दांतों की क्षय : क्यों होती है डेंटल कैविटी?
दांतों में कैविटी का बनना दरअसल दांतों का सड़ना है। कई अलग-अलग फैक्टर दांतों की क्षय में योगदान दे सकते हैं। हालांकि, यह ज्यादातर डाइट, बैक्टीरिया और लार में मिले तत्वों से संबंधित है।
डेंटल कैविटी पहले दांतों कीऊपरी परत यानी एनामेल को नुकसान पहुंचाती हैं। फिर वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं जब तक कि वे पल्प तक नहीं पहुंच जाते जो कि दांत का सबसे भीतरी हिस्सा है।
दांतों की क्षय के दोषियों में अक्सर बैक्टीरिया होते हैं, मुख्य रूप से जो स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स होता है। यह बैक्टीरिया दांतों की एनामेल से मिनरल को हटा देता है, जो बाद में कैविटी का कारण बन सकता है।
चीनी से बने प्रोडक्ट उस बैक्टीरिया को भोजन देते हैं जो डेंटल एनामेल को नष्ट कर देता है।
दांत क्यों सड़ते हैं?
सिर्फ बैक्टीरिया ही इस बीमारी की ओर नहीं ले जाता है। इसके दूसरे जोखिमकारी फैक्टर हैं:
- कार्बोनेटेड ड्रिंक, एसिडिक खाद्य आदि के सेवन के कारण मुंह का पीएच घट जाना।
- बहुत मीठा खाना जिसमें लस्सेदार चीजें हों।
- मुंह की खराब साफ़-सफाई।
- कम लार निकलना।
- डेंटल क्राउडिंग जिसमें मुंह की साफ़-सफाई कठिन हो जाती है।
- अस्वाभाविक एनामेल जैसे कि हाइपोप्लासिया ( एनामेल का पतला और क्षतिग्रस्त होना)।
- पेरिओडोंटल रोग।
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हमारे आहार में चीनी काफी हद तक दांतों की सड़न के लिए जिम्मेदार है।
चॉक की टेक्स्चर वाले सफेद धब्बे के साथ कैविटी दांतों पर बननी शुरू हो जाती हैं। यह दरसल एनामेल का कमजोर और पतला होना है। अगर मिनरल का खोना जारी रहे तो स्थिति खराब हो जाएगी और एक काले, पीले पीले रंग की कैविटी दिखाई देगी।
कैविटी की स्थिति अगर बिगड़ती रहे तो दांत दो भागों में विभाजित हो सकती है। दांतों की क्षय अगर डेंटन (dentin) में पहुंच जाए तो दांत ठंडी, गर्मी और मीठे खाद्य पदार्थों के प्रति बहुत संवेदनशील हो जाएगा। ऐसा होने पर डेंटल फिलिंग करने का वक्त आ जाता है।
यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो दांतों की सड़न जारी रहती है। एक बार जब यह डेंटल पल्प या दांत के गूदे तक पहुंच जाए तो तेज दर्द होगा। दुर्भाग्य से, यह संभव है कि कोई इंफेक्शन या दांत का फोड़ा दांत की जड़ में भी बन सकता है। दांतों की क्षय इस जगह पहुंच जाने पर एकमात्र इलाज रूट कैनाल ही होता है।
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डेंटल कैविटी : दांतों की सड़न कैसे रोकें
दांतों की सड़न को रोकने के सबसे आसान तरीके हैं:
1. पर्याप्त ओरल हाइजीन जो प्लाक को ख़त्म करती है
अपने दांतों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करने की आदत बनाएं, यह दांतों की सड़न रोकने का सबसे असरदार तरीका है। ब्रश करने से दांतों पर बनने वाले प्लाक और खाद्य अवशेष साफ़ हो जाते हैं जो नुकसानदेह बैक्टीरिया को पनपने का मौका देते हैं।
हर दिन अपने दाँत पर ब्रश करने से बैक्टीरिया पनपने वाले प्लाक को रोकने में मदद मिलेगी जो टार्टर और दूसरी समस्याओं का कारण बनती है।
डेंटिस्ट आपको सिखा सकता है कि ठीक से ब्रश कैसे करना है। साथ ही वह है वह हर रोगी की निजी जरूरतों के लिए सही टूथब्रश और टूथपेस्ट की सिफारिश कर सकता है।
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2. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और माउथवॉश का इस्तेमाल करें
फ्लोराइड मिले माउथवॉश और टूथपेस्ट से ब्रश करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपके दांतों की अपने खोए हुए मिनरल को वापस पाने में मदद करेगा और एनामेल मजबूत करने में भी मदद करेगा।
माउथवॉश और टूथपेस्ट दांतों को बैक्टीरिया का प्रतिरोध करने लायक बनने में मदद करते हैं।
दांतों को कई बार ब्रश करने और फ्लॉस करने के अलावा दांतों की सड़न रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय भी अपना सकते हैं:
- अपना खानपान बदलें: कम चीनी और कम शुगर वाले खाद्य खाएं।
- हर साल कम से कम दो बार डेंटिस्ट के पास जाएं।
- बच्चों में, डेंटल सीलेंट का उपयोग करें।
अगर आपको लगे कि आपको कैविटी हो रही है, तो सिफारिश जाएगी की समस्या से निजात पाने के लिए डेंटिस्ट से मिलें।
ध्यान रखें, यहां बताए गए रोकथाम के उपाय कभी भी पारंपरिक ब्रशिंग की जगह नहीं ले सकते। ब्रश करना, फ्लाश करना और फ्लोराइड माउथवॉश करना दांतों की सड़न रोकने की जरूरी आदतें हैं।
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