7 नेचुरल तरीके आजमाएं सोरायसिस से लड़ने के लिए
सोरायसिस त्वचा की एक बीमारी है। यह शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कोहनी, घुटनों या सिर में लाली, स्केलिंग, सूजन, और दर्द या खुजली का कारण बनती है।
सोरायसिस से पीड़ित लोगों की त्वचा में स्किन सेल्स के नवीनीकरण की प्रक्रिया बहुत तेज़ होती है। इसकी वजह से यह बीमारी त्वचा की सतह पर उभरना शुरू कर देती है। साथ में कई अप्रिय लक्षण भी उभरने शुरू हो जाते हैं।
आज के लेख में हम आपको सोरायसिस पर काबू पाने के लिए सात बहुत प्रभावी और प्राकृतिक सुझाव देना चाहते हैं।
1. सोरायसिस से निजात पाने के लिए डिटॉक्स करें
ऐसा अक्सर पाया जाता है कि सोरायसिस से पीड़ित लोगों की त्वचा पर विषैले तत्वों का बहुत अधिक प्रभाव होता है।
इसलिए ये अत्यंत आवश्यक है कि साल में कम से कम एक बार लीवर, गुर्दों और आँतों की सफाई की तरफ ध्यान दिया जाए। ये सभी अंग हमारे शरीर से विषैले तत्वों को हटाने के लिए जिम्मेवार होते हैं।
ऐसा करने से आपकी त्वचा सोरायसिस जैसी परेशानियों का बोझ उठाने से बच सकती है।
अपने शरीर के शुद्धिकरण के लिए आपको हर्बल उत्पादों के विक्रेताओं के पास हर्बल टी, सिरप, इत्यादि जैसे कई विकल्प मिल सकते हैं। आप अपनी जीवनशैली के अनुसार सबसे अच्छे विकल्प का चयन कर सकते हैं।
इस परिस्थिति से जूझ रहे लोगों को पानी का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करना चाहिए। ऐसे समय में पानी अहम भूमिका निभाता है। अगर आप पानी का सेवन खाली पेट करते हैं, तो ये और ज़्यादा लाभदायक होता है। ऐसा करने से आपकी आंतें सुचारू रूप से काम करती रहती हैं।
आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शरीर के शुद्धिकरण की प्रक्रिया को सही समय पर दोहराया जाए। सामान्य रूप से इसे हर 15 दिन से एक महीने की अवधि पर दोहरा लेना चाहिए। लेकिन, इसे निश्चित रूप से एक बार बसंत ऋतु और एक बार शरद ऋतु में किया ही जाना चाहिए।
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2. अपनी आँतों को नियंत्रित रखें
- आँतें शरीर का वो अंग हैं, जो त्वचा और इम्यून सिस्टम/ प्रतिरक्षी तंत्र से बड़ी नज़दीकी से जुड़ा हुआ है।
- ये सोरायसिस को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं।
यही वजह है कि सोरायसिस जैसी समस्या से दूर रहने के लिए आपको आँतों से जुड़ी किसी भी परेशानी से मुक्त रहने की ख़ास आवश्यकता है।
आँतों को नियंत्रित रखने के लिए आप इनमें से कोई भी उपचार अपना सकते हैं:
- कब्ज को दूर करने के लिए: भीगे हुए फ्लेक्स और चिया सीड्स का सेवन प्रून यानी सूखे बेर,कीवी, छिलके समेत सेब और समुद्री जल के साथ करें।
- दस्त को रोकने के लिए: हरी चाय और सब्जी के माध्यम से मिलने वाले चारकोल का सेवन करें।
- कब्ज और दस्त की समस्या के समय: कुजू, इसबगोल, और समुद्रघास्य का सेवन करें।
3. डेयरी उत्पादनों और ग्लूटेन के सेवन से परहेज़ करें
