7 चेतावनी सूचक संकेत किडनी रोग होने के
आपकी किडनी वह अंग है जो आपके पेट के पीछे रीढ़ की हड्डी के सामानांतर स्थिति होती है। इनकी सही कार्यप्रणाली आपके समग्र स्वास्थ्य में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये आपके इलेक्ट्रोलाइट लेवल, ब्लड प्रेशर और द्रवों का स्तर नियंत्रित रखने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए किडनी रोग ग्रस्त होने पर शरीर में गंभीर समस्याएं दीखती हैं।
शरीर की अन्य प्रणालियों की तरह आपकी किडनी में संक्रमण और किडनी रोग होने का ख़तरा लगातार बना रहता है।
वैसे, ऐसा होना आम नहीं है लेकिन समस्या यह है कि किडनी रोगों के शुरुआती चरण के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं जिससे संक्रमण या रोग की पहचान कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इनकी सही ढंग से पहचान करने का एक मात्र तरीका ख़ून और मूत्र का मेडिकल टेस्ट करना है।
इसके बावजूद, कुछ ऐसे शारीरिक संकेत हैं जो आपको कोई गड़बड़ी होने के बारे में सतर्क कर सकते हैं।
नीचे हम आपको किडनी रोगों की चेतावनी देने वाले 7 सबसे आम संकेतों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अगर आपको इनमें किसी का अनुभव होता है तो बेझिझक अपने डॉक्टर की सलाह लें।
1. अत्यधिक थकान है किडनी रोग का संकेत
लगातार थकान तब होती है जब आपके शरीर के लिए ऑक्सीजन को रक्त प्रवाह के माध्यम से आपकी कोशिकाओं तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा आपकी किडनी में किसी गड़बड़ी की शुरुआत के कारण हो सकता है।
आपकी किडनी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब इनमें कोई ख़राबी आ जाती है तो ये इन्हें पर्याप्त संख्या में पैदा नहीं करती हैं।
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2. खुजलीदार त्वचा
किडनी आपके रक्त प्रवाह में पाए जाने वाले कई तरह के टॉक्सिन को मूत्र द्वारा बाहर निकालती है।
जब यह अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है जो टिशू में वेस्ट इकट्ठे हो जाते हैं। इससे आम तौर पर त्वचा के नीचे खुजली या झुनझुनाहट का अहसास होता है।
3. पानी वाली सूजन (Edema)
पानी वाली सूजन या इडीमा होना किडनी की ख़राबी का एक स्पष्ट संकेत है।
वैसे, इसके होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन किडनी नाकाम होना उनमें से प्रमुख है।
आपकी दोनों किडनी शरीर में पानी और सोडियम का स्तर नियंत्रित रखती हैं। कोई गड़बड़ी होने पर इनका संतुलन बिगड़ जाता है।
यह लक्षण तब भी नज़र आता है जब किसी कारणवश आपके मूत्र में प्रोटीन की कमी हो जाती है। इस अवस्था को नेफ्रोटिक सिंड्रोम (nephrotic syndrome) कहते हैं।
सूजन आम तौर पर पैरों और टखनों तक ही सीमित रहती है लेकिन कभी-कभी यह बाहों, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है।
4. ख़ून की कमी (Anemia)
रोगियों में ख़ून की कमी इस बात का संकेत हो सकती है कि किडनी रोग बहुत ख़तरनाक चरण में प्रवेश कर गया है।
आपकी किडनी इरिथ्रोपोएटिन नाम के हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती हैं। इरिथ्रोपोएटिन आपकी अस्थि मज्जा (बोन मैरो) को अधिक रक्त कोशिकाएं उत्पादित करने का संकेत देता है।
किडनी नाकाम होने के गंभीर मामलों में यह कार्य बाधित हो जाता है। इस कारण आपके ख़ून में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या अचानक बहुत कम हो जाती है जिससे स्थाई रूप से ख़ून की कमी हो जाती है।
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5. पीठ दर्द
कमर या उसके आसपास दर्द होना संभावित किडनी रोग का एक संकेत हो सकता है, विशेष तौर पर बुजुर्ग व्यक्तियों में।
वैसे यह आम लक्षण नहीं है लेकिन किडनी में पथरी या मूत्र नलिका में संक्रमण होने पर ऐसा हो सकता है।
अगर ऐसा होता है तो समझ लेना चाहिए कि रोग काफी बढ़ गया है। इसके साथ मूत्र त्याग में परेशानी या जलन जैसे लक्षण भी नज़र आते हैं।
इन लक्षणों और मांसपेशियों के दर्द में अंतर समझना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी अन्य चीज़ के मुकाबले इनकी मदद से रोग की जल्द पहचान की जा सकती है।
6. मूत्र में बदलाव
किडनी में समस्या की चेतावनी देने वाले संकेतों को समझने के लिए स्वस्थ किडनी के मूत्र को जानना और समझना बहुत ज़रूरी है।
जब आपकी किडनी काम करना बंद करने लगती है तो ये समस्याएं हो सकती हैंः
- आपकी रात में उठकर मूत्र त्याग करने की इच्छा करती है।
- आपका मूत्र झागदार या बुलबुलेदार होता है।
- आपका मूत्र गहरे रंग का हो जाता है और इससे दुर्गंध आती है।
- आपके शरीर में ज़्यादा मूत्र बनता है, जिसका रंग पीला सा होता है।
- आपको दिन में चार से ज़्यादा बार मूत्र त्याग करने में परेशानी होती है।
- आप मूत्र त्यागते समय संयम नहीं बरत पाते हैं।
- आपके मूत्र में ख़ून आने लगता है।
7. सांसों में दुर्गंध
किडनी के काम बंद करने पर ख़ून में टॉक्सिन एकत्र होने से आपकी सांसों में अमोनिया की दुर्गंध आती है और आपके मुंह का स्वाद कसैला हो जाता है।
इस अप्रिय लक्षण पर नियंत्रण पाना बहुत मुश्किल होता है भले ही आप मुंह की साफ़-सफ़ाई का बहुत ख्याल रखते हैं।
अक्सर ऊपर बताए गए सभी लक्षण कई कारणों से हो सकते हैं, फिर भी यह जांचने में ही समझदारी है कि कहीं इनकी वज़ह किडनी रोग तो नहीं है।
कोई शंका होने पर अपने डॉक्टर से बात करें। उनसे आवश्यक परीक्षण करने के लिए कहें ताकि आपकी स्वास्थ्य स्थिति का सही आंकलन किया जा सके।
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