किसी दोस्त को खो देना ब्रेकअप जितना दुखदायी हो सकता है
अपनी ज़िन्दगी के सफ़र में कुछ दोस्तों को अलविदा कहकर आप नये दोस्त बनाएंगे। आपके प्रेमी या प्रेमिका पर भी यही नियम लागू होता है। किसी रिश्ते का ख़त्म हो जाना जितना दुखदायी होता है, उतना ही शानदार और खुशी का अनुभव होता है किसी नये रिश्ते का शुरू होना।
शायद आप पहले से जानते हैं, दोस्त कई तरह के होते हैं। हो सकता है, किसी व्यक्ति विशेष के साथ आपके दिल का रिश्ता इतना करीबी व मज़बूत हो जाए कि वह आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का एक अभिन्न अंग बन जाए।
महिलाओं पर तो यह बात और भी ज़्यादा लागू होती है। एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ नाम के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पारिवारिक रिश्तों से मर्दों के जीवन और सेहत पर ज़्यादा असर पड़ता है, जबकि दोस्तों के समर्थन से महिलाओं के शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
इसलिए कई मामलों में किसी बहस या किसी और परेशानी के कारण अपने दोस्त को खो देने का असर किसी प्रेम संबंध के ख़त्म हो जाने जैसा ही होता है।
आइए इसके बारे में थोड़े और विस्तार से जानें।
दोस्ती: एक खज़ाना, हमारे लिए रोज़मर्रा का सपोर्ट सिस्टम
यह जानकर आपको ख़ुशी होगी कि दोस्त सिर्फ़ इंसान ही नहीं बनाते। टाइम मैगज़ीन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया कि चिम्पैंजी, बैबून, घोड़े, लकड़बग्घे, हाथी और डॉलफिनों के भी “बेस्ट फ्रेंड” होते हैं।
किसी व्यक्ति की भावनात्मक दुनिया में दोस्ती का एक ख़ास महत्त्व होता है। आप यह भी जानते हैं कि सभी दोस्त एक जैसे नहीं होते व अपने सच्चे दोस्तों को आप अपने एक हाथ की उँगलियों पर भी गिन सकते हैं।
शायद इसलिए हमें दोस्ती के अलग-अलग रूप दिखाई देते हैं।
दोस्त आपकी सेहत का ध्यान रखने में मदद करते हैं
यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया के एक अध्ययन के अनुसार, सच्ची और दोतरफ़ा दोस्ती वाले दो लोग एक जैसी भावनाओं को महसूस करना शुरू कर देते हैं।
- उनकी हमदर्दी इतनी प्रबल हो जाती है कि उसकी पुष्टि एमआरआई जैसे मेडिकल टेस्टों के द्वारा भी की जा सकती है।
- अगर आपको लगता है, कोई खतरे में है और आपका दोस्त भी उस स्थिति से वाकिफ़ है तो आप दोनों की प्रतिक्रिया एक ही जैसी होगी।
- डर और धमकी से संबंधित मस्तिष्क के अंग दोनों दोस्तों में समान रूप से सक्रिय होते हैं।
- दोस्ती डेली एक्सरसाइज जैसी होती है। यह ऐसा आउटलेट होती है, जहाँ आप चैन, सलाह और आराम पा सकते हैं। अपनी परेशानियों को भुलाकर, अपने तनाव और चिंता को कम कर व राहत की सांस लेकर आप अपनी ज़िन्दगी में थोड़ी से बेफिक्री ला पाते हैं।
- “सच्ची” दोस्ती के फायदों पर गौर करके आप इस बात का अंदाज़ा भी लगा सकते हैं कि किसी भी कारणवश आपकी ज़िन्दगी से उस दोस्त के चले जाने पर आप पर कितना गहरा असर पड़ता है।
अपने गहरे दोस्त से “ब्रेकअप” करना
अपनी दोस्ती तोड़ लेने या फिर अपने दोस्त से मुंह मोड़ लेने के आमतौर पर कई कारण होते हैं।
- रुचियों में आने वाले आकस्मिक बदलाव, धोखे, झूठ, छल, बहस… ऐसे कई कारण है, जिनकी वजह से आपकी दोस्ती में दरार पड़ सकती है। पर उस दरार के बाद के परिणाम आप दोनों को ही महसूस होंगे।
- अपने दोस्तों को खो देने पर भी आपको किसी ब्रेकअप जितने ही दर्दनाक संघर्ष से गुज़रना पड़ता है।
- कुछ वक़्त तक आपको गुस्सा आता है, आप उस स्थिति को स्वीकार नहीं कर पाते। आपकी समझ में नहीं आता कि आपकी दोस्ती टूटी तो टूटी कैसे।
- उसके बाद आप खुद से सवाल करने लगते हैं। आप कारणों की खोज करने की कोशिश करते हैं।
- धीरे-धीरे आप दुखी हो जाते हैं, बाद में उस स्थिति को स्वीकार करके आगे बढ़ जाते हैं।
कई लोगों के अनुसार किसी टूटी दोस्ती की तुलना एक ब्रेकअप से करना नामुमकिन होता है। लेकिन ऐसे भी कई लोग होते हैं, जिन्हें अपने दोस्तों से भी उतना ही लगाव होता है, जितना अपने प्रेमी या प्रेमिका से, और इसीलिए अपने दोस्त से जुदा होना उनके लिए काफी मुश्किल होता है।
दोस्तों को खोने के बाद ज़िन्दगी
आप जानते हैं कि आपकी ज़िन्दगी में दोस्तों का आना-जाना चलता रहेगा। आपके विकसित होने में आपकी मदद करके, बदले में वे आपके दिल का एक टुकड़ा अपने साथ ले जाएंगे।
- अपने दिल में ख़ास जगह बना चुके किसी दोस्त को खो देने से पैदा होने वाला घाव हमेशा हरा ही रहेगा।
- मुमकिन हो तो उसके साथ बिताए खुशहाल लम्हों को अपने मन में संजोए रखें। अगर आप केवल अपनी दोस्ती टूटने के कारण पर ही ध्यान देंगे तो आपकी नाराज़गी बढ़ती ही जाएगी व आपके लिए नये दोस्त बनाना और भी मुश्किल हो जाएगा।
- ज़िन्दगी हमें कई सबक सिखाती है और हमें उनसे सीखने की कला आनी चाहिए। आपके साथ कुछ भी हुआ हो, लेकिन प्यार या कमाल के नये दोस्तों के लिए कभी भी अपने दिल के दरवाज़ों को बंद न होने दें।
दोस्ती से अच्छी दवा इस दुनिया में कुछ और नहीं है।
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- Social Cognitive and Affective Neuroscience, Volume 8, Issue 6, 1 August 2013, Pages 670–677, https://doi.org/10.1093/scan/nss046
Epidemiology and Community Health. Friends are equally important to men and women, but family matters more for men’s well-being. https://jech.bmj.com/content/67/2/166
Social Cognitive and Affective Neuroscience, Volume 8, Issue 6, August 2013, Pages 670–677, Familiarity promotes the blurring of self and other in the neural representation of threat. https://doi.org/10.1093/scan/nss046