गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लक्षण क्या हैं?
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस या आंत्रशोथ के लक्षण की विशेषता वह सूजन है जो रोग गैस्ट्रो-इंटेसटिनल ट्रैक्ट में होती है। दस्त, उल्टी, पेट में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन इसमें आम बात है।
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में उपलब्ध प्रकाशनों की मानें तो इस बीमारी के सबसे आम कारण (वयस्कों में 90% प्रकोप का कारण) नोरोवायरस (noroviruses) होते हैं, जो कैलीवायराइड फैमिली (Caliciviridae family) से जुड़े RNA पैथोजेन हैं।
इस तरह गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के अधिकांश महामारी का प्रकोप वायरस के कारण होता है, बैक्टीरिया से नहीं। इसलिए इसका असरदार इलाज जानने के लिए आपको इस रोग के सिम्पटमटॉलॉजी को जानना होगा।
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस की घातकता
कई एपिडेमिलॉजिकल साइंस स्टडी का अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 3 से 5 अरब मामले होते हैं। यह बेशक बहुत बड़ा आंकड़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इसका असर ज्यादा गंभीर है।
यहाँ कुछ तथ्य दिए गए हैं:
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया से होने वाली बीमारियाँ मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है, जो हर साल लगभग 525,000 मौतों का कारण बनती हैं।
- स्टडी का दावा है कि इनमें से कम से कम 453,000 मौतें रोटावायरस (इथियोपिया या भारत जैसे देशों में 22% मौतें) के कारण होती हैं।
- इन मौतों का एक बड़ा हिस्सा रोका जा सकता है, अगर सुरक्षित पेयजल तक लोगों की पहुँच हो और सार्वजनिक सुविधाओं में पर्याप्त स्वच्छता बरती जाए।
- दुनिया भर में शिशुओं में दस्त की बीमारी के लगभग 1.7 बिलियन मामले हर साल होते हैं
जैसा कि हमने देखा है, वयस्कों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस पैदा करने वाले सबसे आम वायरल एजेंट नोरोवायरस (norovirus) हैं, जबकि पांच से कम उम्र के बच्चे रोटावायरस (rotavirus) के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि इन कारक एजेंटों के अनुसार गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षणों में फर्केक कैसे किया जाए, तो आगे पढ़ें।
पेट में दर्द गैस्ट्रोएंटेराइटिस के क्लासिक लक्षणों में से एक है।
और जानें: गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) : लक्षण और उपचार
आंत्रशोथ के लक्षण क्या हैं?
इस प्रश्न का उत्तर प्रेरक बहुत कुछ एजेंट पर निर्भर करता है। यू.एस. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन जैसे स्रोत इस बात पर जोर देते हैं कि तीन मुख्य पैथोजेन हैं: वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट।
आइए एक नज़र डालते हैं कि इनमें से प्रत्येक के मामले में क्या होता है।
वायरल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस
क्लिनिकल स्टडी के अनुसार रोटावायरस के कारण होने वाला वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस (जिसे पेट फ्लू भी कहा जाता है) आमतौर पर वयस्कों में लक्षण विहीन होता है और इसका इन्क्यूबेशन पीरियड एक से तीन दिन का होता है। जिन मामलों में बाहरी लक्षण दिखाई देते हैं, वे पांच से सात दिनों तक रहते हैं।
कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:
- बिना खून वाला पानी जैसा दस्त
- पेट में दर्द और ऐंठन
- नॉजिया और उल्टी
- सिर दर्द
- हल्का बुखार, 37 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच
यह जानना जरूरी है कि डॉक्टर से कब सलाह लें क्योंकि भले ही इन बीमारियों में किसी भी प्रकार के क्लीनिकल हस्तक्षेप की जरूरत न हो, लेकिन अतिसंवेदनशील लोगों को तत्काल इलाज की जरूरत हो सकती है।
