गैस्ट्राइटिस के बेहतरीन इलाज के बारे में जानिए
गैस्ट्राइटिस ऐसी बीमारी है जो आज बहुत आम है। यह मॉडर्न डाइट के कारण होता है, और इसकी विशेषता गैस्ट्रिक म्यूकोसा में सूजन का होना है। यह आमतौर पर कई पाचन समस्याओं के साथ आता है। चाहे वे गंभीर हों या न हो, वे आपकी डाइट और लाइफस्टाइल पर असर डाल सकते हैं। इस पोस्ट में आप प्राकृतिक रूप से गैस्ट्राइटिस के इलाज के असरदार उपाय खोज सकते हैं।
डाइट में बदलाव के जरिये गैस्ट्राइटिस का इलाज
गैस्ट्राइटिस के इलाज के लिए आपको एक बैलेंस और स्ट्रिक्ट डाइट बनाए रखने की जरूरत है। आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती है।
भले ही गैस्ट्राइटिस की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है, पर सभी के लिए हम ये सलाह देते हैं:
- गलत आदतें, तंबाकू और शराब से छुटकारा पाएं
- सॉसेज या फ्राइड फ़ूड न खाएं।
- मैदा और शक्कर की मात्रा कम करें।
- कॉफी और चाय का सेवन जितना हो सके कम करें।
- अपने भोजन का आकार नियंत्रित करें। बहुत ज्यादा न खाएं।
- दिन में कम भोजन करना बेहतर है।
- मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन काम करें।
- अपने स्ट्रेस और एंग्जायटी पर काबू रखें। ये गैस्ट्राइटिस को बदतर बना सकते हैं।
- कुछ भी ठंडा या गर्म न खाएं या न पियें।
- सभी खाद्य पदार्थों को ठीक से चबाएं।
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नेचुरल नुस्खे
फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर खाद्य
सभी तरह की सूजन का सम्बन्ध शरीर में एसिडिटी की अधिकता से है।
इस वजह से आपको सब्जी-आधारित खाद्य पदार्थ ज्यादा खाना चाहिए। इनका फ्रेश और हाई एल्केलाइन पावर से भरा होना चाहिए।
हम विशेष रूप से उन खाद्य पदार्थों की सलाह देते हैं जो फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर हैं। ये मुख्य एंटीऑक्सिडेंट हैं जो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को रंग देते हैं:
ट्री प्लांट्स
रोकथाम के लिहाज से एक बार के लिए यह नुस्खा जोरदार है। अगर आपको गैस्ट्रिटिस है तो यह आपको राहत भी देग।
तीन दिनों तक आपको सिर्फ ये खाद्य खाने चाहिए:
- आलू
- गोभी
इसके अलावा आप इस दौरान अपनी डाइट में सेब भी रख सकते हैं।
आप उन्हें अलग-अलग तरीकों से खा सकते हैं, बस तला हुआ नहीं होना चाहिए। इन तरीकों में शामिल हैं: उबला हुआ, बेक किया हुआ, कच्चा या मिक्स्ड। आप थोड़ा ऑलिव ऑयल और चुटकी भर नमक के साथ ड्रेसिंग कर सकते हैं।
सेब और गाजर का जूस
यह स्वादिष्ट होममेड जूस सेब और गाजर पर आधारित है। बहुत से लोग इसे पीते हैं क्योंकि वे मीठे स्वाद को पसंद करते हैं। इस जूस का आपके डाइजेस्टिव म्यूकोसा पर शांत और आरोग्यकारी असर होता है।
इस वजह से, यह हर दिन सुबह या भोजन से पहले पीने के लिए एक शानदार जूस है।
तेल और नींबू
हर सुबह उठते ही आपको यह इलाज आज़माना चाहिए। नींबू के जूस की कुछ बूंदों के साथ एक चमच एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल खाएं। इससे आपको कई फायदे मिलेंगे, जैसे:
- यह बॉवेल मूवमेंट में मदद करता है
- डाइजेस्टिव पीएच लेवल को बैलेंस करता है
- गैस्ट्राइटिस को रोकता है
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कैबेज जूस
कैबेज जूस कच्चे आलू के जूस की तरह ही होता है। यह एक शक्तिशाली नेचुरल एल्केलाइजिंग एजेंट है।
यह आपके गैस्ट्रिक जूस में कोई बदलाव किये बिना गैस्ट्राइटिस का कारण बनने वाली एसिडिटी को संतुलित कर सकता है। अच्छे पाचन के लिए आपको हमेशा एसिडिक रहना चाहिए।
आप पानी में मिलाकर थोड़ा कैबेज जूस ले सकते हैं। इसे हमेशा खाली पेट और हर भोजन से लगभग 10 मिनट पहले पीया जाना चाहिए।
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