऑटोइम्यून गड़बड़ियाँ का शिकार होने का ज्यादा जोखिम रहता है।
यह प्रोटीन सूजन (Inflammation) लेवल को बढ़ाता है और इन गंभीर समस्यायों को पैदा कर सकता है:
- सोरायसिस (Psoriasis)
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
- स्क्लेरोडर्मा (Scleroderma)
- ल्युपस (Lupus)
- रूमटॉइड आर्थ्राइटिस (Rheumatoid arthritis)
- स्केलेरोसिस (Sclerosis)
- हाशिमोतो थायरॉइडाइटिस (Hashimoto’s thyroiditis)
10. व्यवहार से जुड़ी समस्याएं
आहार से ग्लूटेन हटा देने पर कुछ सामान्य मनोवैज्ञानिक गड़बड़ियों में सुधार होते दिखाई देता है।
इसमें शामिल है:
- चिंता (Anxiety)
- डिप्रेशन
- एडीएचडी (ADHD)
- स्ट्रेस
- चिड़चिड़ापन
ग्लूटेन इंटॉलरेंस के लक्षण हर मामले में अलग-अलग हो सकते हैं, जो आम तौर पर अन्य समस्याओं के होने का भ्रम पैदा करते हैं। उदहारण के लिए जिन मरीजों को सेलेक रोग (celiac disease) है, उनकी सही डायग्नोसिस होने में 6 से 10 साल लग सकते हैं।
अगर आपको यहां बताये गए किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करना और ग्लूटेन कन युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करना अच्छा रहेगा।
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