इन उपायों से बनाइये बेहद ज़ायकेदार सब्जियाँ
खाना बनाना कभी भी आसान नहीं होता। परिवार के किसी सदस्य के लिए स्वाद को लाजवाब बनाना तो और भी बड़ी चुनौती होती है, फिर ज़ायकेदार सब्जियाँ तो और भी बड़ी चीज हैं।
हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि हमारा शरीर यह बखूबी समझता है कि किस व्यंजन का क्या स्वाद होता है । इसीलिए खाते वक़्त हम खाने के ज़ायके का लुत्फ़ उठाते हैं ।
लेकिन सब्ज़ियों की तो बात ही कुछ और है । शायद सब्ज़ियाँ हमें इसलिए नहीं भाती कि हमारी माँ उन्हें हमें परोसा करती थी और हमारे मुंह को उनका स्वाद पसंद नहीं आता था ।
कारण कुछ भी हो, यह सच है कि बहुत से लोगों को सब्ज़ियाँ नापसंद होती हैं । लेकिन आपके खाना बनाने के तरीके से उनकी सोच में एक बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है ।
इन उपायों की मदद से आप रसोईघर में ज़ायकेदार सब्जियाँ बनाकर अपना कमाल दिखा सकते हैं ।
ज़ायकेदार सब्ज़ियाँ बनाने के उपाय
नमकीन, मीठा, कड़वा, मसालेदार: सब कुछ संभव है
आपसे हर कोई यही कहेगा कि सब्ज़ियाँ आपकी सेहत के लिए अच्छी होती हैं ।
लेकिन इससे एक और सवाल खड़ा हो जाता है: अगर वे इतनी ही अच्छी होती हैं तो उन्हें खाने में आखिर परेशानी क्या है ?
हमारे मुंह में एक अप्रिय-सा स्वाद छोड़ जाने वाली नकारात्मक यादों से शायद इसका कुछ लेना-देना है ।
ये छोटे-छोटे उपाय ज़ायकेदार सब्जियाँ बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं ।
मीठा
आप माने या न मानें, ज़्यादातर सब्ज़ियों में चीनी की भारी मात्रा मौजूद होती है । हर सब्ज़ी में यह मात्रा अलग होती है । दूसरे शब्दों में, मूली और गोभी दोनों ही सब्ज़ियाँ तो हैं, लेकिन उनमें मौजूद चीनी की मात्रा समान नहीं है । इसके अलावा, शुगर कंटेंट आपके सब्ज़ी बनाने के तरीके पर भी निर्भर करता है ।
इसीलिए भूनने या पैन-फ्राइंग जैसे सूखी सब्ज़ियाँ बनाने वाले तरीकों से हम सब्ज़ियों में कड़वाहट आने से रोक सकते हैं क्योंकि उनकी शुगर को कैरामेलाइज़ करने से उनका स्वाद और भी तीखा हो जाता है ।
सब्ज़ियों पर तेल की परत के होने को “मैल्लार्ड इफ़ेक्ट” कहा जाता है ।
गरम तेल से सतह की नमी तेज़ी से भाप में तब्दील हो जाती है । यही वजह है कि हमें लाजवाब बहिर्भाग वाली मुलायम सब्ज़ियों खाने को मिल जाती हैं ।
ये ज़ायकेदार सब्ज़ियाँ स्वाद में मीठी होने के साथ-साथ अन्य पकवानों के साथ भी खाने में अच्छी लगती हैं ।
नमकीन
अब हम एक बहुत ही व्यक्तिपरक मुद्दा उठाने जा रहे हैं: लोग अपने खाने-पीने में नमक-मिर्च अपनी संस्कृति के आधार पर ही डालते हैं ।
उदहारण के तौर पर, भारत में ज़ायकेदार सब्जियाँ व पकवान बनाने के लिए तीखे-तेज़ मसालों का प्रयोग करना एक आम बात है (कढ़ी, लहसुन, प्याज़, सोया सॉस, गरम काली मिर्च) ।
अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक का इस्तेमाल करना अच्छा लगता है तो आपको उसका उपयोग करना आना चाहिए:
- मशरुम, धनिये, लहसुन और प्याज़ के साथ आपको नपी-तुली मात्र में नमक का इस्तेमाल करना चाहिए । ये सब्जियाँ आसानी से अपना ज़ायका खो सकती हैं और उनमें ज़रुरत से ज़्यादा नमक डाल देने से उल्टा उनका स्वाद बिगड़ जाता है ।
- दूसरी तरफ, साइड डिशों और तौरी या यूका जैसे मीठी सब्ज़ियों में आपको बेझिझक नमक का प्रयोग करना चाहिए ।
स्वाद ठीक है या नहीं, यह तो एक बार चखने पर ही पता चलता है ।
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कड़वा
इस बात से आपको थोड़ी हैरानी ज़रूर हो सकती है, लेकिन कड़वाहट अधिक ज़ायकेदार सब्ज़ियाँ बनाने में आपकी मदद कर सकती है । अपने कड़वे स्वाद की विशिष्टता के कारण वे मीठे फ्लेवर से मेल खाती हैं ।
सलाद वाली डिशों में मटर या फिर मटर और आलू या अजवायन के साथ पुदीने (पेपरमिंट) का किसी मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाना इसके सबसे जाने-माने उदाहरणों में से एक है ।
साथ ही, भूनी हुई गाजरों के साथ जीरे का स्वाद चखते ही बनता है ।
मसालेदार
इस उपाय को करने से पहले आपके हमेशा यह याद रखना चाहिए कि खाने में मसालों के अनुपातहीन उपयोग से उल्टा सेहत को नुकसान पहुँच सकता है ।
लेकिन यह कहना ठीक होगा कि अगर आप उसका कभी-कभार ही इस्तेमाल करते हैं तो थोड़े से मसाले हमें पकवानों के तेज़ और अनोखे स्वाद की एक झलक दे सकते हैं ।
चिली पेप्पर सबसे जानी-मानी मसालेदार सब्ज़ी है । इस छोटी-सी चीज़ से जीभ में एक अलग-सा एहसास और प्रतिक्रिया होती है ।
दूसरी सब्ज़ियों के साथ इस्तेमाल किए जाने पर मिर्च आपके बनाए खाने में एक कमाल की जान फूंक सकती है ।
एसिड
हमारी जीभ को पसंद एसिड सब्ज़ियों में कम ही पाए जाते हैं ।
लेकिन, जैसा कि आप जानते हैं, रसोईघर में कुछ भी असंभव नहीं होता । अगर आप अपनी सब्ज़ियों को एक एसिडिक स्वाद देना चाहते हैं तो नींबू (जो कि एक फल होता है) आपका सबसे अच्छा साथी होता है ।
अगर आप अपने पकवान को थोड़ा नम करने के लिए उस पर नींबू के कुछ छींटें ही डाल दें तो भी नतीजा हमेशा कमाल का ही होगा ।
यह चीज़ अक्सर सलादों के साथ की जाती है और इससे हमारा मुंह हमेशा खुश ही होता है । जैतून के तेल, सिरके या सरसों की ही तरह यह भी हर व्यक्ति के अपने-अपने स्वाद पर निर्भर करता है ।
यह न भूलें कि खाना पकाना स्वतंत्रता, रचनात्मकता, प्यार और समर्पण वाली एक कला है ।
अगर आप सब्ज़ियों और खान-पान की अन्य वस्तुओं के अलग-अलग मिश्रण बनाकर देखने का साहसी फैसला कर चुके हैं तो आप खाना बना सकते हैं ।