
हेयर स्ट्रैटनिंग की बात करने से पहले एक बार याद दिला दें कि आपका कैसा इम्प्रेशन पडेगा इसमें एस्थेटिक्स की बड़ी भूमिका है। दरसल आज की दुनिया में यह सामाजिक संबंधों में एक बड़ी भूमिका भी निभाता है। इस मामले…
सोरायटिक आर्थराइटिस के मरीजों में बीमारी के विशिष्ट तकलीफ़ों के कारण नींद न आने की बड़ी समस्या होती है। यहाँ हम जो टिप्स शेयर करेंगे, वे मरीजों का जीवन स्तर सुधारने में बहुत मदद कर सकती हैं।
सोरायटिक आर्थराइटिस के लक्षण इस बीमारी से पीड़ित मरीज के जीवन की गुणवत्ता को कम करते हैं। इसलिए रोगियों को ऐसी कई स्ट्रेट्जी अपनानी चाहिए जो इसके नेगेटिव असर को कम करने की सहूलियत देगा। आज हम कुछ ऐसे टिप्स पर नज़र डालेंगे जो इस बीमारी में मरीज को बेहतर नींद सोने में मदद करेंगे।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ उटा में डर्मेटोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टीना कैलिस डफिन की एक स्टडी के अनुसार इस बीमारी में होने वाली खुजली और दर्द से नींद की क्वालिटी काफी खरब हो सकती है। इससे दिन में तनाव और थकावट बढ़ जाती है। इसके अलावा इन रोगियों में स्लीप एपनिया (sleep apnea) जैसी ज्यादा गंभीर रोगों से पीड़ित होने का जोखिम होता है।
सोरायसिस (psoriasis) और गठिया (arthritis) होने पर बेहतर नींद कैसे लें, इसके विस्तार में जाने से पहले, बीमारी की मूल बातों के बारे में थोड़ी बात कर लेना ठीक होगा। सोरायटिक आर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें सोरायसिस के साथ जोड़ों में दर्द और सूजन होती है।
सोरायसिस एक त्वचा रोग है। त्वचा और स्कैल्प पर लाल, पपड़ीदार धब्बे (scaly patches) इसकी विशेषता हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि सोरायसिस के 30% मामले सोरायटिक आर्थराइटिस के होते हैं।
इसके कई उप प्रकार हैं:
सोरायटिक आर्थराइटिस के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग हो सकते हैं। वास्तव में वे रुक-रुक कर भी दिखाई पड़ सकते हैं। वे कभी-कभी हल्के होते हैं, और कभी गंभीर हो सकते हैं।
सोरायटिक आर्थराइटिस के सबसे आम लक्षण हैं:
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हाल की स्टडी के अनुसार सोरायटिक आर्थराइटिस की जटिलताओं से नींद की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है।
2017 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सोरायटिक आर्थराइटिस के 84% रोगियों में नींद की क्वालिटी बहुत खराब होती है। खुजली, दर्द और तनाव जैसे लक्षण नींद को बहुत गहरे प्रभावित कर सकते हैं।
हालांकि यह अनिद्रा का प्रत्यक्ष कारण नहीं है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट बहुत असर डाल सकते हैं। मरीजों को अक्सर एक रेगुलर शिड्यूल के अनुसार सोने में समस्या होती है। उन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का भी जोखिम होता है।
सोरायटिक आर्थराइटिस होने पर बेहतर नींद के लिए आपको पूरी स्ट्रेट्जी बनानी चाहिए। आपका डॉक्टर चेक-अप के दौरान इनमें से कुछ सलाह दे सकता है।
कॉटन फाइबर से होकर हवा आ-जा सकती हैं और इस प्रकार, इनसे त्वचा की परेशानी कम हो सकती है।
यह अप्रासंगिक लग सकता है, लेकिन सही कपड़े चुनने से आपको बेहतर नींद आ सकती है। त्वचा सूखी रखने और खुजली पर काबू पाने के लिए सूती या रेशमी बैगी कपड़े चुनें। आराम करते वक्त ये सामग्रियां त्वचा की जलन को रोकती हैं।
हीट थेरेपी बिस्तर पर जाने से पहले जॉइंट को रिलैक्स करने का एक तरीका है।
कोल्ड टेम्परेचर कुछ लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करता है, जबकि गर्म टेम्परेचर दूसरों के लिए सबसे अच्छा काम करता है। दोनों को आज़माएं और जो आपको सबसे ज्यादा राहत दे उसे चुनें। आप पसंद करें तो दोनों तापमानों को वैकल्पिक रूप से आजमायें।
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बिस्तर पर जाने से पहले क्रीम और तेल लगाने से त्वचा को हाइड्रेटेड रखने और असुविधा को कम करने में मदद मिलेगी।
त्वचा के लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए सबसे सरल स्टेप में से एक आपकी त्वचा को नियमित रूप से मॉइस्चराइज करना है। यदि आपके लक्षण रात में बिगड़ते हैं, तो आपको सोने से पहले एक मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना चाहिए। नारियल तेल या शीया बटर जैसे प्राकृतिक विकल्प चुनें।
योग, मेडिटेशन और अन्य रिलैक्सिंग टेकनीक उत्कृष्ट विकल्प हैं जो आपको सोरायटिक आर्थराइटिस होने पर बेहतर नींद में मदद करेंगे।
ये इलाज जॉइंट को आराम देने में मददगार होते हैं और लक्षणों से पैदा होने वाले तनाव को कम करते हैं। सोने से 30 मिनट पहले इनका अभ्यास कर सकते हैं।
एरोमाथेरेपी शरीर को आराम देती है। आप कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने के लिए एरोमाथेरेपी के लाभों का फायदा उठा सकते हैं। कुछ एसेंशियल ऑयल अपने गुणों की बदौलत सोरायटिक आर्थराइटिस के तनाव और अन्य असुविधाओं को कम करने के लिए अच्छे विकल्प हैं। एरोमाथेरेपी भी दर्द को दूर करने में मदद कर सकती है।
एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करें, जैसे :
अंत में, नींद की समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। क्योंकि उनके लिए यह जांचना बहुत महत्वपूर्ण है कि कहीं आप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से तो पीड़ित नहीं हैं।