मेजर डिप्रेशन : 6 लक्षण जिन्हें जानना ज़रूरी है

मेजर डिप्रेशन के लक्षणों से निपटने के लिए मेडिकेशन और थेरेपी का मेल ज़रूरी है, क्योंकि कॉग्निटिव बिहेवियरल फोकस सबसे अस्दार है।
मेजर डिप्रेशन : 6 लक्षण जिन्हें जानना ज़रूरी है

आखिरी अपडेट: 29 अक्टूबर, 2019

मेजर डिप्रेशन यानी एकध्रुवीय अवसाद डिप्रेशन की सबसे गंभीर टाइप है।

टेक्नोलॉजिकल और सामाजिक पहलुओं से हम बहुत एडवांस्ड सोसाइटी में रहते हैं। बहरहाल हमारा मुद्दा भावनात्मक संसार है। ये वे निजी स्पेस हैं, जिनमें अक्सर लाखों लोग अक्सर उलझ जाते हैं।

आज हमारी दुनिया में डिप्रेशन सबसे आम बीमारियों में से एक है। फिर भी इसका असर खामोश लेकिन स्पष्ट है, यह एक ऐसी असुविधाजनक रीयलिटी है जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता कि इससे कैसे निपटें।

बहुत से लोगों के लिए हमें बताना आम है कि समस्या से पीछा छुड़ाकर आगे बढ़ें। कई लोग अभी भी मानते हैं कि आपको डिप्रेशन पर काबू पाने के लिए बस गियर बदलने और खुश होने की जरूरत है

दरअसल ज्यादातर लोग डिप्रेशन को उदासी से जोड़ते हैं। उन्हें लगता है, इसे दूर करने के लिए आपको बस थोड़ा और हंसने और अपना मूड बदलने की जरूरत है। दरअसल मामला कुछ ज्यादा गहरा और क्रूर है।

हम भूल जाते हैं कि कई मामलों में उदासी का इसके नकारात्मक अर्थ से परे एडाप्टिव वैल्यू है। यह हमें सोच-विचार करने, अपने भीतर झाँकने और आगे बढ़ने में मदद करता है।

मेजर डिप्रेशन में उदासी का एडाप्टिव वैल्यू नहीं है, बल्कि यह बिलकुल उलटा है। यह अंदरूनी और बहुत अंधेरी प्रक्रियाओं की एक सीरीज है। ये बहुत तेज और थकाऊ प्रक्रियाएं हैं जो इंसान को लगातार रक्षाहीनता में ले जाती हैं।
इस आर्टिकल में हम मेजर डिप्रेशन के इन लक्षणों के बारे में बात करने जा रहे हैं।

मेजर डिप्रेशन के लक्षण

1. मेजर डिप्रेशन में ऐन्हीडोनीअ की भावना

मेजर डिप्रेशन में ऐन्हीडोनीअ की भावना

दरअसल उदास होना किसी भी टाइप के डिप्रेशन की व्याख्या नहीं करता है। अपने चरम पर यह यह बीमारी लगातार बनी रहने वाली और निर्मम होती है।

इस प्रकार की बीमारी में लोग जिस चीज को महसूस करते हैं, वह है, ऐन्हीडोनीअ (anhedonia) यानी सुखदुखाभाव जिसके ये लक्षण हैं:

  • अपने आसपास की चीजों में अरुचि
  • किसी भी चीज में खुशी न महसूस करना
  • अत्यधिक थकान
  • लगातार बना रहने वाला चिड़चिड़ापन
  • पहलकदमी की कमी
  • किसी भी एक्टिविटी  को करने में असमर्थता (इसलिए नहीं कि व्यक्ति में कोई शारीरिक समस्या है, यह बस ऊर्जा की कमी है जिससे चीजों को करने में अनिच्छा होती है)।

2. वे लक्षण जो हमेशा दिखाई देते हैं

डायग्नोस्टिक मैनुअल एंड स्टेटिस्टिक्स ऑफ़ मेंटल इलनेस के अनुसार इस प्रकार की बीमारी की पहचान करने के 5 बहुत ही ठोस लक्षण हैं।

उनमें हम निम्नलिखित लक्षणों को पा सकते हैं:

  • दिन के ज्यादातर वक्त करीब-करीब हर दिन अवसादग्रस्तता अवस्था
  • उन गतिविधियों में रुचि का अभाव जिनमें पहले व्यक्ति को मज़ा आता था
  • इंसोम्निया या अत्यधिक नींद
  • अल्प समय में वजन कम होना या बढ़ना
  • कंसंट्रेट करने और फैसले लेने में अक्षमता
  • अपराधबोध की भावना
  • अत्यधिक थकान
  • आत्मघाती विचार
  • धीमी चाल

