अब हम दोनों एक जैसे हैं: बेटे को प्रेरणा जुटाते दुनिया के एक बेहतरीन पिता की स्टोरी
गेब्रियल मार्शल आठ साल का बच्चा है। कुछ समय पहले वह कैंसर से पीड़ित था। लेकिन उसे आज दो बातें बिल्कुल साफ़ मालूम हैं। पहली, कि उसके पास दुनिया का बेहतरीन पिता है। और दूसरी, कि एक लम्बा और खुशहाल जीवन उसकी राह देख रहा है।
गेब्रियल बहुत ही बहादुर लड़का है और अपने परिवार में सबका प्यारा भी। लेकिन उसकी ब्रेन कैंसर सर्जरी ने उसके सिर पर उत्साह और आत्मविश्वास को तोड़ डालने वाले धब्बे छोड़ दिए हैं।
यदि आज पूरी दुनिया के लिए गेब्रियल एक चर्चा का विषय है, तो उसके पीछे एक बहुत ही खूबसूरत और उत्साहवर्द्धक कारण है।
आज से कुछ वर्षों पहले, सभी देश फादर डे नहीं मनाया करते थे। ऐसे में जोश मार्शल, गेब्रियल के पिता ने कुछ ख़ास करने की चाहत पाल लिया। वे आज उसके लिए दुनिया के बेहतरीन पिता हैं।
गेब्रियल के सिर पर कैंसर सर्जरी का निशान है। उसे इस निशान के कारण बहुत ही शर्मिंदगी महसूस होती है। ये निशान उसे कैंसर की बीमारी की याद दिलाता है। हालाँकि बीमारी तो खत्म हो चुकी है, लेकिन जख्म आज भी हरे हैं।
कैंसर सर्जरी का निशान गेब्रियल से उसकी मुस्कुराहट छीन रहा था। ऐसे में उसके पिता ने अपने बेटे के दुख को कम करने के लिए अपने सिर पर टैटू बनवाने का निर्णय लिया। उन्होंने भी सिर पर ठीक उसी जगह, गेब्रियल के निशान के रंग का टैटू बनवाने की ठानी। ज़ाहिर है, इसके पीछे एक बहुत ही ठोस कारण था, अपने बेटे को ताकत देना।
क्या आप भी जानना चाहेंगे एक बेहतरीन पिता की स्टोरी? चलिए इनकी कहानी शेयर करते हैं।
बेटे को अथाह प्यार करने वाले बेहतरीन पिता की मिसाल
सभी माता-पिता अपने बच्चों को सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं। अपने बच्चे का कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बारे में पता लगने से ज़्यादा शायद कोई डरावना पल नहीं हो सकता।
अगर आकड़ों की मानें, तो चार साल से 18 साल की उम्र तक के कैंसर पीड़ित बच्चों के जीवित रहने की दर 80% है।
वैसे तो ये अपने आप में एक अच्छी खबर है, लेकिन अपने बच्चों को इस रोग से होने वाली परेशानी, पीड़ा और कष्ट झेलता देखना निस्संदेह बहुत ही मुश्किल है।
पिछले साल गेब्रियल मार्शल के कैंसर से पीड़ित होने के लक्षण उभर कर सामने आए। उसके जीवन पर गहरा धक्का लगा। वह एक दुर्लभ किस्म के ब्रेन कैंसर से पीड़ित था। इसे एनाप्लास्टिक एस्ट्रोसाइटोमा (anaplastic astrocytoma) कहा जाता है।
यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम का एक घातक ट्यूमर है जो आम तौर पर वयस्क पुरुषों में दिखाई देता है।
वैसे तो इसको लेकर कोई भी पूर्वानुमान ठीक नहीं है, लेकिन इस कैंसर से पीड़ित बच्चों के बचने की सम्भावना अधिक होती है। गेब्रियल के परिवार को केवल इसी बात ने आशा दी। वे जान चुके थे कि वे इस लड़ाई में नहीं हारेंगे।
एक 8 साल के बच्चे को कैंसर होना
बच्चे इतनें गम्भीर और जटिल रोग से ग्रस्त होने के परिणामों को लेकर पूरी तरह से जानकार नहीं होते हैं।
