लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का संदेह है? कैसे जानें कि आप इससे पीड़ित हैं

क्या आप जानते हैं, आप लैक्टोज़ इनटॉलेरेंट हो सकते हैं और आपको इस बारे में पता भी नहीं हो सकता है। लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का गंभीर होना जरूरी नहीं है, पर यह आपके जीवन पर असर डाल सकता है। इसके लक्षण और डायग्नोसिस के बारे में जानें।
लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का संदेह है? कैसे जानें कि आप इससे पीड़ित हैं

आखिरी अपडेट: 11 फ़रवरी, 2019

क्या आप जानना चाहते है, कहीं आप लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस तो नहीं हैं। यदि हाँ, तो हम आपको यह आर्टिकल पढने की सलाह देंगे। आप यहाँ लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के लक्षण, डायग्नोसिस और टेस्ट के बारे में जानेंगे।

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस क्या है?

लैक्टोज़ इनटौलेरेंस

मानव जाति के क्रमबद्ध जेनेटिक म्यूटेशन (genetic mutations) ने हमें वयस्क होने तक दूध पीने की अनुमति दी है। इसमें और अन्य डेयरी प्रोडक्ट में लैक्टोज़ होता है। यह एक किस्म का शुगर है। लेकिन कुछ लोगों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में लैक्टेज़ नहीं बन पाता है। लैक्टेज़ वह एंजाइम है, जो लैक्टोज़ के पाचन और इसे शरीर में अवशोषित करने का काम करता है। इस स्थिति में ही लोगों में लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस होता है।

इस तरह लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस पाचन की गड़बड़ी है जो उस एन्जाइम की कमी से होता है जिस पर लैक्टोज़ को पचाने की जिम्मेदारी है होती है। बिना पाचन हुए लैक्टोज़ कोलन (colon) में चला जाता है जहाँ यह फरमेन्ट होकर गैस बनाता है

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस से पीड़ित व्यक्ति द्वारा दूध, योगर्ट और आइसक्रीम का सेवन करने पर आंतों में कोई गंभीर या ठीक न होने लायक कोई खराबी नहीं आती। इसके सिर्फ अस्थायी लक्षण होते हैं

बहुत से लोग समझते हैं, उन्हें लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस की समस्या है। हालांकि फालतू बैक्टीरिया उत्पन्न होने या सेलियाक रोग  (celiac desease) या आंतों की सूजन में भी ऐसा हो सकता है।

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस से पीड़ित ज्यादातर लोगों में सिर्फ प्राथमिक  लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस की समस्या हो सकती है। दूसरे शब्दों में, वे बिना किसी लक्षण के एक गिलास दूध (या दूसरे दुग्ध उत्पाद) पी सकते हैं। वे अपने भोजन के साथ भी बिना आंतों में समस्या के मिल्क प्रोडक्ट खा सकते हैं

उनके पास कम लैक्टोज़ वाले उत्पादों के सेवन का विकल्प भी या फिर वे लैक्टोज़ सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं।

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के लक्षण

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के लक्षण

लैक्टोज़ वाले खाद्य खाने या पीने के बाद 30 मिनट से 2 घंटे बीच लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के संकेत दिखाई देते हैं। लक्षणों की गंभीरता उस व्यक्ति, सेवन किए गए खाद्य की मात्रा और पेट में लैक्टेज़ की कितनी ज्यादा (या कम) मात्रा है, इन पर निर्भर करता है।

यदि आप निम्न लक्षण अनुभव करें तो आप लैक्टोज़ इनटॉलेरेंट हो सकते हैं:

  • आंतो के बैक्टीरिया द्वारा लैक्टोज़ के फर्मेंटेशन के कारण ज्यादा एसिडिक स्टूल बनता है। इसके कारण शौचालय जाने पर ज्यादा जलन हो सकती है
  • पेट फूलना (Bloating) या पेट में दर्द होना, दूध उत्पाद के सेवन के बाद कई घंटों तक ज्यादा बनने वाली गैस
  • बदबूदार मल और पेट में गैस होना
  • दस्त (दस्त (Diarrhea) और कब्ज लैलैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के साथ-साथ चल सकते हैं। इसका कारण आंतों की फ्लोरा (flora) में असंतुलन है। पेट में मरोड़ होना भी सामान्य है।

बच्चों और किशोरों में लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस होने पर उबकाई और उल्टी भी आती है।

