अंतरंग अंगों का पीएच ठीक रखने के लिए पांच घरेलू इलाज
अंतरंग क्षेत्र में पीएच में बदलाव लगातार हार्मोन परिवर्तन, केमिकल, अंडरवियर और दूसरे फैक्टर का नतीजा होता है। किसी तरह से ये सभी फैक्टर स्वस्थ बैक्टीरिया की एक्टिविटी पर असर डालते हैं।
यह वेजाइनल डिस्चार्ज के टेक्सचर, रंग और गंध में बदलाव का कारण बन सकता है, जिससे असुविधा और असुरक्षा की समस्याएं हो सकती हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि कभी-कभी यह यीस्ट इन्फेक्शन, बैक्टीरिया और वायरस की मौजूदगी का कारण बन सकता है। दुर्भाग्य से, अनुकूल वातावरण के कारण ये आसानी से प्रजनन करते हैं।
नतीजतन बीमारियां, तेज बदबू और दूसरे तकलीफदेह लक्षण पैदा हो सकते हैं, जो इलाज न किये जाने पर और बदतर हो सकता है।
सौभाग्य से, कई नेचुरल नुस्ख़े हैं जो गोपनीय अंगों के प्राकृतिक पीएच को बहाल करते हैं और बिना साइड इफेक्ट के दूसरी जटिलताएं पैदा होने से रोकते हैं।
इस लेख में, हम 5 दिलचस्प विकल्पों को बताना चाहते हैं जिन्हें आजमाने से संकोच नहीं करना चाहिए।
अंतरंग अंगों का पीएच ठीक रखने के लिए पांच घरेलू इलाज
1. तेजपात का अर्क (Sage infusion)
तेजपात अंतरंग अंगों का पीएच बहाल करने में मदद करता है।
तेजपात के गुण वेजाइनल फ्लोरा को बहाल करने में मदद करते हैं, अत्यधिक लिक्विड स्राव और तेज गंध को कम करते हैं।
बाहरी तौर पर इसे लगाने से योनि के बाहरी क्षेत्र की संवेदनशील त्वचा की जलन को कम करता है और संक्रमण के जोखिम को भी कम करता है।
सामग्री
- 2 बड़े चम्मच तेजपात के (20 ग्राम)
- 2 कप पानी (500 मिली)
तैयारी
- एक पैन में पानी डालें और उबाल आने दें।
- उबाल आने पर सेज के पत्ते सालने, आंच कम करें और तीन मिनट के लिए छोड़ दें।
- पैन को 15 मिनट के लिए छोड़ दे और फिर छान लें।
कैसे इस्तेमाल करे
- गुप्तांग क्षेत्र में तरल को लगाएं।
- इसे दिन में 2 बार, तब तक इस्तेमाल करें, जब तक पीएच नियंत्रण में न हो।
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2. अंतरंग अंगों का पीएच ठीक रखने के लिए गार्लिक टी
अपने एंटीबायोटिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण गार्लिक टी संक्रमण से लड़ने के लिए एक वैकल्पिक प्रोडक्ट है जो वेजाइनल बैक्टीरियल फ्लोरा के पीएच को बदल देता है। इसके कम्पाउंड असरदार ढंग से यीस्ट और बैक्टीरिया से लड़ते हैं, जिससे आपकी दुर्गंध, जलन और अत्यधिक डिस्चार्ज का खतरा कम होता है।
सामग्री
- 3 लहसुन की कलियाँ
- 2 कप पानी (500 मिली)
तैयारी
- लहसुन की कलियों को कुचलें और उन्हें उबालने के लिए पानी के एक पैन में डाल दें।
- उबल जाने पर पैन को आंच से हटा दें, कवर करें और 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
- मिश्रण को छान लें।
कैसे इस्तेमाल करे
- गार्लिक टी से अंतरंग क्षेत्र को धोएं।
- एक बार में 5 से 7 दिनों तक रात में लगाएं।
3. नेचुरल योगर्ट और टी ट्री ऑयल
नेचुरल योगर्ट में मौजूद प्रोबायोटिक स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, फंगस और रोगजनक बैक्टीरिया के उन्मूलन को बढ़ावा देते हैं। इन गुणों को एसेंशियल टी तरी ऑयल की एंटी-माइक्रोबियल पावर के साथ बढ़ाया जाता है।
सामग्री
- 2 बड़े चम्मच सादी दही (40 ग्राम)
- टी ट्री ऑयल की 3 बूँदें
तैयारी
- टी ट्री ऑयल में नेचुरल योगर्ट मिलाएं।
कैसे इस्तेमाल करे
- योनि के बाहरी क्षेत्रों में इस उपचार को रगड़ें और 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
- जब तक समस्या नियंत्रण में न आये इसे दिन में दो बार दोहरायें और धो लें।
यहाँ और पढ़ें: वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज के लिए 6 नेचुरल स्टेप
4. एप्पल साइडर विनेगर
इसमें एसिटिक एसिड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, इसलिए एप्पल साइडर विनेगर संक्रमण पर काबू पाने के लिए सबसे लोकप्रिय इलाजों में से एक है। यह पदार्थ सूक्ष्म जीवों की नेगेटिव एक्शन से लड़ता है और वेजाइनल हेल्थ को ठीक रखने वाले हेल्दी माइक्रोब को बढात है।
सामग्री
- ½ कप साइडर विनेगर (125 मिली)
- 3 कप पानी (750 मिली)
तैयारी
- पानी के कप गरम करें और इसे उबालने के बिना एप्पल साइडर विनेगर डालें।
कैसे इस्तेमाल करे
- सॉल्यूशन का उपयोग करके एक सिटज़ बात कराएं, योनि के बाहरी क्षेत्रों को ध्यान से धोएं।
- एक हफ्ते के लिए इसे दोहराएं।
5. बेकिंग सोडा
अपने मामूली क्षारीय असर के कारण बेकिंग सोडा वेजाइनल पीएच को बहाल करने के लिए एक वैकल्पिक समाधान भी है। इसे बाहरी रूप से लगाने से ज्यादा डिस्चार्ज कम होता है और खुजली और दुर्गंध नियंत्रित होते हैं।
सामग्री
½ कप बेकिंग सोडा (100 ग्राम)
3 कप पानी (750 मिली)
तैयारी
- गर्म पानी के कप में बेकिंग सोडा डालें।
कैसे इस्तेमाल करे
- इस नुस्खे से योनि के बाहरी क्षेत्रों को धोएं।
- इसे हफ्ते में दो बार दोहराएं।
अतिरिक्त वेजाइनल डिस्चार्ज और गुप्तांग में जलन और खुजली की समस्या अक्सर इस अंग में नेचुरल PH में असंतुलन का नतीजा होती है।
ज्यादा गंभीर संक्रमण होने से पहले ही इस समस्या पर काबू पाने के लिए अपने अंतरंग अंग का पीएच रेगुलेट करने के लिए ऊपर दिए गए उपायों में से एक चुनें।
- La salud vulvovaginal https://www.acog.org/Patients/Search-Patient-Education-Pamphlets-Spanish/Files/La-salud-vulvovaginal
- O’Hanlon, D. E., Moench, T. R., & Cone, R. A. (2013). Vaginal pH and microbicidal lactic acid when lactobacilli dominate the microbiota. PLoS ONE. https://doi.org/10.1371/journal.pone.0080074
- Sánchez-Hernandez J, Rivera-Tapia J, M. M. (2012). Alteraciones del pH vaginal asociado a lactobacilos o bacilo de Döderlein. Rev Latinoam Patol Clínica [Internet].