नयी शुरूआत करने के लिए अपने दर्द को भूल जायें
जिंदगी भावनाओं से भरी हुई है, और बदकिस्मती से दर्द से भी। ऐसे कई पल हैं जो आपको भावनात्मक रूप से चोट पहुंचा सकते हैं, कमजोर कर सकते हैं। पर अगर आपको सचमुच एक नयी शुरुआत करनी है तो अपने दर्द को भूलना होगा।
इससे जुड़ी भावनायें डर और उदासी हैं। हमारी भावनायें दरअसल किसी घटना के लिए एक साइको-फिजियोलॉजिकल रिएक्शन होती हैं जिन्हें एक इंसान महसूस करता है। आखिरकार इंसान एक भावनात्मक प्राणी है। हम सब हर दिन कई भावनात्मक बदलावों का अनुभव करते हैं।
दर्द शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक बदलाव पैदा करता है जो एंग्जायटी और डिप्रेशन की वजह बन सकता है। अगर आप दर्द में फंस जाते हैं, तो आपका मूड बदल जाता है। इसी तरह अगर आप डिप्रेशन के मूड में हैं, तो आपके आसपास की हर चीज आपके लिये दुःख, उदासी और डिप्रेशन ही पैदा करेगी।
कुछ भावनात्मक स्थितियाँ जैसे परिवार के किसी सदस्य को खोना, बीमारी, पैसों की तंगी या ऐसी दूसरी घटनायें दर्द का कारण हो सकती हैं। किसी भी दूसरी भावना की तरह आपको दर्द और उदासी भी महसूस होती है। उस दर्द पर काबू न कर पाना भावनात्मक समस्या और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
इन भावनाओं से उबरने के लिए इमोशनल इन्टेलिजेन्स जैसे टूल मौजूद हैं। यह बुनयादी फिजियोलॉजिकल फंक्शन जैसे कि हमारी शारीरिक या भावनात्मक स्थिति पर काबू पाने के लिए इमोशनल स्किल का एक सेट है।
इन इमोशनल स्किल में शामिल हैं:
- भावनाओं को सही ढंग से समझना, आंकना और उन्हें जाहिर करना।
- विचारों को सुविधाजनक बनाने वाली भावनाओं को पैदा करना।
- भावनाओं और भावनात्मक बातों को समझना।
- भावनात्मक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भावनाओं को बनाये रखना।
अगर आप अपनी भावनाओं पर काबू रखते हैं, तो सबकुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ पाएंगे।
अगर आप बहुत ज्यादा दुख की स्थिति में हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे कि नयी शुरूआत करने के लिए अपने दर्द को कैसे भूलें।
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अपनी भावनाओं को करीब से देखें और उन्हें महसूस करें
कोई भी स्थिति तरह-तरह के प्रभाव पैदा कर सकती है। आपकी भावनाएं यह तय करेंगी कि आप कैसे बर्ताव करेंगे। अगर आप दर्द महसूस कर रहे हैं, तो सबसे पहले तो आपको यह पहचानना है कि कौन सी चीज आप पर असर डाल रही है।
कभी-कभी, हो सकता है आप अपनी भावनाओं को दबा दें और रोयें नहीं। हो सकता है, आप चिल्लायें या यह भी हो सकता है कि डर के कारण अपनी भावनाओं को जाहिर ही न करें। हालाँकि यह नुकसानदायक है, क्योंकि अगर आप भावनाओं को महसूस नहीं करेंगे, तो डिप्रेशन में जा सकते हैं।
भावनाओं को महसूस कीजिये; उन्हें दबाइये मत!
कुछ भी महसूस करने के लिए न तो खुद पर दबाव बनायें और न ही खुद की आलोचना करें। आपको यह समझना होगा कि यह बस एक क्षणिक स्थिति है। बाहरी हालातों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है। ऐसी कई स्थितियाँ होती हैं जो हम पर असर डालती हैं। क्योंकि हम एकदम परफेक्ट नहीं हैं। फिर भी आपको यह समझना होगा कि यह दर्द जिंदगी भर नहीं रहने वाला है।
दर्द को भूल जायें और अपने सामाजिक दायरे पर भरोसा करें
अपने आपको सजा मत दें। अगर आप सच में नयी शुरुआत करना चाहते हैं, तो दर्द महसूस करने के बाद अब यह समय दर्द को भूलने का है।
हम सभी उन हालातों के लिये बहुत संवेदनशील होते हैं जो हमें चुनौती देते हैं, हमें बहुत ज्यादा तनाव की स्थिति में ले जाते हैं। आप इकलौते ऐसे इंसान नहीं हैं जो इस समय दुःख और डर के साथ जी रहे हैं। इसलिए आपको अपनी भावनाओं का सामना करना होगा और अपने आपमें अपने दर्द से उबरने की इच्छाशक्ति पैदा करनी होगी।
दर्द आपको अकेलापन महसूस करा सकता है। हो सकता है, आपको लगे कि दुनिया ने आपको ठुकरा दिया है। फिर भी आप अकेले नहीं हैं: दर्द से उबरने के लिए अपने परिवार, दोस्तों या साथी पर भरोसा करें। वे आपको वापस लायेंगे। इसके अलावा, उनके साथ बातचीत करने से आपका ध्यान बंटा रहेगा।
उनके साथ वक्त बिताकर और उन पलों का लुफ्त उठाकर अपने सामाजिक दायरे में आराम करें। अपने दिल से सबकुछ निकाल दें, लेकिन कोशिश करें कि आप अपनी समस्याओं के साथ दूसरों पर बहुत ज्यादा बोझ न डालें, क्योंकि आप नहीं जानते कि जो आदमी आपकी बात सुन रहा है वह क्या महसूस कर रहा होगा।
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मनोरंजन करने वाली चीजों से अपना मन बहलायें
टहलने जाना, खेल खेलना, घूमने जाना या अपने पसंद का कोई भी काम करना आपको अपने दर्द को भूलने में मदद करेगा। अपने दिमाग को व्यस्त रखना सबसे अच्छा तरीका है जिसे आप अपना दुःख दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
जानें कि कौन सी चीज आपको अच्छा महसूस करवा रही है, और बस उसे ही करें!
डर को अपने आप पर हावी न होने दें। आपकी खुशहाली आप पर निर्भर करती है, इसलिए उन छोटे-छोटे पलों का मजा लें जो जिंदगी आपको देती है।
नये लाइफ-प्लान के साथ शुरुआत करें
दर्द को भूलना एक निजी फैसला है, इसलिए इसे दूर करना और मजबूती से इसका सामना करना आप पर निर्भर करता है। इस तरह आप अपने लक्ष्यों के बारे में फिर से सोच पाएंगे और अपने सपनों को पाने की दिशा में काम कर पाएंगे।
पहले तो, एक दर्द भरी स्थिति में अपनी जिंदगी को पटरी पर वापस लाना मुश्किल काम होता है। लेकिन जिंदगी चलती रहती है और आपको भी चलते रहना होगा। अगर आप गिर जायें, तो तुरंत दोबारा उठें और आगे बढ़ते रहें।
लगातार दुःख की स्थिति में रहना आपको उदास कर देगा। इससे आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। डिप्रेशन और एंग्जायटी की स्थिति एक साइकोलॉजिकल बीमारी में बदल सकती है। इसके अलावा आप अपनी भावनाओं को शारीरिक रूप दे सकते हैं। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
अपना दर्द भूल जायें। खुश रहें और अपनी जिंदगी जियें!
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