दूध पीने के फायदे और जोखिम
आपने शायद हमेशा सुना होगा, दूध पीना शारीरिक ग्रोथ के लिए आवश्यक है। साथ ही यह आपकी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रहने में मदद करता है। हालांकि इससे और डेयरी प्रोडक्ट से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
फिर भी यह कोई बहुत बुरी खबर नहीं है। आखिर दूध पीने के फायदे हैं। हम इस पूरे लेख में इसका ब्यौरा देंगे।
दूध के फायदे (benefits of drinking milk)
हजारों सालों से ज्यादातर सभ्यताओं में दूध मानव आहार का हिस्सा रहा है। दरअसल मनुष्य ने करीब 11,000 साल पहले इसे पीना शुरू किया जब हमने पशुधन को पालतू बनाने की शुरुआत की। हालांकि इंसानी उपयोग के लिए इसे अक्सर अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर पर प्रोसेस किया जाता है, जो इसकी संरचना में थोड़े बदलाव का कारण बनता है।
यह प्रकृति के कैल्शियम के मुख्य स्रोतों में से एक है और शिशुओं के लिए बहुत अहम है। हड्डियों के बनने, उनके रखरखाव के लिए और कई दूसरी अहम शारीरिक जरूरतों के लिए कैल्शियम जरूरी है।
साथ ही यह खाद्य दूसरे मिनरल भी प्रदान करता है। इस कारण इसे सबसे पूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है।
इसके अलावा दूध कई डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि मक्खन, पनीर, दही, क्रीम आदि बनाने के लिए कच्चा माल है। दुनिया में सबसे ज्यादा पीया जाने वाला दूध गाय का दूध है, इसलिए हमने इसकी बनावट पर फोकस करने का फैसला किया है।
इसकी बनावट
- पानी: दूध का 80-87% हिस्सा पानी से बना होता है।
- कार्बोहाइड्रेट: लैक्टोज दूध में मौजूद मुख्य शुगर है। यह तत्व उन चीजों में से एक है जिसके कारण दूध पीना जोखिम भरा है।
- प्रोटीन: दूध में मौजूद प्रोटीन को हाई बायोलॉजिकल वैल्यू वाला माना जाता है और इसमें कई आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। दूध में 3-4% प्रोटीन होता है।
- फैट : दूध में 3 से 6% फैट होता है। हालाँकि यह गाय के पोषण और नस्ल के आधार पर अलग-अलग भी हो सकता है। कुल मिलाकर इसमें मौजूद फैट का 90% ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में होता है।
- विटामिन: सभी विटामिन होते हैं। इसमें विटामिन A, विटामिन D, राइबोफ्लेविन (B 2), सायनोकोबालामिन (cyanocobalamin) और थायमिन विशेष उल्लेखनीय हैं।
- मिनरल : दूध उन मिनरल से समृद्ध है जो आमतौर पर साल्ट के रूप में होते हैं। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयोडीन, सोडियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम और ज़िंक होता है।
दूध पीने के जोखिम
हमने इस लेख में पहले बताया है, दूध सेवन के कई जोखिम भी हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए। उनमें से कुछ हैं:
1. लैक्टोज इन्टॉलरेंस
हर 2 में से 1 व्यक्ति लैक्टोज इन्टॉलरेंस (lactose intolerant) का शिकार होता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसमें लैक्टोज मुख्य शुगर है। हालाँकि, ज्यादातर लोग इस पदार्थ के प्रति असहिष्णु नहीं हैं और दूध का सेवन जारी रखते हैं।
दुनिया की आबादी का एक बड़ा प्रतिशत लैक्टोज इन्टॉलरेंट है। इस तरह लैक्टोज इन्टॉलरेंस कोई बीमारी नहीं है, एक सामान्य स्थिति है। दरअसल दो और चार साल की उम्र के बीच हमारा शरीर लैक्टेज एंजाइम को बनाना बंद कर देता है, जो लैक्टोज के पाचन के लिए जिम्मेदार है।
चूंकि मनुष्य आमतौर पर दूध पीना जारी रखते हैं, इसलिए वे जिस लैक्टोज का सेवन करते हैं वह पचता नहीं है, जिसका अर्थ है कि यह आंत में रहता है जहां यह बृहदान्त्र बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होता है। इससे गैस, दर्द और कभी-कभी दस्त होते हैं।
2. दूध पीने के बाद कैल्शियम की कमी
पशु प्रोटीन का सेवन करने से खून का pH एसिडिक हो जाता है। इसके जवाब में शरीर इस अम्लता को बेअसर करने के लिए हड्डियों में मौजूद कैल्शियम का इस्तेमाल करता है। यह पाया गया है कि डेयरी प्रोडक्ट या कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन फ्रैक्चर के रिस्क के खिलाफ कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं है।
वैसे तो इसमें आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, लेकिन आपको उन्हें हासिल करने के दूध पीने की जरूरत नहीं है। वास्तव में, सब्जियां भी कैल्शियम से भरपूर होती हैं।
3. इसे पीने से एलर्जी और अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है
गाय के दूध में ह्यूमन मिल्क की तुलना में तीन गुना ज्यादा प्रोटीन होता है। इनमें से कुछ बहुत गरिष्ठ होते हैं और उन्हें पचा पाना बहुत बहुत कठिन है।
कुछ लोगों में, ये प्रोटीन (जैसे casein) आंतों की लिम्फैटिक वैसेल से चिपक जाते हैं जो पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है। इस तरह वे इम्यून सिस्टम की समस्याओं, एलर्जी और अस्थमा का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष
यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस से जूझ रहे हैं या नहीं। हालाँकि इस भोजन का संयमित रूप से सेवन (लैक्टोज इन्टॉलरेंस न होने पर) शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
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