क्रोनिक बीमारी के मामले में सही न्यूट्रीशन

क्रोनिक बीमारियों  का मैनेजमेंट करना मुश्किल होता है, लेकिन कुछ बुनियादी दिशानिर्देशों को अपनाने से  सही डाइट मददगार हो सकता है। हम आपको नीचे दिए गए आर्टिकल में क्रोनिक बीमारियों के लिए सही न्यूट्रीशन के बारे में जानने की जरूरत है।
क्रोनिक बीमारी के मामले में सही न्यूट्रीशन

आखिरी अपडेट: 14 अक्टूबर, 2020

इस आर्टिकल में हम क्रोनिक बीमारी के मामले में सही न्यूट्रीशन के बारे में बात करेंगे।

क्रोनिक बीमारी ऐसे असाध्य रोग में आती हैं, कई बार जिनकी फिजियोथैथोलॉजी अज्ञात होती है, साथ ही उनके कारण भी और यहाँ तक ​​कि उनका इलाज भी।

हालाँकि ऐसा नहीं है कि लक्षणों को दूर करने और रोगियों के जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए इन बीमारियों के इलाज के तरीके नहीं हैं। दरअसल कई बार रोगी खुद कुछ न्यूट्रीशन संबंधी आविष्कारों में एक्सपर्ट बन जाते हैं।

इन स्थितियों में न्यूट्रीशन का उद्देश्य सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और दर्द को कम करना है। इसलिए रोगियों को कई खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देना चाहिए जो कि फाइटोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन और मिनरल से समृद्ध हैं। एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रक्रियाओं में योगदान करने में सक्षम खाद्य पदार्थों से परहेज करना महत्वपूर्ण है।

आइये हम इसे विस्तार से देखें।

क्रोनिक बीमारियों के मामले में सही न्यूट्रीशन: एंटी इन्फ्लेमेटरी फ़ूड

बात जब क्रोनिक बीमारी की और डाइट से उसके इलाज की हो तो एक तत्व जो विशेष रूप से प्रासंगिक है, वह है ओमेगा 3 फैटी एसिड है। लिपिड का यह ग्रुप सूजन को कम करने में सक्षम है। साथ ही यह व्यक्ति के लिपिड प्रोफाइल में सुधार करता है, जैसा कि बायोकेमिकल सोसाइटी ट्रांजेक्शन में प्रकाशित एक लेख में पुष्टि की गई है।

आप इस फैट को ऑइली फिश, कच्ची वनस्पति तेल, सीड्स और एवोकैडो में पा सकते हैं। इन्फ्लेमेटरी फीडबैक मेकेनिज्म पर उनके सही असर के लिए उनका सेवन नियमित किया जाना चाहिए।

ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले खाद्य शरीर की सूजन पर काबू करते हैं।

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क्रोनिक बीमारी के मामले में सही न्यूट्रीशन: दर्द कम करने के लिए फाइटोन्यूट्रिएंट्स

दूसरे कम्पाउंड जो क्रोनिक बीमारी के मैनेजमेंट के लिए फायदेमंद होते हैं, वे फाइटोन्यूट्रिएंट हैं। ये ऐसे पदार्थ हैं जो अपनी प्रकृति में कार्बनिक हैं और मुख्य रूप से सब्जियों में मौजूद हैं।

ऑक्सीडेटिव मेडिसिन और सेल्युलर लॉन्गवेटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार फाइटोन्यूट्रिएंट्स सूजन को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सक्षम हैं। फाइटोकेमिकल्स सेल्स में होने वाले नुकसान को कम करने में सक्षम हैं, जिसका मतलब है कि वे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं।

इसके अलावा ये कम्पाउंड कुछ फिजियोलोजिकल पैथवे में भूमिका निभाते हैं जो दर्द और नर्वस सिस्टम की संवेदनशीलता को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए वे क्रोनिक बीमारी के मैनेजमेंट में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। संक्षेप में ऐसी डाइट अपनाना जिसमें बराबर सब्जियां शामिल हों, अहम है।

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क्रोनिक बीमारी के मामले में डाइट सप्लीमेंट

क्रोनिक बीमारी के मैनेजमेंट के लिए डाइट की डोज फायदेमंद हो सकती है। उदाहरण के लिए मेलाटोनिन। यह हार्मोन सर्कैडियन स्लीप साइकल को दुरुस्त करने के लिए जिम्मेदार है और नींद की क्वालिटी को बढ़ाता है।

कुल मिलाकर यह एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है और मेटाबोलिज्म और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों की रोकथाम से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा मेलाटोनिन फाइब्रोमायेल्जिया जैसी क्रोनिक समस्या में दर्द से राहत देने में सक्षम है। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि खुराक ज्यादा मात्रा की न हो।

हम प्रोबायोटिक्स का भी उल्लेख कर सकते हैं। एक स्वस्थ माइक्रोबायोटा जटिल क्रोनिक रोगों के विकास से बचाने में मदद करता है। तो आंतों के डिस्बिओसिस का रिस्क कम करने के लिए रोगी प्रो और प्रीबायोटिक सप्लीमेंट ले सकते हैं। इस तरह वे पेट के फायदेमंद वनस्पतियों की वरायटी में सुधार करते हैं और बदले में उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।

क्रोनिक बीमारी के मामले में डाइट सप्लीमेंट

माइक्रोबायोटा की संरचना के लिए बढ़ते हुए जटिल रोगों के प्रबंधन में अहम है, विशेष रूप से वे जो गैस्ट्रोइंटेसटिनल हैं।

क्रोनिक बीमारियों से निपटने के लिए डाइट में सुधार

जब पैथोलॉजी क्रोनिक हो तो इसका मतलब है कि इलाज अज्ञात नहीं है। हालांकि अभी भी फार्माकोलॉजिकल और डाइटरी दृष्टिकोण से उनसे निपटने के तरीके हैं।

ऐसा करने के लिए रोगियों को एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों वाले खाद्य के सेवन पर जोर देना चाहिए। ये खाद्य दर्द के साथ-साथ सेल डैमेज को कम करने में भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

साथ ही रोगी डाइट सप्लीमेंट का सहारा भी ले सकते हैं। कुछ सप्लीमेंट जैसे मेलाटोनिन और प्रोबायोटिक्स रिस्क कम करने और क्रोनिक बीमारी को रेगुलेट और दर्द जैसे आक्रामक लक्षणों को घटाने में मदद करते हैं।

हालांकि यह जानना महत्वपूर्ण है कि सही प्रोडक्ट का चयन कैसे करें। किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले आपको पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।

याद रखें, नियमित रूप से फिजिकल एक्सरसाइज के साथ एक विविध और स्वस्थ आहार क्रोनिक बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।



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यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।