5 हर्बल ट्रीटमेंट जो गोखरू का मुकाबला करने में मदद करते हैं
यदि आप बनियन (Bunion) यानी गोखरू से नेचुरल तरीके से निपटना चाहते हैं, तो आपको ऐसे ट्रीटमेंट अपनाना चाहिए जिनमें सूजन और दर्द को रोकने वाले गुण हों। हल्दी, गेंदा या लैवेंडर जैसे कुछ औषधीय पौधे बहुत असरदार हो सकते हैं। ये पौधे दर्द और सूजन को कम करने में मददगार हैं।
गोखरू के लिए 5 सबसे बढ़िया हर्बल ट्रीटमेंट क्या हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें। इन औषधीय पौधों की मदद से अपने पैर के अंगूठे पर हुए हड्डी के उभार के कारण होने वाली असुविधा का अंत करें।
गोखरू क्या होता है (What are Bunions)?
बनियन यानी गोखरू हड्डी का एक उभार है जो पैर के अंगूठे के शुरुआती जॉइंट पर बनता है। ऐसा तब होता है जब आपके पैर का अंगूठा आपके पैर की दूसरी उंगली को धक्का देता है। इसकी वजह से आपके अंगूठे का जोड़ बाहर निकलने के लिए मजबूर हो जाता है। आपके पैरों का आकार और अनुचित जूतों का उपयोग उन कारकों में से हैं जिनके कारण यह उभार बन सकता है।
इंसर्ट्स, इंसोल , स्प्लिंट और सुधारक हैं जो पैर की उंगलियों को धीरे-धीरे फिर से ठीक जगह पर लाने या रिपोज़ीशन करने में मदद करते हैं। आप पुनर्वास व्यायाम भी कर सकते हैं जिनको अपनाकर लंबे समय में सफलता मिल सकती है। लेकिन बेहद बिगड़े हुए मामलों में लोग शल्य चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं।
इसे भी आजमायें: नरम और मुलायम पाँव पायें, आज़माएँ ये दो प्राकृतिक चीजें
गोखरू के लिए हर्बल उपचार (Herbal Remedies for Bunions)
1. गेंदा (Common Marigold)
शुरुआत के लिए आप सामान्य गेंदे के साथ गोखरू का मुकाबला कर सकते हैं। यह सुंदर नारंगी रंग का फूल घावों, सूजन, कटे और काटे हुए हिस्सों वगैरह का इलाज करने के कई लोशन का बेस है। जब आप प्रभावित क्षेत्र पर सामान्य गेंदा लगाते हैं तो सूजन कम हो जाती है, अच्छे ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है और घट्टे कम होते हैं।
- आप सामान्य गेंदे के बेस वाले लोशन (सक्रिय या होम्योपैथिक घटकों के साथ) का उपयोग कर सकते हैं।
- या फिर आप फूल का रस निकाल सकते हैं क्योंकि आपको सिर्फ थोड़े से रस की जरूरत होगी।
- अंत में आप इसके एसेंशियल ऑयल को लगा सकते हैं।
2. कैमोमाइल (Chamomile)
कैमोमाइल एक औषधीय पौधा है जो अपनी सूजनरोधी और आरामदायक खूबियों के लिए जाना जाता है। जब आप इस फूल को गोखरू पर लगाते है तो यह लाली को कम कर देता है और समस्या को और भी खराब होने से रोकता है। इसके बारे में एक और बढ़िया बात यह है कि यह औषधि ज्यादातर लोगों के पास पहले से ही घर में होती है क्योंकि यह एक पाचक अर्क है।
- हम गाढ़ी कैमोमाइल टी के साथ एक टब या बाल्टी में पानी तैयार करने और 20 से 30 मिनट के लिए अपने पैरों को भिगोने की सलाह देते हैं। आप यह रोज रात को सोने से पहले कर सकते हैं।
- इसके अलावा इस तरह पैरों को भिगोने के बाद आप कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल के साथ प्रभावित क्षेत्र की मालिश करके इसके असर को बढ़ा सकते हैं।
3. हल्दी (Turmeric)
हल्दी एक सुपरफूड है जिसका अपने ढेर सारे औषधीय गुणों के कारण एक खास स्थान है। यह दर्द का इलाज करने के लिए एक उम्दा उपाय है क्योंकि यह सूजन और दर्द को रोकती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और घाव भरने की खूबियां भी हैं, जो इसे कई विकारों के लिए एक बेहतरीन उपचार बनाती हैं।
आप इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं और इसका सेवन कर सकते हैं:
- लोकल: एक हीलिंग लोशन के रूप में सीधे अपने गोखरू पर हल्दी पाउडर (थोड़े से पानी, एलो वेरा, या तेल के साथ) लगायें।
- सेवन: हम हल्दी को जैतून के तेल (Olive Oil)और काली मिर्च के साथ मिलाने की सलाह देते हैं। जैतून के तेल की सेहतमंद वसा और काली मिर्च के पाइपरिन के साथ हल्दी का मेल खूब जमता है और इसका औषधीय असर कई गुना बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें: गुलाब जल से कैसे घटाएँ झुर्रियाँ
4. लैवेंडर (Lavender)
लैवेंडर सबसे आम नेचुरल उपचारों में से एक है और अपने ढेर सारे गुणों के कारण कई विकारों को कम कर सकता है। इसमें मौजूद सूजनरोधी और आरामदायक गुण इसे गोखरू से लड़ने और उसे और बदतर होने से रोकने का एक बहुत ही जबरदस्त उपाय बनाते हैं।
- हम थोड़े से लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को सीधे गोखरू पर लगाने की सलाह देते हैं।
- आप चाहें तो इसे जैतून, बादाम या नारियल के तेल के साथ मिलाकर पतला कर सकते हैं और अपने पैरों की मालिश कर सकते हैं।
इसके अलावा, इस मालिश का आपके पूरे शरीर पर एक अच्छा शांत करने वाला असर होगा और इसकी सुहानी खुशबु आपको आराम देगी। इसलिए यह अनिद्रा से बचने का भी एक उपाय है।
5. रु (Rue)
रु एक औषधीय पौधा है जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, दर्द से राहत देता है और सूजन को कम करता है। इसमें मौजूद कूमेरिन, फ्लेवोनॉइड और विटामिन C की मेहरबानी, यह पौधा नेचुरल तरीके से गोखरू को रोकने और उसका मुकाबला करने का एक कमाल का उपाय है। यह आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे संधि रोगों (rheumatic diseases) में भी मदद करता है।
रु का जलसेक (infusion) बनायें और अपने पैरों को उसमें कम से कम 15 मिनट के लिए भिगोकर रखें। जब तक आप कोई सुधार नहीं देखते, इसे रोज दोहराना चाहिए। उसके बाद सप्ताह में 3 बार दोहरा सकते हैं।
यह एक बहुत ही असरदार उपाय है, आपको केवल धैर्य रखना चाहिए।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...