7 संकेत महिलाओं में हार्ट अटैक के जिनकी अक्सर अनदेखी की जाती है
हार्ट अटैक कार्डियक मसल्स (cardiac muscles) के क्षेत्र में रक्त-प्रवाह में कमी होने के कारण होता है। यह हमेशा किसी कॉरोनरी आर्टरी में अवरोध होने के कारण होता है।
अवरोध के कारण शुरुआत में एन्जाइना (angina) की बीमारी दिखती है। यदि इसे बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो कार्डियक टिशू मरने लगते हैं।
सीने के बीच भयानक दर्द, इसके सामान्य लक्षणों में शामिल है। यह दर्द दोनों बाहों और कभी-कभी मेरुदंड की ओर फैल जाता है।
फिर भी महिलाओं के लिए यह उन असामान्य संकेतों में से एक होता है जिस पर अक्सर इसलिए ध्यान नहीं दिया जाता है कि इस्मेन्न और दूसरी आम बीमारियों में समानता होती है।
समस्या यह है कि बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते।
हम महिलाओं में हार्ट अटैक के 7 संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
1. अनिद्रा (Insomnia)
अनिद्रा या इन्सोम्निया (insomnia) और नींद में लगातार गड़बड़ी (sleep disorders) बहुत ज्यादा काम, तनाव और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से हो सकती हैं।
फिर भी महिलाओं में हॉर्मोन गतिविधियों में बदलाव और कार्डियोवैस्कुलर रोगों के शुरुआती दौर में अनिद्रा प्रकट हो सकती है।
पिछले दशकों में महिलाओं में हार्ट अटैक के मामलों में आधी से ज्यादा पीड़ित महिलाओं में यह लक्षण मौजूद था।
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2. सांस लेने में कठिनाई
सांस की किसी बीमारी के बिना जिन महिलाओं को खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती है, उन्हें तुरंत डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।
यह लक्षण उन लोगों में सामान्य है, जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा होता है, विशेष रूप से उस समय जब वे रोजाना के कामों में लगे रहते हैं।
3. हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स
पेट में जरूरत से ज्यादा एसिड बनने और उसके साथ-साथ एसिड रिफ्लक्स से पेट के ऊपरी हिस्से और सीने में जलन महसूस होने लगती है। यह उसी के समान है जैसे हार्ट अटैक के दौरान होता है।
ऐसे सभी मामले गंभीर बीमारी में परिणामित नहीं होते। फिर भी, यदि यह बारंबार होता है, तो इसकी जाँच करा लेनी चाहिए, क्योंकि यह महिलाओं में हार्ट अटैक के पहले संकेतों में से एक है।
4. अस्वाभाविक थकान
थकावट और बार-बार थकान महसूस होना आम तौर पर सोने की गड़बड़ियों, कुछ दवाइयों या स्ट्रेस से जुड़ा होता है।
फिर भी अगर यह बार-बार या बिना किसी प्रकट कारण के होता है, तब यह आपके लिए सर्कुलेटरी या कार्डियक रोगों की एक चेतावनी हो सकती है।
कॉरोनरी आर्टरी के अवरोध आपके हृदय से उचित रक्त प्रवाह रोकते हैं। यह कोशिकाओं, दिमाग और मांसपेशियों को ऑक्सिजन पहुँचाने की प्रक्रिया को ज्यादा कठिन बना देता है।
इसके अलावा, इससे हृदय को रक्त पम्प करने में ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। इसलिए बल्ड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
5. ठंडा पसीना और चक्कर आना
रोजमर्रा के कामों के दौरान या आराम करते समय ठंडा पसीना आना महिलाओं में हार्ट अटैक के पहले संकेतों में से एक है।
दूसरे लक्षणों की तरह यह कई दूसरे कारणों से भी हो सकता है। फिर भी, इसे हार्ट अटैक की एक संभावना मानना जरूरी है, विशेष रूप से यदि उन्हें हार्ट अटैक का खतरा हो।
ठंडा पसीना आने का मतलब है कि शरीर एक उचित तापमान बनाए रखने के लिए काम कर रहा है। इसके लिए आपकी कार्डियक मसल जरूरत से ज्यादा काम कर रही है।
रक्त प्रवाह में कठिनाइयाँ भी कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुँचाने की प्रक्रिया में बाधा डालती हैं, जिससे आपको चक्कर आते हैं और आप बीमार महसूस करती हैं।
6. अचानक एंग्जायटी
अचानक चिंता या एंग्जायटी का अना एक लक्षण है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए, विशेष रूप से यदि इसके साथ-साथ सीने में असहनीय दर्द हो या चक्कर आने लगे।
महिलाओं में हार्ट अटैक आने के कई मामलों में यह लक्षण हार्ट अटैक के कुछ घंटों पहले ही प्रकट होते देखा गया है।
इसके साथ-साथ यह समझना भी बहुत जरूरी है कि चिंता और तनाव, दोनों हाइ ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ाते हैं।
7. बाहों और गरदन में दर्द
जिन महिलाओं को कार्डियोवैस्कुलर रोग हैं जिनका संबंध कार्डियक मसल से है, उनके जोड़ों गरदन और जबाड़ों में दर्द होना सामान्य है।
यह दर्द महिलाओं और पुरुष, दोनों को होते हैं, हालांकि पुरुषों में इनकी डिग्री कम होती है।
यह दर्द आहिस्ता-आहिस्ता और अचानक आता है और हार्ट अटैक से ठीक पहले जा सकता है।
ऊपर बताये गए सभी लक्षण कई दूसरी बीमारियों से जुड़े भी जुड़े होते हैं। फिर भी गंभीर समस्याओं और जटिलताओं को खारिज करने के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से जाँच करा लेना जरूरी है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना महिलाओं मे हार्ट अटैक के खतरों को कम करने के लिए जरूरी कदम हैं।
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