9 फल जो कब्ज़ से लड़ने में आपके लिए वरदान हैं
हर व्यक्ति के शरीर के काम करने का तरीका अलग होता है, और हर व्यक्ति की आंतें अपने ढंग से काम करती हैं। लेकिन यदि आपको हफ्ते में केवल दो या तीन बार ही सौच हो पाता है, तो शायद आपको कब्ज़ है। सही खानपान से कब्ज़ का मुक़ाबला किया जा सकता है।
इस तकलीफ़ के मुख्य कारण हैं:
- ज़रूरत से ज़्यादा स्ट्रेस
- सुस्त लाइफस्टाइल
- कम फाइबर वाला खानपान
- डायबिटीज
- गर्भावस्था
यह कोलन कैंसर, डाइवरटिक्युलाइटिस और बवासीर जैसी अन्य बीमारियों से भी जुड़ा हुआ हो सकता है।
कब्ज से लड़ने के लिए कई सरल और आसान तरीके मौजूद हैं।
कब्ज़ से लड़ने का एक बहुत ही प्रभावशाली तरीका फलों से भरपूर डाइट लेना है। फलों में वे सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनसे पाचन प्रक्रिया में सुधार आता है। फल शरीर में न घुलने वाले फाइबर का भी मुख्य स्रोत होते हैं।
कब्ज़ से बचने के लिए हम आपको इन फलों के सेवन की सलाह देंगे:
1. नाशपाती
नाशपाती में भरपूर मात्रा में पानी और फाइबर पाया जाता है। यह आंतों की चुस्त-दुरुस्त एक्टिविटी की मुख्य स्रोत हो सकती है।
- अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से नाशपाती पाचन प्रणाली को दुरुस्त रखती है।
- यह ज़्यादा कोलेस्टरॉल जमा होने से रोकती है
- इसमें विटामिन B, C और E होते हैं।
- साथ ही, इसमें आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे मिनरल भी होते हैं।
2. नारंगी
नारंगी विटामिन C की उम्दा स्रोत है। यह कब्ज़ की तकलीफ से लड़ने के लिए एक नेचुरल ट्रीटमेंट भी है।
- नारंगी शरीर में रोगों से लड़ने वाली एंटीबॉडी पैदा करती है और शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत देती है।
- नारंगी फाइबर में भी समृद्ध होती है। इसके सेवन से पाचन की समस्याओं, कोलेस्टरॉल और दिल से जुड़े रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
3. अंगूर
अपने गुणों के कारण अंगूर एक नेचुरल लैक्जेटिव की तरह काम करता है। यह कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को दुरुस्त रखता है और खराब कोलेस्ट्रॉल जिसे एलडीएल भी कहा जाता है, को कम करने में सहायक है।
- अंगूर में कई प्रकार के ऐसे एसिड पाए जाते हैं जिनसे हमारे शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाएँ सुचारू रूप से काम करती हैं।
- साथ ही में अंगूर में कैलोरी नाममात्र की होती हैं। इससे ह्रदय और आर्टरी यानी रक्तवाहिकायें ठीक से काम करती हैं।
4. अमरूद
- अमरूद को बीज समेत खाने से सौच नियमित करने में मदद मिलती है।
- हम आपको इस फल के नियमित सेवन की सलाह देंगे।
5. संतरा
संतरे का रस कोलन में खाद्य अवशेषों को जमा होने से रोकता है, और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की रोकथाम करता है।
- इनमें विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह एक एनाल्जेसिक और नेचुरल लैक्जेटिव की तरह काम करके इम्यून सिस्टम को सशक्त बनाता है।
- इसमें फाइबर होने के कारण यह कब्ज़ होने से रोकता है।
- इस फल में सिट्रिक एसिड पाया जाता है। यह शरीर के शुद्धिकरण में मदद करता है।
- सिट्रिक एसिड पैंक्रियाज और लीवर को भी दुरुस्त रखता है।
6. पपीता
पपीते के पोषक तत्व कब्ज़ दूर करने में मदद करते हैं। पपीते का 90% हिस्सा पानी होता है। इस कारण यह एक उत्तम मूत्रवर्धक तो है ही, साथ ही कब्ज़ से भी लड़ने में सक्षम है।
- इसमें मौजूद विटामिन C और इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण इसे भोजन को पचाने में सहायक बनाते हैं।
- पपीता कोलन कैंसर होने से भी रोकता है।
7. सेब
हम सेब को छिलके समेत खाने की सलाह देंगे। सेब के छिलके में फाइबर पाया जाता है और यह एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट भी है।
- यह कोलेस्टरॉल को घटाने में मदद करता है।
- साफ़ आंतें और स्वस्थ्य शरीर पाने के लिए आपको रोज़ तीन से चार सेब खाने चाहिए। बस इस बात का ध्यान रखें कि खाने से एक घंटे पहले सेब को खा लें।
8. खरबूजा
खरबूजा पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, आयरन और फोस्फोरस जैसे खनिज पदार्थों से भरपूर होता है।
- अपनी मूत्रवर्धक खूबी के कारण यह हमारे शरीर में पानी जमा होने से रोकता है।
- यह किडनी की ठीक ढंग से काम करने में मदद करता है।
- खरबूजे के सेवन से पेट के कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।
9. कीवी
कीवी एक ऐसा फल है जिसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके बीज कब्ज़ की परेशानी को खत्म करते हैं। इनके माध्यम से पेट आसानी से साफ़ हो जाता है।
सामान्य सलाहें:
दिए गए फलो के सेवन के अलावा, आप निम्न बातों का भी ध्यान रख सकते हैं:
- अपने स्ट्रेस पर काबू पायें
- ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिएं
- बहुत ज़्यादा खाना खाने से बचें
- नियमित एक्सरसाइज करें
- समय पर भोजन करें
- दूध से बने उत्पादों का सीमित सेवन करें
- अपने खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ायें