मुझे ड्राइविंग से दहशत क्यों है?

बहुत से लोगों के लिए ड्राइविंग एक सुखद और नैसर्गिक अनुभव हो सकता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इसका आनंद नहीं ले पाते और ड्राइविंग से डरते हैं।
मुझे ड्राइविंग से दहशत क्यों है?

आखिरी अपडेट: 27 जुलाई, 2018

विहोफोबिया (Vehophobia) दरअसल ड्राइविंग से दहशत है, जिसका अनुभव कुछ लोग कार की स्टीयरिंग के पीछे बैठते ही करते हैं। यह विभिन्न हालातों में हो सकता है। इसकी आम विशेषताओं में से एक है पैरालाईज़ कर देने वाली दहशत। यह उन्हें वीहिकल का उपयोग करने से रोक देती है।

लोगों को ड्राइविंग से दहशत क्यों होती है?

लोगों को अलग-अलग तरह से ड्राइविंग से दहशत हो सकती है। कुछ मामलों में, लोगों को दुर्घटना या गियर्स का दुरुपयोग कर देने का डर होता है। अन्य मामलों में, वे जिस जगह पर गाड़ी चला रहे हैं उसकी वजह से समस्या उत्पन्न होती है (हाइवे, सड़क, बड़े रास्ते)।

ऐसे लोग भी हैं जो रात में या हाई स्पीड ड्राइविंग से दहशत खाते हैं। विहोफोबिया के तीन डायमेंशन हैं:

संज्ञानात्मक (Cognitive)

संज्ञानात्मक डायमेंशन दुर्घटना, नियंत्रण खोने, मरने या अन्य लोगों को कुचल देने के खयालों से जुड़ा होता है।

भावनात्मक या शारीरिक

जो लोग ड्राइविंग से दहशत खाते हैं उनको एंग्जायटी, मांसपेशियों में तनाव, असुरक्षा, मतली महसूस होती है, बहुत पसीना आता है। वे आँखों में धुंधलापन, तेज धड़कन, दस्त या हाथों और पैरों में कंपन भी महसूस कर सकते हैं।

ड्राइविंग

ड्राइविंग से दहशत

जिन लोगों को विहोफोबिया होता है वे गाडी चलाने से दूर रहते हैं या केवल विशेष परिस्थितियों में ड्राइविंग करते हैं। उदहारण के लिए जब कोई उनके साथ हो, कुछ खाली और सुरक्षित सड़कों पर, न्यूनतम स्पीड से नीचे, सिर्फ दिन में आदि।

ड्राइविंग से दहशत के कारण पैदा हुई सीमाओं, कठिनाइयों, और व्यक्ति को महसूस होने वाली असुविधा के अनुसार चालक को कम या ज्यादा डर लग सकता है।

कुछ लोग तो ड्राइविंग सीट पर बैठ भी नहीं सकते। दूसरे लोग किसी अन्य को ड्राइव करने देना , पैदल चलना या टैक्सी लेना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे लोग भी हैं जिन्हें एक ज्यादा खाली सड़क से अपने गंतव्य तक पहुंचने में दो गुना वक्त लगाने में भी कोई फर्क नहीं पड़ता है।

यह डर रोजमर्रा की जिंदगी में हस्तक्षेप कर सकता है; जिस नौकरी के लिए ड्राइविंग की आवश्यकता हो उसे न करने से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर बहुत पैसा खर्च करने, इमरजेंसी में किसी व्यक्ति की सहायता न करने, यहाँ तक कि वीकेंड पर छुट्टी मनाने न जाने की सीमा तक।

विहोफोबिया आत्म-विश्वास को कुचल देता है क्योंकि यह व्यक्ति को हीन, निराश और असमर्थ होने का आभास कराता है।

ड्राइविंग से दहशत अक्सर कम अनुभवी (2 साल से कम) ड्राइवरों पर असर डालती है और इससे अनुभवी ड्राइवर कम संख्या में ही प्रभावित होते हैं। 30 साल की उम्र के आसपास की महिलाओं में ऐसे किस्से ज्यादा हैं। इस डर के कुछ मुख्य कारण हैं:

  • दुर्घटना का शिकार होना
  • डर पर आधारित कौशल को सीखने या अपनी क्षमताओं में भरोसे की कमी।
  • ड्राइविंग से भिन्न कुछ दूसरी समस्याओं (काम, पारिवारिक समस्याएं आदि) की वजह से एंग्जायटी या तनाव।

क्या आप ड्राइविंग से दहशत को दूर कर सकते हैं?

