ओवर एक्टिव ब्लैडर से परेशान हैं तो ये 6 युक्तियाँ आजमाएँ
ओवर एक्टिव ब्लैडर यानी अति सक्रिय मूत्राशय अपने आपमें एक बहुत ही जटिल समस्या है। यदि आपकी बाथरूम जाने की इच्छा न भी हो, तो भी बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है। यह समस्या तभी सामने आती है जब पेशाब से जुड़े अंग की मासपेशियाँ सिकुड़ने लग जाएँ।
बार-बार बाथरूम जाने पर कई बार तो केवल थोड़ा सा ही पेशाब होता है, समझिए की केवल कुछ बूँदें। लेकिन जब समस्या ज़्यादा गंभीर हो चुकी हो तो कभी-कभी बहुत अधिक मात्रा में पेशाब आ जाता है। इतना अधिक कि पूरा ब्लैडर खाली हो जाए।
ऐसी परिस्थिति का विकास होना शारीरिक असंयम का संकेत है। बड़ी संख्या में हालात यहाँ तक इसलिए पहुँचते हैं कि हम शुरुआती दौर में इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते।
लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है, परिस्तिथि और ज़्यादा ख़राब होती जाती है। अंत में हम इस समस्या पर से अपना पूरा नियंत्रण खो बैठते हैं।
अपनी इस लापरवाही से हमे बाद में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो सही ट्रीटमेंट लेने का समय तक निकल जाता है और जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
इसी कारण हमारे लिए अपने अन्दर हो रहे किसी भी परिवर्तन को समझना बहुत ज़रूरी है। यदि पेशाब करने की आदत में किसी तरह का बदलाव होता दिखें तो उस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
हमारे आज के इस विषय में ओवर एक्टिव ब्लैडर से हो रही परेशानी से लड़ने के कुछ उपाय सुझाए गए हैं।
उम्मीद है, आप इन पर ठीक से गौर करके अपनी समस्या को खत्म करने का प्रयास करेंगे।
तो बने रहिए हमारे साथ और इस विषय के बारे में और अधिक जानिए!
1. कुछ विशेष प्रकार के खान-पान से परहेज़ करें
स्वस्थ्य और संतुलित डाइट का सेवन इस समस्या से निजात पाने का सबसे अचूक इलाज है।
हो सकता है, हमारा ध्यान कुछ ऐसी चीज़ों की ओर जाता ही न हो जिनके सेवन से यह समस्या ज़्यादा गंभीर बन सकती है।
लेकिन समय रहते इन चीज़ों के सेवन से दूरी बनानी शुरू कर देनी चाहिए।
बहुत ज़्यादा फैट और कैलोरी युक्त भोजन से बचना चाहिए। इन चीज़ों से दूर रहें:
- शराब
- मसालेदार भोजन
- साइट्रस जूस
- ऐसा ड्रिंक और खाना जिनमें कैफीन होता है
- कार्बोनेटेड ड्रिंक
- दूध और दूध से बने अन्य प्रोडक्ट
- चीनी और रिफाइंड आटा
- तला हुआ खाना और सॉसेज
2. अपनी रूटीन में केगल एक्सर्साइज़ शामिल करें
मूत्राशय यानी ब्लैडर शरीर के पेल्विक हिस्से में ही होता है। मशहूर केगल एक्सर्साइज़ शरीर के पेल्विक हिस्से पर असर डालती है।
- इस एक्सर्साइज़ को करने से ब्लैडर की मासपेशियाँ मज़बूत बनती हैं।
- इनके मज़बूत होने से हम बार बार पेशाब का होना नियंत्रित कर पाते हैं।
- इस एक्सर्साइज़ को करने से शारीरिक असंयम कम होता जाता है। ये व्यायाम आपकी सेक्स लाइफ को भी बेहतर बनाते हैं।
