एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से लड़ने के लिए दो सामग्रियाँ

हार्ट बर्न के मामूली लक्षण देखते ही, इस नुस्ख़े का आधा ग्लास पियें। भर पेट खाने के बाद भी ऐसे लक्षणों को रोकने के लिए इस नुस्ख़े का इस्तेमाल किया जा सकता है।
एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से लड़ने के लिए दो सामग्रियाँ

आखिरी अपडेट: 08 अक्टूबर, 2018

सबसे पहले एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। अपने जीवन में कभी न कभी, बहुत से लोगों को उस जगह पर एक असहज जलन की सनसनी का अनुभव होता है जहां खाद्य नाली यानी एसोफैगस आपके पेट से मिलता है।

ज्यादातर लोगों के लिए यह कुछ खाद्य पदार्थों के साथ होने वाली एक साधारण प्रतिक्रिया है, जबकि दूसरों के लिए यह एक पुरानी और मुश्किल इलाज के विकार का लक्षण है।

इस स्थिति को गैस्ट्राईटिस के रूप में जाना जाता है और इसके लक्षण पेट की उस अंदुरूनी झिल्ली की सूजन ( inflammation) के कारण दिखाई पड़ते हैं, जो अत्यधिक अम्लीय गैस्ट्रिक रसों से शरीर की रक्षा करती है।

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस के कारण होने वाली पेट की अंदुरूनी झिल्ली की यह कमजोरी अल्सर और पाचन समस्याएँ जैसे दर्द, सूजन और हार्टबर्न को विकसित करने का जोखिम बढ़ाती है।

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से ग्रस्त लोगों को ठीक होने के लिए अपनी जीवनशैली बदलनी चाहिए और खाने की आदतों में सुधार लाना चाहिए।

हालांकि आज कई दवाएं हैं जो एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं, पर नकारात्मक दुष्प्रभावों के जोखिम से बचने के लिए प्राकृतिक विकल्पों का चयन करना हमेशा सर्वोत्तम होता है

सौभाग्य से, ऐसी कई ऑर्गेनिक चीज़ें हैं जो इस समस्या से उबरने में तेजी लाने के गुणों से भरी हुई हैं।

ऐसा ही एक नुस्खा शहद के गुणों के साथ आरामदायक एलो वेरा को मिलाने से बनता है ताकि जल्दी ही तकलीफ से राहत मिल सके।

गैस्ट्राईटिस से राहत के लिए एलो वेरा और शहद का नुस्खा

एलो वेरा और शहद का योग एक ऐसा नेचुरल नुस्खा है जो गैस्ट्राईटिस के लक्षणों के खिलाफ असरदार होता है।

हम आपको इन दोनों सामग्रियों के सभी फायदों की जानकारी नीचे देंगे।

एलो वेरा के लाभ

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस: एलो वेरा

एलो वेरा का पौधा, विशेष रूप से उसके डंठल के भीतर का जेल, सदियों से सूजन को कम करने और पाचन को नियंत्रित करने की अपनी क्षमता के लिए मूल्यवान माना जाता रहा है।

इसमें एलोइन (aloein) होता है। आँतों मे जमें हुए वेस्ट को बाहर निकालने के लिए इसका एक शक्तिशाली प्रभाव होता है।

म्यूसिलेज (Mucilage) एलो वेरा में मौजूद एक एक्टिव कम्पाउंड है, जो गैस्ट्रिक झिल्ली को ढकता और बचाता है व अल्सर, सूजन और एसिड से आराम दिलाता है।

इसकी ट्रीटमेंट क्षमता न केवल त्वचा के लिए अच्छी है, बल्कि क्षतिग्रस्त श्लेष्म झिल्ली (mucosa) के पुनर्जीवन में भी सहायक है।

इसका एक कमजोर असर होता है जो पेट के पीएच को नियंत्रित कर एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से जुड़ी जलन की उत्तेजना को शांत करता है।

