प्रीटीन्स के लिए एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी
हालाँकि, इस उम्र के बच्चे “बच्चों वाले काम” नहीं करना चाहते हैं, फिर भी अभी वे टीनेजर नहीं हैं। प्रीटीन्स के लिए कौन सी एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी ठीक रहेंगी?
इस लेख में कुछ नए आईडिया की खोज करें।
प्रीटीन स्टेज
किशोरावस्था के ठीक पहले की इस उम्र के शुरुआती बिंदु को निर्दिष्ट करना बहुत मुश्किल है। यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है, क्योंकि शारीरिक परिपक्वता किसी व्यक्ति के लिए थोड़ा जल्दी या बाद में हो सकती है।
इस तरह किसी की शुरुआत की कोई विशेष उम्र नहीं है। मोटे तौर पर यह अवस्था 10 और 13 की उम्र के होती है।
किशोरावस्था पूर्व इस उम्र में नई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं शुरू होती हैं जो संदर्भ और व्यवहार दोनों को बदलती हैं।
किशोरावस्था से पहले यह बहुत ही अहम कदम है और बचपन के अंत का प्रतीक है। यह एक मिडिल स्टेज है और भ्रम, भटकाव और खोज से भरा है।
यहाँ कुछ लक्षण हैं जो उम्र के इस पडाव की विशेषता रखते हैं:
- किशोरावस्था पूर्व बच्चे में अभी भी कई बच्चे वाले व्यवहार बने होते हैं। दूसरी ओर वे अपनी ऑटोनॉमी की मांग करना भी शुरू करते हैं, जो बाद में किशोरावस्था के दौरान और ज्यादा हो जाएगा।
- मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रीटीन्स अपने सोशल नेटवर्क के भीतर अपनी खुद की पहचान खोजने की प्रक्रिया से गुजरते हैं।
- इसके अलावा ऑटोनॉमी की इच्छा उन्हें अपने परिवारों के अलावा दूसरे संदर्भों पर गौर करने के बहाने बनाती है। बेशक बचपन में फैमिली न्यूक्लियस बच्चों में सभी मूल्यों को जन्म देता है। अब बच्चे जैसे ही पहले की अवस्था से किशोरावस्था के करीब आते हैं, वे दूसरे संदर्भों की तलाश करना शुरू कर देते हैं।
- वे शारीरिक बदलाव भी महसूस करने लगते हैं।
प्रीटीन्स के लिए एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी
जब प्रीटीन्स के लिए एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी चुनने की बात आती है, तो आपको इन बदलावों को ध्यान में रखना चाहिए और इनके आधार पर तय करना चाहिए कि कौन सी एक्टिविटी होनी चाहिए :
- उनके सोशल और सहभागिता वाली स्किल को बढ़ावा दें।
- व्यक्तित्व विकसित करने में उनकी मदद करें।
- उन मूल्यों को बढ़ावा दें जो किशोरावस्था और वयस्कता के दौरान ज़रूरी होंगे।
- उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सेल्फ-अवेयरनेस विकसित करने में मदद करें।
- उन पर हावी न हों।
अब कुछ ऐसी एक्टिविटी पर एक नज़र डालते हैं जो इसमें मदद कर सकती हैं।
एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी के रूप में टीम स्पोर्ट्स
फिजिकल एक्सरसाइज के फायदों के अलावा स्पोर्ट्स में इस स्टेज के लिए ज़रूरी फायदे मौजूद हैं। कुल मिलाकर खेल प्रीटीन्स के लिए शानदार हैं क्योंकि वे:
- उन्हें स्ट्रेस-फ्री करने में मदद करें।
- सीमाओं को समझने और उन्हें तय करने में प्रीटीन्स की मदद करें।
- उन्हें नियमों का सम्मान करने की सीख दें।
- अपने शरीर को बेहतर तरीके से जानने में उनकी मदद करें।
- अपने में सुधार करने की स्पिरिट उनमें पैदा करें और उनके आत्म विश्वास को बढ़ाएं।
- एक साझे लक्ष्य के तहत दूसरों के साथ सहयोग करना सिखाएं।
इस तरह एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी के रूप में टीम स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस करना एक अच्छा आईडिया है। उदाहरण के लिए फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल सभी बेहतरीन विकल्प हैं।
