दो चीज़ें जो आपके कोलन से जहरीले तत्वों की सफ़ाई करती हैं

अपने कोलन से ज़हरीले तत्वों को हटाने के लिए इस इलाज के साथ-साथ आपको रोज़ाना कम से कम दो लीटर पानी भी पीना होगा।
दो चीज़ें जो आपके कोलन से जहरीले तत्वों की सफ़ाई करती हैं

आखिरी अपडेट: 27 जून, 2019

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 70 वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते हमारी आंतें 16 टन ज़हरीले पदार्थों समेत 100 टन से ज़्यादा खाना और 40,000 लीटर से ज़्यादा लिक्विड को प्रोसेस कर चुकी होती हैं

हमारे शरीर के पाचन अंगों में होने वाली ये प्रक्रियाएं रक्त प्रवाह में पहुंचकर गंभीर स्वास्थ्य-संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।

कब्ज़, हमारे मेटाबोलिज्म में आए बदलाव और त्वचा के रोग कुछ ऐसे संकेत हैं, जो बताते हैं कि हमारा मलाशय विषाक्त तत्वों से भर गया है।

हालांकि ज़हरीले तत्वों और अपशेषों को हमारा शरीर अपने आप भी निकाल बाहर करने में सक्षम होता है, कभी-कभी उनकी ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा हो जाने पर वे इकट्ठे होने लगते हैं।

खुशकिस्मती से, बगैर किसी साइड इफेक्ट के अपने मलाशय से विषैले तत्व हटाने के कई प्राकृतिक उपाय हैं

आज के इस लेख में हम आपको बस दो ही चीज़ों से बनने वाले एक कारगर और स्वस्थ उपाय के बारे में बताएँगे।

मलाशय (Colon) से ज़हरीले तत्व कैसे हटाएं?

अपने मलाशय को डिटॉक्स करने के लिए आपको केवल अलसी (flaxseed) और केफिर (kefir) की ही ज़रूरत है

कैलोरी की कम मात्रा होने के अलावा इन दोनों ही चीज़ों में मौजूद शक्तिशाली पोषक तत्व आपके पाचन तंत्र और आँतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं

इनके फायदों के बारे में हम आपको विस्तार से बताएँगे, ताकि आपके मन में कहीं कोई संदेह न रह जाए।

अलसी के फायदे (The benefits of flaxseed)

अलसी के बीज मलाशय की सफाई में बेहद कारगर होते हैं

अलसी छोटा-सा बीज होता है, जिसमें फाइबर की उच्च मात्रा के साथ-साथ ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड भी होते हैं।

इसमें 40% डाइटरी फाइबर होता है, जिसका एक-तिहाई हिस्सा घुलनशील व शेष हिस्सा अघुलनशील होता है। इसमें ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से कोशिकाओं की रक्षा करने वाले लिग्नन जैसे फाइटोकेमिकल भी होते हैं।

शौच में सहायक अपने हल्के लैक्जेटिव प्रभाव की वजह से मलाशय से ज़हरीले पदार्थों को हटाने में अलसी का इस्तेमाल किया जाना कोई नयी बात नहीं है।

घुलनशील फाइबर विषाक्त तत्वों को सोखकर, मल को पतला बनाकर कब्ज़ से लड़ने वाले जिलेटिन पदार्थ में बदल जाता है।

इसमें गैस्ट्राइटिस, पेट दर्द और इन्टरनल हैमरेज़ जैसी अवस्थाओं में सुधार लाने वाले सूजनरोधी व एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी होते हैं।

केफिर के फायदे (The benefits of kefir)

केफिर के फायदे

केफिर एक फरमेंटेड लिक्विड होता है, जिसमें मौजूद कई लाभकारी सूक्ष्मजीव आपके मलाशय के बैक्टीरियल फ्लोरा में सुधार लाते हैं।

उसकी पहचान उसके सफ़ेद या पीले-से रंग व छोटे-छोटे कणों वाली तरल जैसी बनावट से होती है। कभी-कभी वह गोभी के फूल के टुकड़ों जैसा भी दिखता है

केफिर में लैक्टिक एसिड, बैक्टीरिया और खमीर होता है। आपके कोलन में पहुंचकर आपको नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणुओं से लड़ने में ये तत्व मददगार होते हैं।

इस स्वस्थ खाद्य पदार्थ व इसकी माइक्रोबियल फ्लोरा के नियमित सेवन से आपको अपने कोलन से विषाक्त तत्व हटाकर अपने सम्पूर्ण पाचन तंत्र के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

कई संस्कृतियों में केफिर को “सेहत और एक लंबे जीवन के अमृत” के रूप में जाना जाता है। इसका कारण यह है कि आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ यह निम्नलिखित रोगों का उपचार करने में भी काम आता है:

  • लीवर की बीमारियाँ
  • श्वास-संबंधी समस्याएं
  • पित्ताशय के रोग
  • गुर्दों के रोग
  • आँतों के स्थायी संक्रमण

आमतौर पर केफिर को मुख्यतः लैक्टिक एसिड के स्वाद वाले किसी फर्मेंटेड पेय के रूप में परिभाषित किया जाता है।

अलसी और केफिर से अपने कोलन से विषैले तत्वों को कैसे हटाएं

दही की मदद से अपने मलाशय से विषाक्त तत्वों को हटाएं

अलसी और केफिर से अपने कोलन की सफाई करने में कम से कम 21 दिनों का वक़्त लगता है। इस दौरान आपको ज़्यादा फैट, शुगर और एसिडिक खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज़ करना चाहिए

सामग्री

  • आधा कप केफिर (100-150 मिलीलीटर)
  • एक से तीन चम्मच अलसी (10 से 30 ग्राम)

सेवन की विधि

  • अपने कोलन की सफाई के पहले हफ्ते के दौरान आप रोज़ाना एक चम्मच अलसी के साथ 100 मिलीलीटर केफिर लेंगे।
  • दूसरे हफ्ते के दौरान आप केफिर को उसी मात्रा में लेते रहेंगे जबकि अलसी की मात्रा को बढ़ाकर दो चम्मच कर देंगे।
  • तीसरे हफ्ते में आप तीन चम्मच अलसी के साथ 150 मिलीलीटर केफिर का सेवन करेंगे।
  • बेहतरीन नतीजों के लिए इस सफाई प्रक्रिया के दौरान रोज़ाना कम से कम दो लीटर पानी अवश्य पिएं।

इस सफाई प्रक्रिया को मुझे कब-कब दोहराना चाहिए?

एहतियात के तौर पर आप इस प्रक्रिया को हर तीन महीने में दोहरा सकते हैं। लेकिन रुग्ण मलाशय के लक्षण दिखाई देने पर आप इसे अक्सर आज़मा सकते हैं।

इन स्थितियों में इस प्रक्रिया को आज़माकर देखें:

  • कोलाइटिस, पेट के अल्सर गैस्ट्राइटिस
  • श्वसन तंत्र की सूजन
  • मूत्रमार्ग के संक्रमण
  • मोटापा
  • कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड के बढ़े हुए स्तर

जैसाकि आप देख सकते हैं, अपने कोलन की सफाई करना एक आसान काम है और दवा की कोई ज़रूरत नहीं होती

इन सलाहों को आज़माकर आप अपनी आँतों की रक्षा कर खुद को अधिक गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।



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  • Shim, Y. Y., Gui, B., Arnison, P. G., Wang, Y., & Reaney, M. J. T. (2014). Flaxseed (Linum usitatissimum L.) bioactive compounds and peptide nomenclature: Areview. Trends in Food Science and Technology. Elsevier Ltd.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।