सोरायसिस की परेशानी से ग्रस्त लोगों को कई बार खाने को लेकर बेचैनी झेलनी पड़ सकती है। लोग कई बार इसके लक्षणों को माइग्रेन, सरदर्द , अपचन, आँतों की समस्या, चिंता इत्यादि जैसी परेशानियाँ समझने की गलती करते है।
ग्लूटेन, गेहूँ जैसे अनाज और दूध में पाया जाने वाला लैक्टोज खाने की चीज़ों में असहिष्णुता को बढ़ावा दे सकता है।
अपनी हालत में सुधार लाने के लिए हम आपको इन सभी उत्पादनों से एक महीने तक परहेज़ करने की सलाह देंगें।
4. खाने की मात्रा को नियंत्रित करें
कई लोगों ने ये पाया है कि यदि वे अपने खाने की मात्रा को नियंत्रित कर लेते हैं, तो वे सोरायसिस पर काबू पा सकते हैं।
इसका ये मतलब नहीं कि आप अपनी ज़रुरत अनुसार न खाएँ । बल्कि, अपने आहार से संतुष्टि मिलते ही भोजन करना रोक दें।
ऐसा करने के लिए आप एक बड़ा ही सरल तरीका अपना सकते हैं। चाहें तो हर दिन अलग-अलग तरह का भोजन पकाएँ या केवल किसी एक सामग्री से तैयार करे गए भोजन को केवल एक ही बार परोस कर खाएँ।
हर कौर को धीरे-धीरे चबा कर और पूरा स्वाद लेकर खाएँ।
इसके उपरांत आप कोई भी पाचन चाय का सेवन कर सकते हैं।
5. समुद्री जल का लाभ उठाएँ
- समुद्री जल सोरायसिस की समस्या को छूमंतर करने की क्षमता रखता है। जिन लोगों को समुद्री जल में तैरने का अवसर मिल चुका हो, वे इस बात से अवगत होंगें कि ये सोरायसिस से लड़ने में मदद करता है।
- समुद्री जल बालों के लिए भी विशेष रूप से लाभकारी होता है और उन्हें ज़्यादा स्वस्थ्य बनाता है।
हो सकता है कि आप किसी ऐसी जगह रहते हों जहाँ समुद्री पानी उपलब्ध न हो। ऐसे में केवल एक बोतल भर पानी का प्रबंध कर लें और इसे दिन में कम से कम एक बार अपने शरीर पर छिडकें।
ये कई बार किराने की दुकानों पर भी मिल जाता है। आप इसे खाना बनाने में नमक के स्थान पर उपयोग में ला सकते हैं।
6. मुलैठी के पानी से स्नान करें
मुलैठी में सूजन और दर्द को कम करने की क्षमता होती है। मुलैठी के पानी का स्नान सोरायसिस की समस्या से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर सिद्ध हो सकता है।
मुलैठी को एक प्राकृतिक कोर्टिसोन के रूप में भी जाना जाता है।
मुलैठी को स्नान करने से पहले गर्म पानी में आधा घंटा पहले भिगो लें। इसके बाद ये पानी स्नान करने के उपयोग में लाएँ।
7. सोरायसिस के परिपूरक
यदि आप सोरायसिस से मुक्ति चाहते हैं, तो यहाँ दिए गए इन पूरकों को उपयोग में ज़रूर लाएं:
- शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाले ब्रूअर का खमीर: ये पदार्थ विटामिन और मिनरल्स में समृद्ध होता है और त्वचा की सफाई के लिए उत्तम माना जाता है।
- फ्लेक्ससीड ऑइल: यह वनस्पति तेल आवश्यक फैटी एसिड में समृद्ध होता है।
- नेटटल: इस जड़ी बूटी में त्वचा की शक्तिशाली सफाई के गुण होते हैं। आप इसका सेवन कैप्सूल रूप में या चाय के रूप में कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आप आज यहाँ बताई गई युक्तियों का भरपूर लाभ उठाएँगे।
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