3. ऐसे पहलू जो मेजर डिप्रेशन से नहीं जुड़े हैं

डायग्नोस्टिक मैनुअल बताता है कि ऐसे कई पहलू हैं जो रोगी के जीवन में मेजर डिप्रेशन के साथ प्रकट नहीं होते हैं।

  • किसी प्रियजन के खोने के बाद के हफ्तों में होने वाली तकलीफ के साथ मेजर डिप्रेशन नहीं जुड़ा है। इसके अलावा, यह ब्रेकअप से जुड़ा नहीं हो सकता है। याद रखें, यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो अपनों के खोने पर किसी को होता है।
  • अगर किसी व्यक्ति को मेनिया के एपिसोड का अनुभव हो या अगर वह साइकोसिस या दूसरी तरह की बीमारियों से पीड़ित है, तो मेजर डिप्रेशन की डायग्नोसिस नहीं की जायेगी।

4. मेजर डिप्रेशन एक ही किस्म का नहीं होता

मेजर डिप्रेशन एक ही किस्म का नहीं होता

हमें यह साफ़ करना चाहिए कि जब हम मानसिक बीमारी की बात करते हैं, तो हर मामला अनोखा होता है। हर व्यक्ति अलग है और अनूठी विशेषताओं की एक श्रृंखला से बना होता है। उसका इलाज कैसे किया जाए यह जानना ज़रूरी है।

साथ ही यह महसूस करना अहम है कि दो तारक के डिप्रेशन हैं। वे हैं:

  • सिर्फ एक एपिसोड के साथ होने वाला मेजर डिप्रेशन जिसे व्यक्ति जीवन में बस एक बार अनुभव करता है।
  • रेसि टेटिव डिप्रेशन (Recitative depression): यह बहुत जटिल होता है और वास्तव में ज्यादा आम है। ऐसे कई मरीज़ हैं जिन्हें किशोरावस्था में पहले से ही डिप्रेशन था और बाद में वयस्क जीवन में एकाधिक बार।

5. इसका कारण क्या है?

मेजर डिप्रेशन एक जटिल स्थिति है, जिसमें कई घुमाव और ब्लैक होल हैं – विज्ञान और रोगी दोनों के लिए।

कारण यह है कि हम एक ऐसी बीमारी के सामने हैं, जिसके कोई एक ही कारण नहीं है। इसमें बहुत से फैक्टर होते हैं

  • अंशतः यह आनुवंशिक है।
  • आपकी परवरिश, शिक्षा-दीक्षा और संभावित जीवन के आघात भी विचारणीय फैक्टर हैं।
  • युवावस्था में हुआ खराब अनुभव जैसे कि हमारी सामाजिक स्थिति, भी संभावित संकेतक हैं।
  • व्यक्ति का व्यक्तित्व भी निर्णायक फैक्टर है ( आत्मविश्वास का अभाव, कॉग्निटिव समस्याएं और असहायता की भावना)।
  • आर्थिक समस्याएं और संकट का वक्त भी संभावित कारक हो सकते हैं।

साथ ही हम कुछ ज़रूरी बातें नहीं भूल सकते हैं: कई बार, यह एक रासायनिक समस्या के कारण होता है, डोपामाइन लेवल में कमी और इसलिए पर्याप्त इलाज हमेशा अहम होता है।

6. मेजर डिप्रेशन के लिए इलाज मौजूद हैं

मेजर डिप्रेशन के लिए इलाज मौजूद हैं

मेजर डिप्रेशन से निपटने के दौरान हमें उन विकल्पों पर ध्यान देने की ज़रूरत है जो हमारे पास उपलब्ध हैं।

  • जो सबसे ज़रूरी है जिसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है, वह है मेडिकेशन और साइकोथेरेपी। ये सबसे सही कॉग्निटिव और बिहेवियरल ट्रीटमेंट हैं। उनमें कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी सबसे अलग है जो मेजर डिप्रेशन के लिए सबसे अच्छे इलाजों से एक है।
  • दूसरी ओर, हमारे पास माइंडफुलनेस या इमोशनल टेकनीक हैं, जैसे कि रेशनल इमेजिनेशन, और प्रॉब्लम सोल्विंग टेकनीक। किसी भी तरह के अवसाद या एंग्जायटी पर काबू पाने के लिए ये सभी सहायक टूल हैं।

हर आदमी को ऐसी स्ट्रेट्जी और गेटवे का इस्तेमाल करना चाहिए जो धीरे-धीरे डिप्रेशन पर काबू पाने में मदद करते हैं।

तस्वीरें: एग्नेस सेसिल




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।