उदाहरण के लिए बच्चों और वयस्कों दोनों में, उल्टी और दस्त में खून की मौजूदगी या 24 घंटे के लिए तरल पदार्थ को बनाए रखने में असमर्थता स्पष्ट लक्षण हैं जिनके लिए तुरंत इलाज होना चाहिए।
बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस
वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि कैम्पिलोबैक्टर (Campylobacter) जीनस के बैक्टीरीक्टीया गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सबसे आम कारण हैं। उनमें से आधे मामले दूषित पोल्ट्री मीट के संपर्क में आने के कारण होते हैं। दूसरे संक्रमण जो ऐसा ही लक्षण दिखाते हैं, वे एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli), साल्मोनेला (Salmonella) और शिगेला (Shigella) हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स वेटरन्स हेल्थ लाइब्रेरी ने इस प्रकार के संक्रमण के सामान्य लक्षण विज्ञान को संकलित किया है। सबसे आम संकेतों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
- पतली दस्त
- मतली और उल्टी
- बुखार और ठंड लगना
- पेट में दर्द
- मल में खून, सबसे गंभीर मामलों में
जैसा कि हमने देखा, वायरल और बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बीच अंतर बहुत कम है, हालांकि मल में खून आना और बुखार बाद वाले रोग के सबसे आम लक्षण हैं।
बेशक लगातार बिगड़ती स्थिति, 38 डिग्री सेल्सियस (100 डिग्री फ़ारेनहाइट) से ज्यादा बुखार में निरंतर बढ़ोतरी, मल में खून और डिहाइड्रेशन (मुंह सूखना और मूत्र में कमी) के सबूत स्पष्ट संकेत हैं कि इलाज ज़रूरी है।
पैरासाईट गैस्ट्रोएंटेराइटिस
यह बहुत व्यापक है और प्रोटोजोआ (protozoa) से लेकर टेपवर्म (tapeworm), नेमाटोड (nematode) और अन्य फ्लैटवर्म (flatworm) जैसे पैरासाईट को कवर करती है, जो सभी बच्चों और वयस्कों दोनों में आम आंत्रशोथ का कारण बन सकता है।
रिसर्च से पता चलता है कि इस तरह के जठरांत्र शोथ के लक्षण पहले बताए गए लक्षणों के समान हैं। हालाँकि नए संकेत इस प्रकार दिखाई दे रहे हैं:
- एनोरेक्सिया और वजन घटाना
- रक्ताल्पता
- विटामिन की कमी
क्योंकि कई मामलों में (जैसे कि टैपवार्म संक्रमण), परजीवी सीधे आंतों या रोगी के खून से भोजन लेकर फलता-फूलता है।
इसके अलावा इस प्रकार की बीमारियां आमतौर पर पहले बताए गए रोगों की तुलना में ज्यादा देर तक रहती हैं। उदाहरण के लिए टेपवर्म शरीर में दो या तीन साल तक जीवित रह सकता है।
नॉन-इन्फेक्शस गैस्ट्रोएन्टेराइटिस
हमें ध्यान देना चाहिए कि संक्रामक एजेंटों के कारण गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सभी एपिसोड नहीं होते हैं। इस सामान्य रोगसूचकता का कारण बनने वाली कुछ स्थितियाँ निम्नलिखित हैं:
- सीलिएक रोगियों में ग्लूटेन का सेवन
- क्रोहन रोग, यानी इंटेसटाइन ट्रैक्ट के कुछ क्षेत्रों की सूजन
- टाक्सिक फ़ूड
- इनफ्लेमेटरी बोवेल सिन्ड्रोम (Inflammatory Bowel Disease -IBD)
ऐसे वार्निंग साइन जो बताते हैं, कि आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए, वे हैं तेज बुखार, गंभीर दर्द, मल में खून और निर्जलीकरण।
आपको इसमें रुचि हो सकती है: डायरिया होने पर दही का सेवन कहाँ तक उचित है?
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बारे में इसे ध्यान रखें
बीमारियों के इस ग्रुप में कई लक्षण समान होने और विविधता के बावजूद प्रत्येक रोगी के लिए सबसे असरदार इलाज की तलाश करने के लिए सभी गंभीर मामलों में क्लीनिकल डाइअग्नोसिस आवश्यक है। आम तौर पर शरीर में डिहाइड्रेशन और मल में खून की मौजूदगी स्पष्ट वार्निंग संकेत हैं जो आपको बताते हैं कि आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना है।
संक्षेप में गैस्ट्रोएंटेरिटिस के लक्षणों में हमेशा दस्त, पेट में दर्द और मतली शामिल होती है, चाहे फैक्टर जो भी हों। हालांकि हमेशा इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी का कारण बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाईट एजेंट है या नहीं।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...