"खराब" कोलेस्ट्रॉल के लिए एक नया आश्चर्यजनक ट्रीटमेंट
कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड आपके कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के दो अहम संकेतक हैं। उन्हें सही लेवल पर बनाए रखने से आप जिन समस्याओं के बारे में पहले से जानते हैं, उनसे बचने में आपको मदद मिल सकती है।
हम में से अधिकांश लोग इस बात को जानते हैं कि “कोलेस्ट्रॉल” शब्द लगभग हमेशा किसी नेगेटिव चीज से जुड़ा होता है। लेकिन यह न भूलें कि यह प्राकृतिक वसा पदार्थ आपके शरीर के लिए ज़रूरी भी है।
कुंजी इसे संतुलित रखने और जैसा कि कहा जाता है अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल के बीच सही लेवल को बनाए रखने में है ताकि वह धमनियों में न बढ़े।
आप शायद यह भी जानते हैं कि आपकी अनुवांशिक पृष्ठभूमि न केवल कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति को बल्कि आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने के लिए बनाई गई कुछ दवाओं के प्रतिरोध को भी निर्धारित कर सकती है।
अगर आप इन दवाओं को लेते हैं तब भी आपके लिपोप्रोटीन खतरनाक रूप से हाई लेवल पर आपकी धमनी की दीवारों से जुड़े रह सकते हैं। लेकिन एक नया ट्रीटमेंट है जो इस रिस्क को हटा सकता है।
यह एक आशा की किरण है और आज हम आपको इसके बारे में बताना चाहते हैं।
एवलोकुमाब, हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए एक नया और ज्यादा कारगर ट्रीटमेंट
2014 में, जिन लोगों में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की पारंपरिक दवाओं को लेने के बाद कोई सुधार नहीं दिखता है उनके ट्रीटमेंट के लिए एवलोकुमाब नाम की एक नई दवा बाजार में आई।
उस पल से, यह जानने के लिए विस्तार से स्टडी की गई कि यह अपेक्षित उद्देश्यों को पूरा कर सकती है या नहीं। परिणाम दिखाते हैं कि हाँ, दवा कारगर है। यह न केवल “खराब” कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में कामयाब होती है बल्कि एथेरोस्क्लेरोसिस को भी रद्द कर देती है।
कोलेस्ट्रॉल के लिए एक नया और जोरदार ट्रीटमेंट
इस साल नवंबर में, अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी ने अपनी स्टडी प्रकाशित की जिसमें उन्होंने इस नई दवा, एवलोकुमाब के साथ कोलेस्ट्रॉल के इलाज में अब तक हासिल किए गए नतीजों की जांच करी।
- ट्रीटमेंट का लक्ष्य उन लोगों के लिए चिकित्सा संबंधी हस्तक्षेप देना था जिनको कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का ज्यादा रिस्क था और जिन्होंने पारंपरिक दवाओं की ओर प्रतिक्रिया नहीं दिखाई थी।
- स्टडी के परिणाम बहुत पॉजिटिव थे। एवलोकुमाब ने मरीजों के खराब, या एलडीएल, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सुरक्षित रूप से और प्रभावी ढंग से कम कर दिया था।
- ट्रीटमेंट के 24 सप्ताह बाद मरीजों की धमनियों में संग्रहित कोलेस्ट्रॉल न्यूनतम था, इसलिए उनका कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं का रिस्क काफी कम हो गया था।
- यह दवा उन लोगों के लिए एक ज़रूरी चिकित्सीय
उपकरण बन चुकी है जिनकी हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी अनुवांशिक पृष्ठभूमि है, जिन्हें पहले से ही किसी प्रकार की कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है, या जो स्टेटिन जैसी परंपरागत दवाओं के साथ अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम नहीं कर सकते हैं।
यह ट्रीटमेंट कैसे काम करता है?