यदि, किसी भी कारण से आप ड्राइव नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कार में बैठने के विचार से ही आपको बहुत डर लगता है, तो यहाँ कुछ सलाह दी जा रही है जो आपकी मदद कर सकती हैं।

1. आरामदेह माहौल बनायें

ड्राइविंग से दहशत: माहौल

कुछ दोस्त या परिवार के सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें गाड़ी में बैठाने पर आप ज्यादा घबरा सकते हैं। उन्हें पीछे बैठने के लिए कह सकते हैं या उनसे साफ-साफ कह सकते हैं कि वे आपके साथ न आएं।

आरामदायक कपड़े पहनें जिससे आपको अपने शरीर के किसी भी हिस्से में दबाव महसूस न हो। गाड़ी में रिलैक्स करने वाला म्यूज़िक बजाएं और एक अच्छा कार फ्रेशनर टांगें।

2. पेट से सांस लेने की प्रैक्टिस करें

जब आपको लगता है कि कोई स्थिति आपके नियंत्रण में नहीं हैं और आपको पैनिक अटैक होने वाला है तो आपको सबसे पहले एब्डोमिनल ब्रीदिंग का विकल्प अपनाना चाहिए।

हवा को अपनी नाक से अंदर आने दें और अपने फेफड़ों में गहराई तक उतरने दें। इस समय पेट को जितना ज्यादा हो सके उतना फुलाएं। उसके बाद अपने शरीर को रिलैक्स करने के लिए धीरे-धीरे श्वास निकालें। इसे कई बार दोहराएं।

3. पॉजिटिव बातों का प्रयोग करें

ड्राइविंग से दहशत: पॉजिटिव बातें

यदि आप ड्राइविंग से डरते हैं तो ऐसी बातों या शब्दों का स्वागत करें जिनसे आपको अपना आत्मविश्वास और भरोसा बढ़ाने में मदद मिले। उदाहरण के लिए, आप जोर से यह कहने का प्रयास कर सकते हैं;

  • मैं ध्यान से गाड़ी चला रहा हूं और मैं स्पीड लिमिट का पालन कर रहा हूँ।
  • मुझे पता है, मैं एक सतर्क और मुस्तैद ड्राइवर हूँ।
  • सेफ्टी के लिए मैं सही लेन में गाड़ी चला रहा हूँ।
  • मैंने इस ड्राइव की योजना बनाई है, मुझे पता है कि मैं कहां जा रहा हूँ और मैं रेडी हूँ।

4. डर का सामना करें

अपने ड्राइविंग की दहशत पर काबू पाने का सबसे अच्छा तरीका ड्राइविंग करना है। शांत सड़कों पर कम ट्रैफिक के समय बहुत कम स्पीड और छोटी राइड से शुरू करें। एक बार जब आपको अपने ऊपर भरोसा हो जायेगा तो आपका डर गायब हो जायेगा।

एक्सपोजर थेरेपी डर को दूर करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। यदि आप इसे दूर करने के लिए कुछ भी नहीं करते हैं तो यह और बड़ा हो जायेगा और अनियंत्रित हो जायेगा।

5. छोटे स्टेप लें

ड्राइविंग से दहशत: छोटे स्टेप

यदि आप ड्राइविंग से डरते हैं तो लंबी दूरी के लिए रात से सुबह तक कार का उपयोग नहीं कर पाएंगे। इसलिए जब तक पूरी तरह तैयार न हो जाएँ, आपको कुछ स्टेज या लेवल को पूरा करना चाहिए। कुछ मिनटों के लिए चाबियां पकड़ने से शुरू करें, फिर इंजन को ऑफ करके कार में बैठें।

इसके बाद, सिर्फ एक सड़क पर ड्राइव करें और कॉलोनी के चारों ओर जायें। एक मेन रोड को पकड़ें जहाँ पर ट्रैफिक हल्की हो और हाइवे तक एक सही लेन में गाड़ी चलायें और फिर अगली लेन में जायें आदि।

6. मदद मांगें

आपके आसपास कई लोग हैं जो वह सपोर्ट देंगे जिसकी आपको इस दहशत से उबरने के लिए ज़रूरत है। शुरुआती स्टेज में आप उन्हें अपने साथ आने के लिए कह सकते हैं या कम से कम आपके डर के बारे में सुनने और राय देने के लिए कह सकते हैं।

कई बार ड्राइविंग से जुड़ी समस्याओं और भावनाओं के बारे में बात करने मात्र से ही आप अपनी ड्राइविंग से दहशत पर काबू पाना शुरू कर सकते हैं।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।