शहद के फायदे

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस: शहद

शहद एक नेचुरल प्रोडक्ट है जो इसके कई औषधीय इस्तेमाल के कारण मूल्यवान माना जाता है।

यह फ्रुक्टोज और ग्लूकोज से भरा हुआ है। ये दोनों मोनोशेकेराइड (monsaccharide) शरीर को एनर्जी देने के लिए आंतों की श्लेष्म (mucosa) में आसानी से सोख लिए जाते हैं।

यह फाइबर, विटामिन और मिनरल का एक नेचुरल स्रोत है जो पाचन में मदद करता है और पेट फूलने को कम करते हैं।

वर्तमान में यह ज्ञात नहीं है कि इसमें मौजूद कई एक्टिव कम्पाउंड में वह कौन सा कम्पाउंड है, जो गैस्ट्राईटिस को शांत करता है।  लेकिन कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है,  यह बीमारी पैदा करने वाले रोगजनक कारकों को नष्ट करने की इसकी क्षमता के कारण हो सकता है।

इस लेख को देखें: 6 लक्षण जो अलर्ट करते हैं गॉल ब्लैडर की गड़बड़ी के बारे में

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से लड़ने के लिए इस नुस्खे को कैसे तैयार करें?

एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस से लड़ने का नुस्खा

एलो वेरा और शहद का संयोजन पारंपरिक दवाओं का एक नेचुरल विकल्प है जो नेगेटिव दुष्प्रभावों के जोखिम के बिना गैस्ट्राईटिस और सूजन में आराम दिलाता है।

न केवल यह उपाय जलन को कम करेगा, बल्कि यह पेट के पीएच को भी नियंत्रित करेगा और अतिरिक्त गैस्ट्रिक रसों के कारण होने वाली क्षति को रोक देगा।

सामग्री:

  • डेढ़ कप पानी
  • 3 बड़े चमच्च एलो वेरा जेल
  • 1 चमच्च शहद

दिशानिर्देश:

  • एलो वेरा की डंठल को पानी से धो लें फिर डंठल को काट लें
  • जेल निकालने में मदद के लिए एक चम्मच का प्रयोग करें।
  • तैयार होने पर, ब्लेंडर में शहद और पानी के साथ एलो वेरा जेल मिलाएं।
  • इसे दो से तीन खुराक में बाँट कर किया जा सकता है।

इस्तेमाल कैसे करें:

  • गैस्ट्राईटिस की शुरुआती लक्षणों में प्रतिदिन दो बार आधा-आधा गिलास पियें। 
  • एक नुस्ख़े के रूप में पूरे भोजन के बाद इसका आधा गिलास पी लें। 
  • यह ध्यान रखें, आपको बताई गई मात्रा से अधिक नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसका लैक्जेटिव असर अनचाहे नतीजे पैदा कर सकता है।

यदि आप इस नुस्खे को पीते हैं और संतुलित आहार अपनाते हैं, तो कुछ हफ़्तों में ही एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राईटिस के तकलीफ़देह लक्षणों में सुधार देखेंगे।

इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए अपनी स्वस्थ आदतों को बहाल करने की कोशिश करें।



  • Bland J. (1985). “Effect of orally consumed aloe vera juice on gastrointestinal function in normal humans”, Preventive Medicine, March/April 1985
  • Mahantayya V Math, “Oesophagis: Heartburn and Honey”, BMJ 2001;323:736
  • Mahantayya V. Math et al. “Honey – A nutrient with medicinal property in reflux oesophagitis”, Indian J Med Res. 2013 Dec; 138(6): 1020–1021.
  • Aikaterini Triantafyllidi et al. “Herbal and plant therapy in patients with inflammatory bowel disease”, Ann Gastroenterol. 2015 Apr-Jun; 28(2): 210–220.
  • Hamman, J. H. (2008). Composition and applications of Aloe vera leaf gel. In Molecules. https://doi.org/10.3390/molecules13081599
  • Science Direct. Honey and green/black tea consumption may reduce the risk of Helicobacter pylori infection. (2015). Recuperado el 17 de abril de 2020.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।