वे ये नहीं जानते कि ये बीमारी उनके आने वाले जीवन को उलट-पुलट कर रख देगी। वे इस बात से अनजान होते हैं कि उनके दोस्तों, स्कूल, खेल-कूद और पढाई से जुड़ी दुनिया बिखरने वाली है। अस्पताल के चक्कर, दवाइयाँ, इलाज और भय सब चीज़ों पर हावी होने वाले है।
उनके लिए ये स्वीकार कर लेना सबसे मुश्किल काम है कि वे कई शारीरिक बदलावों का सामना करेंगे।
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कैंसर ट्रीटमेंट से जुड़े दुष्प्रभाव
कीमोथेरपी ट्रीटमेंट केवल रोगियों के बालों के गिरने का ही कारण नहीं बनती है। उनका चेहरा सूख जाता है, वजन घट जाता है, उनके हाव-भाव में बदलाव आता है और हमेशा थकान बनी रहती है।
- गेब्रियल बहुत ही नाज़ुक दौर से गुज़र चुका है। कैंसर के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने गेब्रियल के दिमाग में पल रहे घातक ट्यूमर का अधिकाँश हिस्सा निकाल दिया था। लेकिन बीमारी इतनी जटिल थी कि इससे जुड़े अन्य दुष्प्रभावों को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका।
- ऑपरेशन का नतीजा आज संतोषजनक है। बीमारी अब निष्क्रिय है और बढ़ नहीं रही है। उसके परिवार के लिए ये अपने आपमें एक बहुत ही बड़ी उम्मीद है।
- लेकिन इन सब परिस्थितियों ने गेब्रियल के आत्मविश्वास को खत्म कर दिया था। वह जब भी शीशे के सामने जाता, उसे केवल अपने सिर पर कैंसर सर्जरी का निशान ही दिखाई पड़ता।
- उसके कान के चारों और से गुज़रता वह घुमावदार तीरनुमा निशान गेब्रियल को कैंसर की बीमारी की याद दिलाता रहता था।
- गेब्रियल ने सपने देखना छोड़ दिया था। वह घर से बाहर नहीं निकलना चाहता था। उसे न तो वापस स्कूल जाने का मन था और न ही खेलने का।
- उसकी आँखों के सामने केवल वह निशान ही घूमा करता था।
जोश मार्शल गेब्रियल के पिता हैं। वे 28 वर्ष के आशावादी और हिम्मत वाले इंसान हैं, जिन्होंने कभी भी अपने बेटे का साथ नहीं छोड़ा। वे यह बात जानते हैं कि भले ही जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आ जाएँ, उन्हें हमेशा आशावादी बने रहना है।
- गेब्रियल के कैंसर ऑपरेशन के बाद उन्होंने चीज़ों को सँभालने की ठानी। उन्हें अपने बेटे के ज़ख्मों को भरना है, उसके आत्मविश्वास, उत्साह और उम्मीद को बढ़ाना है।
- फादर डे ने जोश को अपने बेटे को हैरत में डाल देने वाले तोहफ़ा देने का अवसर दिया। उन्होंने अपने सिर के पूरे बाल कटवा लिया और गेब्रियल की सर्जरी के निशान जैसा ही एक टैटू बनवा लिया। अब, “वे दोनों एक जैसे हैं।”
- इसके बाद से गेब्रियल ने बाहर निकलना शुरू कर दिया है। उसका आत्मविश्वास भी वापस आ रहा है।
- अब गेब्रियल शर्मिंदा महसूस नहीं करता। वह जानता है, दुनिया का बेहतरीन पिता उसके साथ है। वे दोनों दुनिया को अपने ये निशान दिखाकर इंसानी जिजीविषा और मजबूती का सन्देश देते हैं।
हम भी अपनी ओर से गेब्रियल को बधाई देते हैं! गेब्रियल को ठीक हुए नौ महीने पार कर चुके हैं। हम उसके लिए उम्मीदों भरे खुशहाल जीवन की कामना करते हैं। साथ ही उसके बेहतरीन पिता को सलाम!
- Grimm, S. A., & Chamberlain, M. C. (2016). Anaplastic astrocytoma. CNS Oncology. https://doi.org/10.2217/cns-2016-0002