- सबसे बड़ी बात है कि इस एक्सर्साइज़ को करने में बहुत ज़्यादा समय नहीं लगता। इसे अपने नियमित एक्सर्साइज़ रूटीन में बड़ी ही आसानी से शामिल कर सकते हैं।
3. बाथरूम जाने का एक निश्चित समय बनाए
जिन लोगों को अति सक्रिय ब्लैडर की समस्या होती है उन्हें अचानक बाथरूम जाना पड़ता है। भले ही थोड़ा हो, लेकिन पेशाब होता ही रहता है।
लेकिन इस आदात को सही ट्रेनिंग और ट्रीटमेंट से सही किया जा सकता है।
यदि आप अपनी इस आदत पर काबू पा लेते हैं तो आपकी परेशानी काफी हद तक कम होनी शुरू हो जाती है।
- धीरे-धीरे अपने बाथरूम जाने का समय और बारी को नियंत्रित करें।
- ऐसा करने से आपका ब्लैडर खुद से सामंजस्य बैठा लेगा और धीरे-धीरे नई आदत को अपना लेगा।
- इस तरह से स्पैज़म यानी मरोड़ का उठाना कम होता है क्योंकि शरीर में बाहर निकालने के लिए पानी होता ही नहीं है।
- इस तरह से बार-बार पेशाब का होना भी कम होता जाता है।
हम आपको यह सलाह नहीं दे रहें हैं कि पेशाब को ज़रूरत से ज़्यादा लम्बे समय तक रोके रहें।
हमारा कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि यदि आप हर थोड़ी-थोड़ी देर में बाथरूम जाने की आदात पर नियंत्रण बनाने की कोशिश करेंगे तो यह आप ही के हित में होगा।
4. पानी या अन्य पेय के सेवन के वक़्त थोड़ा सतर्क रहें
हम सब जानते हैं, शरीर को पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
- लेकिन जो लोग अति-सक्रिय मूत्राशय की परेशानी से ग्रस्त हैं, उन्हें पानी का थोड़ा कम सेवन करना चाहिए।
- ऐसा न करने से आपके उपचार में बाधा पड़ सकती है।
- आपको यह ध्यान रखना है कि पानी का सेवन कम करना है, उसे पूरी तरह से रोकना नहीं है।
5. अपने वजन पर नज़र बनाए रखें
बेहद सतर्क रहें।
- ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ा हुआ वजन ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या को बढ़ावा दे सकता है।
- आपके शरीर में जमा होने वाला फैट मासपेशियों को कमज़ोर कर देता है। धीरे-धीरे यह परेशानी बढ़ती जाती है।
ऐसे में अपने वजन पर नियंत्रण बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।
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6. धूम्रपान करना छोड़ दें
जिन लोगों को ब्लैडर से जुड़ी तकलीफ़ हैं, उनके लिए सिगरेट पीना बहुत हानिकारक साबित हो सकता है।
- सिगरेट के अंदर कई टॉक्सिन और केमिकल पाए जाते हैं जो मासपेशियों को कमज़ोर करते चले जाते हैं। साथ ही जलन की समस्या भी शुरू हो जाती है।
- सिगरेट केवल दमे की समस्या को ही नहीं बढ़ाती है। यह पेशाब और दिल के रोगों को भी बढ़ावा देती है।
क्या आप भी ऐसी समस्या से जूझ रहें हैं। बिना इच्छा के बार-बार बाथरूम के चक्कर लगाते रहते हैं? क्या आप बिना अपनी मर्ज़ी बार-बार पेशाब करने जा रहें है?
अगर ऐसा है, तो आपको ओवर एक्टिव ब्लैडर की शिकायत है। हम आपको सलाह देंगे, आज ही अपने डॉक्टर से मिलें।
डायग्नोसिस हो जाने पर यहाँ चर्चित सलाहों पर अमल करना शुरू करें और अपनी परेशानी खत्म करने की ओर कदम बढाएं।
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