कैंसर पीड़ित लोगों के लिए सही डाइट
कैंसर एक जटिल बीमारी है जो आनुवंशिक और पर्यावरणीय दोनों फैक्टर पर निर्भर करती है। खानपान इस समस्या के विकास के जोखिम को प्रभावित कर सकता है और साथ ही रोगियों को कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट की जरूरत होगी। जब कैंसर वाले लोगों के लिए सही डाइट की बात आती है, तो कई दिशानिर्देशों को ध्यान में रखना जरूरी है। उदाहरण के लिए यह अहम है कि रोगी ऐसे खाद्य पदार्थों को न खाए जो ट्यूमर के विकास में योगदान करते हैं।
एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों वाले प्रोडक्ट पर जोर देना महत्वपूर्ण है। ऐसे खाद्य कीमोथेरेपी के असर को बढ़ाएंगे और इलाज के साइड इफेक्ट को कम करेंगे।
प्रोसेस्ड फ़ूड खाना बंद करें
प्रोसेस्ड फूड एडिटिव्स, शुगर और ट्रांस फैट से भरपूर होते हैं, इसलिए उन्हें खाने से कैंसर के बढ़ने का खतरा जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक लेख इस रिश्ते की व्याख्या करता है।
इस प्रकार के पदार्थ सेलुलर लेवल प होने वाले बदलावों की तादाद को बढ़ाते हैं। वे ट्यूमर के लिए एक एनर्जी सब्सट्रेट यानी सहायक के रूप में काम करते हैं, और इसके विकास में योगदान देते हैं। इन कारणों से कैंसर की डायग्नोसिस हुए रोगियों में इन प्रोसेस्ड फ़ूड को प्रतिबंधित करना अहम है।
स्वस्थ व्यक्ति के आहार से ऐसे खाद्य को हटाना जहां रोकथाम का एक उपाय है, ऑन्कोलॉजिकल रोगियों में ऐसा करने से उनकी आयु बढ़ा सकती है। यह इन रोगियों के इलाज में अनुकूल की प्रतिक्रिया देने की संभावना को बढ़ा सकता है।
कैंसर के रोगियों को प्रोसेस्ड फ़ूड नहीं खाना चाहिए। ऑन्कोलॉजिकल रोगियों के लिए ज्यादा प्रोसेस्ड फ़ूड ठीक नहीं हैं, क्योंकि वे इलाज में मदद नहीं करते हैं।
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कैंसर के रोगियों के लिए सही आहार में एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य होने चाहिए
एंटीऑक्सिडेंट पदार्थ फ्री रेडिकल्स का मुकाबला करते हैं। वे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का मुकाबला करते हैं और डीएनए में ऐसे म्यूटेशन का जोखिम कम करते हैं जो कैंसर प्रक्रियाओं को जन्म दे सकता है। नियमित रूप से उनका सेवन करने से इस प्रकार की समस्या को रोकने में मदद मिलती है।
जिन रोगियों में पहले से ही यह बीमारी है, यह महत्वपूर्ण है कि वे इन प्रोडक्ट का सेवन बढ़ाने से ट्यूमर के विकास को रोकते हैं। टमाटर में मौजूद लाइकोपीन (lycopene) जैसे कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट्स ट्यूमर के विकास को धीमा करने में मदद कर सकते हैं। जर्नल न्यूट्रिशन एंड कैंसर में प्रकाशित एक लेख इस तथ्य की पुष्टि करता है।
एंटीऑक्सिडेंट का सेवन बढ़ाने के लिए रोगियों को अपने आहार में फलों और सब्जियों की संख्या बढ़ानी चाहिए। उन्हें विशेष रूप से लाल सब्जियों के साथ-साथ क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन बढ़ाना चाहिए।
इग्ज़ाटिक फ्रूट विटामिन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं। इसलिए वे सेलुलर ऑक्सीडेशन के खिलाफ मुकाबले को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। कैंसर पीड़ित लोगों के लिए सही डाइट बहुत महत्वपूर्ण है।
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कैंसर पीड़ित लोगों के लिए डाइट सप्लीमेंट
कुछ पदार्थ सप्लीमेंट के रूप में कैंसर से पीड़ित लोगों की मदद कर सकते हैं। उनमें से एक मेलाटोनिन (melatonin) है, एक ऐसा हार्मोन जो सर्कैडियन स्लीप रिद्म को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार है जिसमें महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट पावर होता है।
इस सप्लीमेंट के असर का वैज्ञानिक साहित्य में प्रदर्शन किया गया है। उदाहरण के लिए इसे Oncotarget पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में देखा जा सकता है।
ये फायदे डायग्नोस्टिक लेवल पर उपयोग किए जाने वाले खुराक में पाए जाते हैं। मेलाटोनिन और कैंसर की रोकथाम या इलाज के बारे में मौजूद अध्ययन प्रति दिन 10 मिलीग्राम की डोज को मानते हैं।
यह हार्मोन मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़े साइड इफेक्ट को कम करने का प्रबंधन करता है। इसलिए यह नींद में सुधार करता है, तनाव के लेवल को कम करता है, और मेटाबोलिक मार्करों में सुधार करता है।
कैंसर रोगियों के डाइट की बात आने पर ऐसे फलों और सब्जियों को शामिल करना महत्वपूर्ण होता है जिनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं
कैंसर रोगियों के लिए पोषण का अनुकूलन जरूरी है
कैंसर एक बहुक्रियाशील बीमारी है जो सीधे कुछ पर्यावरणीय फैक्टर से जुड़ी है। इसलिए मरीजों में इसके विकास को रोकने के साथ-साथ इसके इलाज में मदद करने के लिए अपने डाइइट में सुधार करना आवश्यक होता है।
पोषक तत्वों का सही सेवन ट्यूमर के विकास को रोकने और मेडिसिनल ट्रीटमेंट का असर बढ़ाने में सक्षम है। इन लाभों को देखने के लिए फलों और सब्जियों के उपभोग पर जोर देना महत्वपूर्ण है। इन खाद्य पदार्थों में विटामिन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट के गुण रखते हैं।
सूजन पैदा करने वाले सभी खाद्य पदार्थों जिनमें म्यूटेशन को बढ़ाने की क्षमता होती है उनसे परहेज जरूरी है। उदाहरण के लिए प्रोसेस्ड फ़ूड। ऐसे पदार्इथों का सेहत पर नकारात्मक असर होता है और यह जटिल बीमारियों के विकास से जुड़ा हुआ है।
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