अपने शरीर में पहचानें हाई कोर्टिसोल लेवल के ये 6 लक्षण
हाइड्रोकोर्टिसोन, या कोर्टिसोल अड्रीनल ग्लैंड में बनने वाला एक हार्मोन है। हाई कोर्टिसोल लेवल आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
बढ़े हुए कोर्टिसोल स्तर को हम हाइपरकोर्टिसोलिज़्म या कुशिंग सिंड्रोम के रूप में जानते हैं।
- कोर्टिसोल से हमारे शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
- इसके कारण हड्डियों के विकास पर भी प्रभाव पड़ता है और मोटापे जैसे बीमारियों का खतरा बना रहता है।
- इस बीमारी के कारण शरीर में फैट का जमा होने और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा तो होता ही है।
- हमें ज्यादा शारीरिक थकान भी महसूस होती है।
आइए अब कुछ ऐसे लक्षणों की बात करते हैं जो हमारे शरीर में कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर की ओर इशारा करते हैं:
1. हाई कोर्टिसोल लेवल से एकाएक वजन बढ़ना
हाई कोर्टिसोल लेवल का सबसे पहला लक्षण एकाएक वजन का बढ़ना होता है।
- वजन का बढ़ना सबसे पहले शरीर के ऊपरी हिस्से में दिखाई देना शुरू होगा।
- आपके कंधे, सीना और पीठ भारी होने लगते हैं और इन अंगों में फैट जमा होने लगता है।
- इस बीमारी में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह होती है कि आपके हाथ और पैर पतले ही बने रहेंगे। इन पर माँस नहीं चढ़ेगा।
2. कोर्टिसोल की वजह से त्वचा प्रभावित होती है
हाइपरकोर्टिसोलिज्म के चलते आपकी त्वचा भी प्रभावित होती है।
इसके कारण ये परेशानियाँ सामने आ सकती हैं:
- मुँहासे
- स्तन, जाँघ और पेट पर बैंगनी रंग के धब्बे या चोट जैसे निशानों का उभरना
- त्वचा पर अलग से दाग उभरना
- चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में अनचाहे बालों का बढ़ना
3. हाई कोर्टिसोल लेवल के मस्कुलोस्केलेटल लक्षण
बढ़ा हुआ कोर्टिसोल मासपेशियों और हड्डियों पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है।
- हमारी हड्डियाँ कमज़ोर पड़ती जाती हैं। उनके उनके टूटने का ख़तरा बढ़ जाता है।
- ऐसे में पसली और पीठ के फ्रैक्चर की सम्भावना बढ़ जाती है।
4. कोर्टिसोल शरीर के इम्यून सिस्टम को बिगाड़ता है
मानव शरीर के अन्दर बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है।
हमारा शरीर खुद बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है जिसे हम प्रतिरक्षी तंत्र यानी इम्यून सिस्टम के नाम से जानते हैं।
- हमारे शरीर में थाइमस ग्लैंड ही हमारे इम्यून सिस्टम का संचालन करता है। हाई कोर्टिसोल लेवल इस ग्लैंड को भी प्रभावित कर देता है।
- बढ़ा हुआ कोर्टिसोल कोशिकाओं को नष्ट करता है। इससे हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर के वायरस को ख़त्म करने की बजाए खुद अपने ही टिश्यू खत्म करता जाता है।
- इम्यून सिस्टम के ठीक ढंग से काम न करने के सबसे आम लक्षण बार-बार एलर्जी और अस्थमा (दमा) की समस्याओं का होना है।
- लेकिन परेशानी और भी अधिक गंभीर हो सकती है: यह लुपस, क्रोन्स रोग और फाइब्रोमायेल्जिया का कारण बन सकता है।
5. डिप्रेशन और अस्थिर मनोदशा
बहुत ज़्यादा तनाव में रहने वाले व्यक्ति का बेचैन होना, एंग्जायटी में होना स्वाभाविक है। यह कोई बीमारी नहीं है। लेकिन कोर्टिसोल बढ़ने पर भी ऐसा हो सकता है।
- कोर्टिसोल स्तर के बढ़ने से एंग्जायटी यानी बेचैनी हो सकती है।
