तुमसे प्रेम करता हूँ, लेकिन मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है
तुम्हें प्रेम करता हूँ, लेकिन खुश रहने और जीने के लिए मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है। मुझे पता है कि लोग सोचते हैं कि वे समानार्थी है। लेकिन आज, मुझे पता है कि मैं तुम्हारे बिना ठीक रह सकता हूँ।
तुमसे प्रेम करता हूँ, लेकिन मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है
सिनेमा, संस्कृति और समाज ने आपके भीतर रोमानी प्यार की धारणा भर कर आपको बर्बाद कर दिया है। दरअसल प्यार तो ऐसा होना चाहिए जो आपको खुश कर दे। इससे अनेक लोग भावनात्मक रूप से निर्भरशील हो जाते हैं। आज यह समस्या आम हो रही है।
मुझे जीने के लिए तुम्हारी जरूरत नहीं है
यह कहा जाता है कि पीड़ा प्रेम का एक अटूट हिस्सा है, लेकिन यह एक झूठ है।
इस मिथक को बार-बार प्रचारित करने से इसके प्रसिद्ध होने में मदद मिल सकती है, ‘मैं तुम्हारे बगैर नहीं जी सकता’।
अकेले होने का डर और अपने प्रेम जीवन में विफलता की तरह महसूस करना आपको अपने जीवन में आनेवाले पहले व्यक्ति के लिए हाँ कह सकता है। भावुकतापूर्ण निर्भरता के साथ यही होता है। यह आपको बार-बार संबंध बदलने को मजबूर करता है क्योंकि यह भावना कि कोई आपसे प्यार नहीं करता, आपकी बेचैनी बढ़ा देती है।
हालांकि, यह तब दूर हो जाता है जब आप किसी के साथ संबंध में होते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद, अब यह साफ है कि : जिस प्यार का आप अनुभव कर रहे हैं वह वास्तविक नहीं है। आप कैसे इसे तय कर सकते हैं? नीचे उल्लेखित फंदे में फँसने से बचें।
अपने साथी को आदर्श बनाना
आपको कभी आश्चर्य हुआ कि रिश्ते की शुरुआत में हर चीज बहुत सुंदर लगती है लेकिन उसके बाद चीजें बिगड़ने लगती हैं? इसका जवाब चार्मिंग राजकुमार या राजकुमारी के आदर्श में निहित है। यह तब होता है जब आप चीजों को जाने देते हैं। वही आपकी परेशानी का सबब बनता है, क्योंकि आपको लगता है कि आप उसके साथ रह सकते हैं। या, फिर आप अपने मन में इस उम्मीद को संजोते हैं कि वह बदलेगी।
हालांकि, तात्पर्य है आप जिस प्यार को सींच रहे हैं वह वास्तव में असली नहीं है। आप गुलाबी चश्मे से देख रहे हैं और केवल वही देख रहे हैं, जो आप देखना चाहते हैं। हो सकता है ऐसा भावनात्मक कमजोरियों के कारण हो जो केवल वही दिखाता है जो आपको चाहिए और बाकी को नजरअंदाज करना।
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आत्म-सम्मान में कमी
रिश्ते में बने रहने की जरूरत आत्म-सम्मान में कमी ला सकती है जिसका नतीजा जीवन के हर क्षेत्र में पड़ता है। यह जरूरत आपके प्राथमिक लक्ष्य की तरह आवश्यक हो जाती है। यह एक ऐसा लक्ष्य है, जो अगर अधूरा रह जाए, तो आपकी पूरी दुनिया को टुकड़े-टुकड़े कर देता है। आपकी दुनिया आदर्श रिश्ते के आस-पास घूमने लगती है। अगर यह काम नहीं करता है, तो असफलता आप पर हावी हो जाती है और आपके आत्म-सम्मान को चकनाचूर कर देती है।
जिनमें आत्म-सम्मान की कमी है, ऐसे लोगों के लिए प्यार में पड़ना पूरी तरह से अवशोषित होने वाली प्रक्रिया में बदल जाता है जब आपको पूरे आत्म और जोखिम को गंभीरता से चोट पहुंचाना होता है। इस तरह के लोग अपनी कोई सीमा तय करने योग्य नहीं होते, इसीलिए वे अपने प्रेम की जिंदगी में पीड़ित होते हैं।
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संपर्क में होना ही सबकुछ नहीं है। इसलिए मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं।
कुछ स्तरों पर आप जान सकते हैं कि संपर्क में होना ही सबकुछ नहीं है, लेकिन यह एक विश्वास है जो आपके भीतर गहरे जड़ जमा चुका है। इसलिए बहुत आसान है वे गलतियां करना, जिस पर हम बात कर चुके हैं। अतः एक ही समय में अकेला रहना और खुश रहना संभव है।
अपने पक्ष में किसी के रहे बिना भी आप पूरी तरह सकुशल रह सकते हैं। असल में, किसी को अगर कभी अकेला रहने का अवसर नहीं मिला है, उन्हें इस स्थिति का फायदा लेना चाहिए अगर उन्होंने कभी अपना संबंध नहीं बनाया हो तो।
आखिरकार, जब आप अकेले होते हैं, आप अपने को समझना शुरू करते हैं। अभी -अभी खत्म हुए रिश्ते पर आप चिंतन शुरू कर देते हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप कितने परिपक्व हैं और आपको संबंध में क्या पसंद है क्या नहीं। यह आगे के लिए बेहतर हो सकता है। यह बहुत सकारात्मक पहल है। लेकिन, रिश्ते में होने की अपेक्षा रखना अक्सर आपकी दृष्टि को धुंधला कर देता है और आपको समय के मूल्यांकन से दूर रखता है। आपको स्वयं के अलावा किसी के बारे में सोचने नहीं देता। यही वह समय है जब आप सीखेंगे कि आप किसी को प्राप्त किए बिना उससे प्रेम कर सकते हैं।
इसलिए, हम आपसे एक सवाल पूछेंगे : ‘क्या आपने कभी अपने को अकेला होने का वक्त दिया है?’
यदि आपका जीवन आपके आसपास किसी पर निर्भर करता है तो आप कभी भी पूरी तरह खुश नहीं हो सकते। आप अपने को नीचा दिखाने लगेंगे, और यहीं गंभीर गलती आप कर सकते हैं। आप के साथ हमेशा रहने वाला एकमात्र व्यक्ति आप स्वयं हैं। स्वयं की अवहेलना बंद करें और अपने आप से प्रेम करना शुरू करें।
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