5 आई केयर से जुड़ी गलतियाँ जो आप कर सकते हैं
आपकी आंखें शरीर की अहम अंग हैं। वास्तव में वे इंसानी विकास के लिए एक अभिन्न उपकरण हैं। इसलिए आई केयर से जुड़ी किसी भी किस्म की गलती से दूर रहना चाहिए।
यह सच है कि वे जिन्दा रहने के लिए निहायत ज़रूरी अंगों में नहीं हैं। कई भिन्न कारणों से बहुत से लोगों के पास यह अनमोल उपहार नहीं है। पर जो लोग जन्म से इनका इस्तेमाल करने के आदी हैं उनका काम बिना आँखों के नहीं चल सकता है।
यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण है कि जो लोग अंधे होते हैं, उन्होंने खुद को अपनी परिस्थिति के अनुसार ढाल लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने अन्य शारीरिक कौशल को बेहद ऊँचे स्तर तक विकसित किया है जितना कोई सोच नहीं सकता।
वैसे ज्यादातर लोग अपनी दृष्टि को अच्छी स्थिति में रखना चाहते हैं, क्योंकि इससे विकास के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण के लिए कई फायदे होते हैं।
समस्या यह है कि तमाम बॉडी सिस्टम की तरह, ऐसे बहुत से कारण हैं जो आपकी आँखों को खराब कर सकते हैं और कई तरह की गड़बड़ियों का कारण बन सकते हैं।
इसलिए उनका ख़ास ख्याल रखना और कुछ आई केयर त्रुटियों से बचना ज़रूरी है। शायद आपने पहले इन गलतियों को नोटिस नहीं किया हो। लेकिन ये वास्तव में आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पता करें कि वे क्या हैं!
1. आई केयर से जुड़ी गलतियाँ: सनग्लास नहीं पहनना
अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए धूप का चश्मा पहनना एक ज़रूरी आदत है।
यह सरल सहायक उपकरण सूरज के उस अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन के नकारात्मक असर को कम कर देता है जो कैटरैक्ट, कॉर्नियल अल्सर और रेटिना के अलग होने जैसी कई समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
लम्बे समय में यूवी किरणों का असर लगातार बढ़ता जाता है। इसका मतलब है, नुकसानदेह संपर्क का असर कई सालों बाद दिखाई दे सकता है।
इसलिए अपने को सुरक्षित रखने का काम जल्दी शुरू करना ज़रूरी है। इस बात पर ध्यान दें कि आपके सनग्लास की लेंस अच्छी क्वालिटी की हो।
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2. कॉनटैक्ट लेंस पहनकर सोना
कुछ ऐसे कॉनटैक्ट लेंस हैं जिन्हें आप पहनकर सो सकते हैं और आपको कोई समस्या नहीं होती।
लेकिन इनमें ज्यादातर सोने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। वे कॉर्निया में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा जाने से रोकते हैं। इससे कॉर्नियल एडिमा और अल्सर हो सकते हैं।
रोजाना कीटाणुओं की सफ़ाई का अभाव होने पर आपकी आँखें सूक्ष्मजीवों से दूषित हो जाती हैं। इसका नतीज़ा बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण के रूप में दिख सकता है।
इसलिए कॉनटैक्ट लेंस भले ही लंबे समय तक उपयोग करने के लिए बने हैं, आँखों की समस्याओं को बढ़ाने के जोखिम की वजह से उन्हें पहनकर सोना अच्छा नहीं है।
आदर्श रूप से आपको ऐसे कॉनटैक्ट लेंस पहनने चाहिए जो अपने भीतर से ऑक्सीजन के गुजरने की सहूलियत देते हैं। इसके अलावा, आपको निश्चित रूप से उन्हें नियमित आधार पर साफ और कीटाणुरहित करना चाहिए।
3. आंखों को मसलना
आंखों को रगड़ना भी एक गलत आदत है। इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
हालांकि रगड़ने से आंखों की खुजली मिट जाती है। लेकिन इस तरह की आई केयर त्रुटियों की वजह से सूजन समेत कई तरह की एलर्जी हो सकती है।
याद रखें, आपकी उंगलियाँ और हाथ नुकसानदेह रोगाणुओं से दूषित हो सकते हैं। इनके पनपने के लिए आपकी आंखें एक बढ़िया वातावरण मुहैया करा सकती हैं।
4. कंप्यूटर स्क्रीन के साथ लंबे समय तक संपर्क
कंप्यूटर, टैबलेट और मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अत्यधिक उपयोग भी हाल के वर्षों में बढ़ती हुई विजन समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
आँखें इन उपकरणों की तेज रोशनी का बोझ ढोने के लिए नहीं बनी हैं। यह अहम है कि ये उपकरण आँखों से ज्यादा दूरी पर नहीं होते हैं।
डिस्प्ले के आगे लंबे समय तक खड़े होने से आपकी आँखों पर जोर पड़ता है। इससे नजर का धुंधलापन और सिरदर्द भी हो सकता है।
इसके अलावा, इनमें लाल रोशनी का सितेमाल होने के कारण टिशू में बदलाव हो सकता है और बीमारी के विकास की संभावना बढ़ सकती है।
ऐसी आई केयर त्रुटियों से बचने के लिए, इन उपकरणों का सीमित उपयोग करें और रोज विजुअल एक्सरसाइज करें।
5. मेकअप हटाये बिना सोना
चेहरे से मेकअप हटाये बिना सोने की गलत आदत का सिर्फ आपकी त्वचा की सेहत पर नेगेटिव असर नहीं होता, बल्कि इससे आंखों को भी असुविधा हो सकती है।
मेकअप में मौजूद केमिकल से त्वचा में बदलाव होते हैं। इससे जलन, स्टाई और दाने पैदा होते हैं।
आईलाइनर और मस्कारा चेहरे की उन जगहों को ऑक्सीजन पाने से रोकते हैं। इससे सूजन और डार्क सर्कल बन सकते हैं।
आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि पलकों के भीतरी किनारे पर आईलाइनर लगाना अच्छा नहीं है। क्योंकि यह वह क्षेत्र है जहां आपकी मीबोमियन ग्रंथियां होती हैं जिनसे आंसू निकलते हैं।
अंत में, भले ही आपको यह लग रहा हो कि इसमें कोई नुकसान नहीं है, लेकिन अपनी अनमोल आँखों को सुरक्षित रखने के लिए ऊपर बताई गयी आई केयर गलतियों से दूर बचना चाहिए।
इसके अलावा, वक्त रहते किसी समस्या का पता लगाने के लिए नियमित रूप से अपने ऑई डॉक्टर से मिलते रहना एक अच्छा आईडिया है।
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