रोग जो विटामिन की कमी से हो सकते हैं

शारीरिक कामकाज के लिए विटामिन जरूरी कम्पाउंड है। इनकी कमियां बीमारियां पैदा कर सकती हैं। इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताएंगे जिनके कारण शरीर में विटामिन की कमी हो सकती है।
रोग जो विटामिन की कमी से हो सकते हैं

आखिरी अपडेट: 29 अक्टूबर, 2020

शरीर में पर्याप्त पोषण की कमी से  विटामिन की कमी वाली बीमारियां हो सकती हैं। क्योंकि विटामिन एसेंशियल न्यूट्रिएंट हैं जो कई अलग-अलग खाद्य पदार्थों में मौजूद होते हैं जिनका सेवन लोग नियमित रूप से करते हैं, भले ही बहुत थोड़ी मात्रा में।

कुछ साल पहले तक एक्सपर्ट कुछ खाद्यों को न खाने के नतीजों के बारे में बात करते थे। हालांकि, उन्होंने बाद में पाया कि स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण यह है कि वे उनके किस तरह के तत्व हैं। अगर आपको पर्याप्त विटामिन न मिले तो क्या होगा?

रोग जो विटामिन की कमी से हो सकते हैं

कुल तेरह तरह के विटामिन हैं। ये सभी कार्बनिक  कंपाउंड के एक ग्रुप से मेल खाते हैं जो ऐसे एंजाइम के साथ मिलकर काम करते हैं जो शरीर की मेटाबोलिक प्रक्रियाओं का हिस्सा हैं। हालाँकि उन्हें माइक्रोन्यूट्रिएंट माना जाता है, लेकिन वे हमारे डाइट का  अहम हिस्सा हैं।

लंबे समय से विटामिन की कमी मध्यम या लॉन्ग टर्म में होने पर कुछ बीमारियों के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। नीचे हम उनका ब्यौरा देंगे।

विटामिन A और नजर की कमजोरी

विटामिन A की कमी आँखों की समस्याओं से जुडी है। विशेष रूप से यह ड्राई आई या ज़ेरोफथाल्मिया (xerophthalmia) का कारण बनता है, जो समय के साथ रतौंधी (night blindness) में बदल जाता है।

इन जटिलताओं से बचने के लिए आपको ऐसे खाद्य खाना चाहिए जिनमें कैरोटीनॉइड हो। आप आमतौर पर इस तरह के खाद्य पदार्थों में विटामिन मिलते हैं:

  • अंडे
  • दूध
  • मछली जैसे कि सामन
  • लिवर
  • गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां
  • आम
  • पपीता
  • टमाटर
  • गाजर
  • स्क्वाश
  • मक्का

विटामिन A का डेली डोज उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वयस्कों पुरुषों के लिए 900 माइक्रोग्राम और महिलाओं के लिए 700 माइक्रोग्राम हैं।

विटामिन A की कमी आँखों की बीमारियों के  जोखिम से जुड़ी है।

विटामिन B2 की कमी और एनीमिया

विटामिन B12 या कोबालिन की कमी के कारण एक प्रकार का एनीमिया होता है जिसे पेरिनेमिया एनीमिया कहा जाता है। इस पदार्थ में कोबाल्ट होता है जो रेड ब्लड सेल्स के बनने के लिए एक आवश्यक मं मिनरल है।

कोबाल्ट सिर्फ बैक्टीरिया द्वारा बनाया जाता है, मनुष्यों में यह एनिमल फ़ूड से आता है। इस तरह जो लोग शाकाहारी हैं वे इसकी कमी का शिकार हो सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) जैसी संस्थाओं के अनुसार वयस्कों के लिए कोबालिन की डेली डोज 2.4 माइक्रोग्राम है। लोग इसे सप्लीमेंट से पा सकते हैं, विशेष रूप से वे जो प्लांट बेस्ड फ़ूड ही खाते हैं।

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त्वचा के घाव और विटामिन C की कमी

अपने शुरुआती चरणों में, विटामिन C की कमी से मसूड़ों से खून बहता है और घाव धीमे भरते हैं। कई साल पहले विशेषज्ञों ने पाया कि लंबे समय तक इसकी कमी स्कर्वी रोग का कारण बन सकती है।

इन लक्षणों के अलावा यह स्थिति थकान जोड़ों में दर्द और त्वचा के घावों का कारण बनती है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार इस पोषक तत्व के महत्व की खोज के बाद से यह समस्या कम हो गयी है।

कुछ खाद्य जिनमें विटामिन C होता है, वे हैं खट्टे फल, कीवी और मिर्च। आपको याद रखना चाहिए कि खाना पकाने की प्रक्रिया या  तापमान से इस विटामिन को क्षति पहुँचती है। डाइट सप्लीमेंट में इसकी सेफ डोज ले सकते हैं।


विटामिन C की कमी घाव भरने में देरी से संबंधित है। खट्टे फल जैसे खाद्य पदार्थों में विटामिन C होता है।

न्यूरोलॉजिकल रोग और फोलिक एसिड

कई अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा फोलिक एसिड (विटामिन B9) का सेवन भ्रूण में न्युरोने की किसी समस्या को रोकता है। इसके अलावा इसके सप्लीमेंट के दूसरे फायदे हैं, जैसे कि जन्मजात हृदय रोग और ओरल क्लेफ्ट की रोकथाम।

फोलिक एसिड के मुख्य खाद्य स्रोत गहरे हरे रंग की पत्तियां, लिवर और किडनी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सभी महिलाएं गर्भधारण की कोशिश करने के क्षण से गर्भधारण के 12 वें हफ़्तों तक महिलाओं को रोजाना 400 μg फोलिक एसिड लेना चाहिए।

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विटामिन D की कमी के कारण हड्डी की कमजोरी

विटामिन D के  कामकाज में अहम् है पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का अवशोषण करते हुए हड्डियों को स्वस्थ रखना। यदि आपको यह पर्याप्त नहीं मिल रहा है, तो रिकेट्स और ऑस्टियोमलेशिया (osteomalacia) जैसे रोग हो सकते हैं।

मनुष्यों में यह विटामिन तब बनता है जब त्वचा धूप से अल्ट्रा वायलेट किरणों के संपर्क में आती है। इसी तरह पशु मूल के खाद्य खाकर आप इसे पा सकते हैं, लेकिन 10% ही, ये खाद्य हैं अंडे, दूध और मांस आदि।

याद रखें

संक्षेप में यदि आप बैलन्स डाइट खाएं तो संभावना नहीं है कि आप विटामिन की कमी से पीड़ित होंगे। हालाँकि ऐसी स्थितियाँ हो सकती हैं जिनमें इसकी डेली डोज बढ़नी चाहिए, जैसे गर्भावस्था के दौरान या यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं।

उन स्थितियों में आपके आहार को एडजस्ट किया जाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए सप्लीमेंट डाइइट का सहारा लेने की संभावना का मूल्यांकन करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें।



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