इसके अलावा व्यक्तिगत खेलों के भी कई फायदे हैं। इनमें मार्शल आर्ट, जिमनास्टिक, स्विमिंग और ट्रैक एंड फील्ड की भी सिफारिश की जाती है।
इसे भी पढ़ना चाहिए: 6 पॉपुलर स्पोर्ट्स जो कार्डियक हेल्थ को तंदरुस्त रखते हैं
बौद्धिक एक्टिविटी
यदि आपका बच्चा खेल पसंद नहीं करता है, तो दूसरे विकल्प भी हैं। शार्ट और लॉन्ग टर्म में इंटेलेक्चुअल एक्टिविटी भी उनके लिए फायदेमंद होती हैं।
इस मामले में हम ऐसी एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी की बात कर रहे हैं :
- शतरंज
- भाषाएँ
- रीडिंग कोर्स
- कंप्यूटर साइंस क्लास
- रोबोटिक्स क्लास
इन गतिविधियों से बौद्धिक विकास होता है। हालांकि वे अलग-अलग हैं, फिर भी खुद को एक ग्रुप में पाएंगे। इस तरह वे दूसरों के साथ सामाजिक संबंधों और स्ट्रेट्जी के विकास की सुविधा देते हैं।
इसे भी पढ़ें : ग्रेड : पैरेंट्स के लिए एक गाइड
आर्टिस्टिक एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी
क्रिएशन और क्रिएटिविटी वाली आर्टिस्टिक एक्टिविटी से भी फायदा होता है।
फिजिकल और इंटेलेक्चुअल क्षमताओं के अलावा एक और तरह की बुद्धि है जिस पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते हैं: वह है आर्टिस्टिक इंटेलेक्चुअलिटी। आखिरकार परिणाम और मुनाफ़े द्वारा राज की जाने वाली दुनिया में हम अक्सर यह भूल जाते हैं, कला भी मौजूद है। ऐसी एक्टिविटी में प्रीटीन्स को दाखिल कराना एक शानदार आईडिया है जो उनकी आर्टिस्टिक क्षमता विकसित करने में मदद करती हैं।
दरअसल कला कई हेल्थ से जुड़े फायदे देती है। यह अभिव्यक्ति का एक रूप है, जो खुद को बेहतर ढंग से जानने में उनकी मदद करेगी। यह उनके एक्सप्रेशन, इमेजिनेशन और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देगी।
कुछ अच्छे विकल्प ये कोर्स या क्लास हैं:
- पेंटिंग
- पॉटरी
- रचनात्मक लेखन
- स्कल्पचर
- थिएटर
- क्राफ्ट
- सिलाई
- कुकिंग
कलात्मक गतिविधियाँ निम्नलिखित तरीकों से प्रीटीन्स को फायदा पहुँचा सकती हैं। वे:
- अभिव्यक्ति के रास्ते स्ट्रेस फ्री करती हैं
- उनके आत्म विश्वास में बढ़ावा
- उनकी संवेदनशीलता का विकसित
- एकाग्रता को बढ़ाती हैं
- कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से आत्म-ज्ञान को बढ़ावा देती हैं
निष्कर्ष
कई एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी हैं जिनकी सिफारिश प्रीटीन्स के लिए की जाती हैं। यह ऐसा समय है जब आग जाकर उनके और दुनिया के बीच बनने वाले संबंधों के लिए बुनियाद रखना शुरू करने की ज़रूरत होती है।
इसलिए आपको उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए कि वे क्या करना चाहते हैं और कुछ भी थोपना नहीं चाहिए। उन फायदों के बारे में उन्हें बताएं जो हर तरह की एक्टिविटी से उन्हें होने वाले हैं। आखिरकार फैसला उन्हें ही करने दें।
यह न भूलें कि वे “एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी” हैं। वे फन के लिए हैं, स्ट्रेस-फ्री होने के लिए हैं।
- Prieto, M. (2018). Jugar al ajedrez: 5 beneficios para tu cerebro. Retrieved May 21, 2019, from https://lamenteesmaravillosa.com/jugar-al-ajedrez-5-beneficios-para-tu-cerebro/
- Botello, N. (2018). Beneficios psicológicos del deporte en los niños. Retrieved May 21, 2019, from https://eresmama.com/beneficios-psicologicos-del-deporte-en-los-ninos/