इनहेलर्स आख़िर कैसे काम करते हैं?
दमा सांस का एक स्थायी रोग होता है। उसकी वजह से हमारी ब्रांकाई सूजकर सिकुड़ जाती है। इसीलिए सांस अंदर लेने पर हवा का हमारे फेफड़ों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है और हमें इनहेलर्स का सहारा लेना पड़ता है।
दूसरी तरफ़, इस सूजन के पीछे किसी एलर्जी का हाथ भी हो सकता है। वह इसलिए कि बाहरी वातावरण के प्रति आपकी ब्रांकाई ज़्यादा संवेदनशील या अतिसक्रिय हो सकती है। इसके लिए ठण्ड, कसरत, तंबाकू या अन्य कारण भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं। ऐसे में, रोगी की ब्रांकाई बंद होकर उसका सामान्य रूप से सांस लेन दूभर कर सकती है।
हालांकि हम जानते हैं कि दमे के अटैक्स के पीछे किसका हाथ होता है, इस बीमारी के कारणों से विशेषज्ञ अभी भी वाकिफ़ नहीं हैं। इसके अलावा, यह अवस्था कुछ हद तक आनुवंशिक भी होती है क्योंकि उन रोगियों में यह ज़्यादा आम होती है, जिनके परिजन इस समस्या से जूझ चुके होते हैं।
और तो और, यह भी मुमकिन है कि दमे के रोगियों को कुछ वक़्त तक कोई लक्षण महसूस ही न हो और फिर अचानक से उन्हें दमे के अटैक्स का सामना करना पड़े। इसके सबसे आम लक्षण होते हैं खांसी, उखड़ी-उखड़ी सांसें लेना, सांस लेते वक़्त आवाज़ करना और आराम करते हुए भी सांस लेने में परेशानी का अनुभव करना। बलगम बनना, छींकें आना, आदि इसके अन्य लक्षण होते हैं।
एक बार आपका डॉक्टर आपके रोग की पहचान कर ले तो मेडिकल टीम आपकी हालत को मद्देनज़र रखते हुए आपके उपचार की सबसे कारगर विधि तैयार कर सकती है। इसके इलाज की दो अलग-अलग थेरेपिज़ होती हैं:
- जीवन शैली में बदलाव: इस थेरेपी में दमे के अटैक्स और उसके प्रमुख लक्षणों से बचने के लिए आप कुछ आसान-से दिशा-निदेशों का पालन कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, रोगियों को ऐसी जगहों पर जाने से परहेज़ करना चाहिए, जहाँ उन्हें सांस लेने में दिक्कत आती हो।
- इनहेलर्स का इस्तेमाल: ताकि वे दमें के लक्षणों से राहत पा सकें।
इनहेलर्स आख़िर होते क्या हैं?
आमतौर पर इनहेलर्स का मतलब होता है वे दवायें, जिनका इस्तेमाल दमे के इलाज के लिए किया जाता है। उनका उपयोग आप दमे के किसी अटैक के दौरान या फ़िर उस अटैक से बचने के लिए कर सकते हैं।
दूसरी तरफ, हरेक रोगी की अवस्था के लक्षणों और प्रभावों के मुताबिक़ अलग-अलग तरह के इनहेलर्स चुने जा सकते हैं। हरेक स्थिति में आपकी मेडिकल टीम आपको उसके संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में बता देगी। कोई इनहेलर कितना कारगर है व वह कितनी देर तक काम करेगा, यह आपको उसे आज़माकर देखने के बाद पता चल जाएगा।
इसे भी आजमायें : दर्द से राहत पाने के लिए अदरक और ऑलिव ऑयल सिरप
इनहेलर्स किस-किस प्रकार के होते हैं व वे काम कैसे करते हैं?