यदि साफ-साफ कहा जाए, तो इन संकेतों का मतलब हमेशा लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस नहीं होता। ये संकेत दूसरी बीमारियों या पेट और आंतों की गड़बड़ियों (विशेष रूप से स्टमक फ्लू) में भी दिखाई दे सकते हैं। एक “सुझाव” आपकी मदद कर सकता है, वह है, उस समय पर गौर करना चाहिए जब लक्षण दिखाई देते हैं। इससे यह जानने में मदद मिल  सकती है कि लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस है या नहीं। यदि यह दूध, योगर्ट, चीज़, आइसक्रीम, इत्यादि पीने या खाने के बाद होता है, तब इसका कारण लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस होने की संभावना ज्यादा है।

सेकेंडरी लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस के मामले में आप ये संकेत भी देख सकते हैं :

  • दिखाई देने लायक वजन में कमी
  • गुदाद्वार (anus) के चारो ओर लाली होना
  • पेट में मरोड़
  • विस्फोटक दस्त (Explosive diarrhea)

इसके अलावा इन मामलों में, पीड़ित व्यक्तियों को त्वचा की समस्याएँ, बहुत ज्यादा थकान और हाथ-पाँव में दर्द महसूस हो सकते हैं।

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का पता लगाने वाले टेस्ट

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का पता लगाने वाले टेस्ट

यदि आप समझते हैं कि आपको यह समस्या है, तो स्पेशलिस्ट से मिलना अहम है। आपके लक्षणों का निदान कोई प्रोफेशनल विशेषज्ञ कर सकता है।

इसका पता लगाने के लिए सबसे सामान्य टेस्ट ये हैं :

ग्लाइसेमिक रिस्पांस टेस्ट (Glycemic Response Test)

  • पहले शुरुआती ग्लाइसेमिक लेवल मापने के लिए रक्त निकाला जाता है।
  • फिर लैक्टोज़ का ओवरलोड दिया जाता है। 2 घंटे के लिए, प्रति 30 मिनट पर 50 ग्राम (4 डोज)।
  • इसके बाद ग्लुकोज मापने के लिए रक्त निकाला जाता है।

यदि माप एक ही होते हैं, तो लैक्टेज़ उस तरह काम नहीं कर रहा है जैसे उसे करना चाहिए।

फिर भी, यह टेस्ट ज्यादा निश्चित नहीं है, क्योंकि डायबिटीज़ मेलाइटस जैसी दूसरी गड़बड़ियाँ भी हो सकती हैं जिनसे ग्लाइसेमिक लेवेल में बदलाव होते हैं।

हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट (Hydrogen Breath Test)

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का पता लगाने वाला हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट

लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का पता लगाने के लिए इस टेस्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें व्यक्ति एक लैक्टोज़ सॉल्यूशन पीता है। फिर हर 15 मिनट के अंतराल पर एक एयरटाइट थैले में फूंकता है।

जब मिल्क शुगर्स पचते नहीं हैं और छोटी आंत से बड़ी आंत में चले जाते हैं। वहाँ बैक्टेरिया उन्हें अपने खाद्य के रूप में इस्तेमाल करते हैं और हाइड्रोजन बनाते हैं। इसलिए यदि आप सांस में ज्यादा मात्रा में हाइड्रोजन छोड़ते हैं, तो शायद यह लैक्टोज़ के पाचन में गड़बड़ी के कारण है।

स्माल इन्टेस्टाइन बायोप्सी (Small Bowel Biopsy)

यह टेस्ट करने के लिए  भोजन-नलिका या पेट और आंतों के एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिये वे टिशूज़ के टुकड़े निकलने के लिए छोटी आंत में इसे ले जाते हैं।फिर प्रयोगशाला में इस सैम्पल को विश्लेषण के लिए भेजा जाता है। यह टेस्ट छोटी आंत में  लैक्टेज़ की मौजूदगी या गैरमौजूदगी की पुष्टि करता है

स्टूल एसिडिटी टेस्ट

यह टेस्ट ज्यादातर छोटे बच्चों के लिए है। क्योंकि उनकी कम उम्र दूसरे टेस्ट को खतरनाक और अव्यावहारिक बना देती है। यह मल में लैक्टिक और अन्य फैटी एसिड की जांच करता है। इसकी मौजूदगी कोलन में बैक्टीरिया द्वारा लैक्टोज़ फर्मेंटेशन का नतीज़ा होती है।

जेनेटिक टेस्ट

इस टेस्ट का उद्देश्य MCM6 जीन के कारण होने वाले प्राइमरी लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस का पता लगाना है। जीन के इस टेस्ट के लिए ब्लड या थूक का टेस्ट ही पर्याप्त है।

याद रखें, लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस और पेट की कुछ दूसरी समस्याओं के लक्षण एक तरह के होते हैं। इसलिए अगर आपको शक है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।