जो मरीज नियमित दवाओं के प्रतिरोधी हैं उनके कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दोनों उपचारों को जोड़ना ज़रूरी है।
- यह नई दवा अभी भी स्टेटिन के साथ निर्धारित की जाती है।
- एवलोकुमाब सब्टीलिसिन कन्वर्टासा प्रोटीन के अवरोधक के रूप में कार्य करता है।
- यह बेहतरीन परिणामों के साथ दुनिया भर के कई देशों में उपलब्ध रही है।
उद्देश्य: एथेरोस्क्लेरोसिस को रद्द करना
एथरोस्क्लेरोसिस एक धीमी लेकिन घातक बीमारी है जो धमनियों के अंदर संग्रहित प्लेग डिपॉज़िट (एथेरोमास) में शुरू होती है।
- एथरोमास केवल कोलेस्ट्रॉल से नहीं बने होते हैं – उनमें कैल्शियम और रक्त प्रवाह से अन्य पदार्थ भी होते हैं।
- मुख्य समस्या यह है कि शुरू में इसके कोई लक्षण नहीं होते है। यह एक मूक बीमारी है जिसका केवल टेस्ट के जरिये निदान हो सकता है।
- यदि यह अज्ञात रहती है, तो एथेरोस्क्लेरोसिस दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
- लेकिन स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक और समस्या यह है कि, जैसा कि हमने ऊपर बताया है, ऐसे कई लोग हैं जो हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए पारंपरिक दवाओं की ओर प्रतिक्रिया नहीं दिखाते हैं।
स्टीफन जे. निकोलस पहले बताई गई स्टडी के निदेशक हैं। उन्होंने सभी मरीजों में एथरोस्क्लेरोसिस का इलाज करने और उसे रद्द करने के लिए एवलोकुमाब की स्पष्ट प्रभावशीलता दिखाई है।
- उनके कोरोनरी आर्टरी स्कैन ने कुछ महीनों के इलाज के बाद बहुत पॉजिटिव बदलाव दिखाया। आखिरकार कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के रिस्क को इतने लेवल तक कम करना संभव हो गया है जितना कि अब तक कभी मुमकिन नहीं था।
इसे भी आजमायें : हाई ब्लड प्रेशर को कम करने वाले अन्न, फल और सब्जियां
इस दवा को किसे लेना चाहिए?
वयस्क मरीजों को इस ट्रीटमेंट का पालन करना चाहिए यदि उन्हें पहले से ही स्टेटिन की अधिकतम मात्रा निर्धारित की गई है और उन्हें एक कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है।
- अन्य लोगों में अनुवांशिक हाई ब्लड प्रेशर वाले वयस्क शामिल हैं और जो पहले से ही स्टेटिन की अधिकतम खुराक लेते हैं।
- 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के किशोर इस ट्रीटमेंट को ले सकते हैं यदि उन्हें अनुवांशिक हाई ब्लड प्रेशर है और पहले से ही स्टेटिन की अधिकतम खुराक लेते हैं।
- पिछले तीन समूहों में से किसी भी मरीज को यह दवा लेनी चाहिए यदि उसे स्टेटिन के लिए खास असहिष्णुता भी हो।
आपको पारंपरिक ट्रीटमेंट जारी रखना चाहिए यदि आप केवल हाई कोलेस्ट्रॉल की न्यूनतम सीमाएं पार करते हैं और आपकी इस समस्या की कोई अनुवांशिक पृष्ठभूमि नहीं है।
सभी मामलों में, एक मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह लेना न भूलें। अपने डाइट का ख्याल रखें और रोज कम से कम आधे घंटे एक्सरसाइज करें।
हाई कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर समस्या है जो हर साल बहुत लोगों की मृत्यु का कारण बनती है। इससे बचने की पूरी कोशिश करें, और इस बात से अवगत रहें कि बेहतरीन ट्रीटमेंट और जीवनशैली के विकल्प उपलब्ध हैं।
- Ficha Técnica Repatha 140 mg solución inyectable en pluma precargada. Agencia española de medicamentos y y productos sanitarios. https://cima.aemps.es/cima/dochtml/ft/1151016002/FT_1151016002.html
- Informe de Posicionamiento Terapéutico de evolocumab (Repatha®) en hipercolesterolemia (2016). Ministerio de Sanidad. https://www.aemps.gob.es/va/medicamentosUsoHumano/informesPublicos/docs/IPT-evolocumab-repatha.pdf
- Steven E. Nissen, MD, MACC ; Erik SG Stroes, MD (2016). Logro de objetivos después de utilizar un anticuerpo anti-PCSK9 en sujetos intolerantes a las estatinas 3 – GAUSS-3. Colegio de Cardiología de Estados Unidos. https://www.acc.org/latest-in-cardiology/clinical-trials/2016/03/29/22/36/gauss-3
- Página web oficial: https://www.repathahcp.com/
- Inyección de evolocumab. MedlinePlus, en línea: https://medlineplus.gov/spanish/druginfo/meds/a615043-es.html
- Cofan Pujol, M. (2014). Mecanismos básicos. Absorción y excreción de colesterol y otros esteroles. Clínica e Investigación en Arteriosclerosis, 26 (1), 41–47. https://doi.org/10.1016/j.arteri.2013.10.008
- López Farré A, Macaya Miguel C. Libro de la salud cardiovascular del Hospital Clínico San Carlos y la Fundación BBVA. Bilbao: Fundación BBVA; 2009.