सबसे आम इनहेलर्स ये होते हैं:
सूजनरोधी इनहेलर्स
ये इनहेलर्स आपकी ब्रांकाई में म्यूकोसा की संभावित सूजन को कम करने का काम करते हैं। आमतौर पर इनमें फ्ल्यूटीकैसोन, बुडेसोनाइड या बेक्लोमीथासोन जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है।
सोडियम क्रोमोग्लाईसेट या सोडियम नेड्रोक्रोमिल का उपयोग भी किया जा सकता है। आजकल आप सांस को अपनी नाक या मुंह से अंदर खींचकर भी इसके डोज़ ले सकते हैं। ये इनहेलर्स आपके दमे को स्थिर बनाए रखते हैं व उसके लक्षणों को उभरने से रोके रखते हैं।
इसे भी पढ़ें : अपने शरीर में पहचानें हाई कोर्टिसोल लेवल के ये 6 लक्षण
ब्रोंकोडाइलेटर इनहेलर्स
इस श्रेणी में दो तरह के इनहेलर्स आते हैं:
- बीटा-2 अड्रेनेर्जिक अगोनिस्ट्स: सामान्यतः ये मेडिकल टीम्स द्वारा सुझाए जाने वाले सबसे आम ब्रोंकोडाइलेटर्स होते हैं। ये आपकी ब्रांकाई की आसपास वाली मांसपेशियों पर काम करते हैं। इसीलिए आपके वायुमार्ग जल्द ही रिलैक्स होकर ठीक से काम कर पाते हैं। ऐसा करने के लिए वे एसिटाइलकोलाइन नामक रासायनिक कंपाउंड को ब्लॉक कर देते हैं।
- मिथाइलजैन्थाइन्स: आपकी ब्रांकाई को रिलैक्स कर ये इनहेलर्स उन्हें खोल देते हैं। ऐसा करके उस जगह में होने वाले रक्तसंचार में वे बढ़ोतरी ले आते हैं। नतीजतन आपका दिल बेहतर ढंग से काम कर पाता है व आपके लिए सांस ले पाना ज़्यादा आसान हो जाता है।
एंटीहिस्टामिन इनहेलर्स
रासायनिक कंपाउंड्स का या समूह एलर्जन्स के प्रति आपकी संवेदनशीलता को कम कर देता है। इसीलिए वह ठण्ड, तंबाकू के धूयें, आदि के प्रति आपके शरीर की प्रतिक्रियाओं पर लगाम लगा देता है। नतीजतन वह दमे के लक्षणों को भी नियंत्रित रख पाने में सफल रहता है।
लेकिन इसका सबसा बड़ा फायदा होता है कि वह आपकी छींकों, आँखों में खुजली, आँखों से बहते पानी और नाक की अन्य समस्याओं पर लगाम लगा देता है।
इम्यूनोथेरेपी
यह उन रोगियों के लिए होता है, जिनकी एलर्जीयां दमे के लक्षणों को जन्म देती हैं। आमतौर पर डॉक्टर उन्हें उनकी एलर्जन की ही छोटी-मोटी मात्रा दे देते हैं। बाद में जब मरीज़ का शरीर उस एलर्जी का आदी हो जाता है, तो उसे आने वाले दमे के अटैक्स भी कम हो जाते हैं।
ओमैलीज़ूमैब उनमें से सबसे आम पदार्थ होता है।
ल्यूकोट्रीन इन्हिबिटर्स
ल्यूकोट्रीन इन्हिबिटर्स आपके वायुमार्गों में सूजनरोधी दवाओं के तौर पर भी काम करते हैं। इस प्रकार आप अपने संभावित लक्षणों को काबू में रख पाते हैं।
ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी
इस नयी तकनीक का परीक्षण अभी वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है। इस विधि में बाहरी पदार्थों की वजह से होने वाली सूजन को कम करने के लिए अतिसक्रिय जगहों पर गर्मी का नियंत्रित ढंग से प्रयोग किया जाता है।
कुल मिलाकर, अगर आप दमे के मरीज़ हैं तो आपके लिए सबसे अच्छे इलाज का चयन करने में आपका डॉक्टर आपकी मदद कर सकता है।
- Inhibitory effects of an anti-IgE antibody E25 on allergen-induced early asthmatic response. Boulet LP, Chapman KR, Cote J, et al. Am J Respir Crit Care Med 1997;155:1835-1840.
- The effect of an anti-IgE monoclonal antibody on the early and late-phase responses to allergen inhalation in asthmatics subjects. Fahy JV, Fleming E, Wong H, et al. Am J Respir Crit Care Med 1997;155:1828-1834.
- Sano, Y.; Ogawa, T.; Houjo, T.; Tou, T.; Otom, M. Anti-inflamatory effect of Suplatast on mild asthma. Am J Respir Crit Care Med 1997;155: A203.
-
Skoner DP. Balacing safety and efficacy in pediatric asthma management. Pediatrics, 109 (2002), pp. 381-92