- बेचैनी के साथ साथ, व्यक्ति डिप्रेशन की ओर बढ़ता चला जाता है और अक्सर बिगड़ती मनोदशा का शिकार बन जाता है।
- रिसर्च तो इस बात की भी पुष्टि करती है कि बढ़े हुए कोर्टिसोल स्तर के कारण हमारे दिमाग में ठीक तरह से रक्त संचार नहीं हो पाता है और न ही ठीक से ग्लूकोस ही पहुँच पाता है।
- इस तरह हमारे दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोस नहीं मिलता और साथ ही में कुछ कोशिकाएँ भी खत्म हो जाती हैं।
6. थकान महसूस होना और नींद न आना
कोर्टिसोल से मिलने वाली एनर्जी शरीर के लिए प्रतिकूल हो सकती है।
यह ऊर्जा कई शारीरिक क्रियाओं के लिए ठीक नहीं होती है।
- इस बीमारी के दौरान शरीर दिन में काफ़ी ज़्यादा सक्रिय होता है और आराम नहीं करता।
- रात के समय ज़रूरत से ज़्यादा बनने वाले हार्मोन व्यक्ति को आराम नहीं करने देते हैं।
- इससे रात की नींद पर बुरा असर पड़ता है।
- सामान्य परिस्थितियों में हमारे शरीर में कोर्टिसोल का स्तर लगभग सुबह 8 बजे बढ़ता है।
- लेकिन हाइपरकोर्टिसोलिज़्म के मामले में इसका उल्टा होना शुरू हो जाता हैं। हार्मोन सुबह की बजाए रात में सक्रिय होता है।
आप कैसे कोर्टिसोल स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं?
यहाँ पर हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताएँगे जिनके नियमित इस्तेमाल से आप अपने शरीर के कोर्टिसोल स्तर को सुधार कर एक स्वस्थ्य जीवन जी सकेंगे।
कॉफ़ी को अलविदा कहें
- कैफीन खून में कोर्टिसोल के स्तर को कम से कम 30% तक बढ़ा देता है।
- कुछ मामलों में तो इसका असर 18 घंटे तक बना रह सकता है।
यदि आप अपना कैटॉबोलिक मेटाबोलिज्म घटाना और एनाबोलिक मेटाबोलिज्म को बढ़ाना चाहते है, तो कॉफी बंद कर दें।
ज़्यादा से ज़्यादा नींद पूरी करने की कोशिश करें
- ज़्यादा से ज़्यादा नींद लें। रात में सोने से पहले कैमोमाइल या वैलेरियन चाय का सेवन करें।
- इससे जल्दी नींद आएगी और आप आराम से देर तक सो पाएँगे।
- कोर्टिसोल का स्तर कम होने से आप ज़्यादा युवा और स्वस्थ्य बने रहेंगे।
एक्सरसाइज
नियमित एक्सरसाइज के अनगिनत फ़ायदे हैं।
- यह न केवल आपकी मासपेशियों को मज़बूत कर उन्हें सुडौल बनाती है, बल्कि तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है।
- एक्सरसाइज शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे कंपाउंड पैदा करती है जिससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।
- एक्सरसाइज करते समय आपके शरीर में ज़्यादा एनर्जी पैदा होगी।
- इस ऊर्जा से आपके बढ़े हुए कोर्टिसोल स्तर में सुधार आएगा।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखें
- आपका खान-पान ऐसा होना चाहिए जिसके ज़रिए आपको सभी ज़रूरी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और प्रोटीन मिल सकें।
- इससे आपके शरीर का सही ब्लड शुगर लेवल बना रहेगा।
हम आपको विटामिन B, कैल्शियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम, जिंक, विटामिन C और अल्फ़ा-लिपोइक एसिड (ALA) जैसे पूरक यानी सप्लीमेंट के सेवन की भी सलाह देंगे।
तो चलिए, स्वस्थ्य जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हम अपने शरीर के हाई कोर्टिसोल लेवल को नियंत्रित करते हैं।
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