आपके सोने की पोजीशन आपके बारे में क्या कहती है

क्या आप जानते हैं, जिस तरह आप सोते हैं वह आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बता सकता है? इस लेख में आपको इस बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी।
आपके सोने की पोजीशन आपके बारे में क्या कहती है

आखिरी अपडेट: 30 जून, 2019

क्या आपकी कोई अभ्यासगत सोने की पोजीशन है जिसका आप अपने सपनों की दुनिया में जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं? हम उस पोजीशन की बात नहीं कर रहे हैं जिसका आप बिस्तर पर जाकर जानबूझ कर इस्तेमाल करते हैं। बल्कि उसकी जिसे आप अंत में, नींद आ जाने पर लेते हैं।

यह प्रश्न अहम है, क्योंकि आपके सोने की पोजीशन आपके बारे में बहुत कुछ कहती है। आइए जानते हैं।

मुझे बताइए आप कैसे सोते हैं, मैं आपको बता दूंगा कि आप कौन हैं

सोने की पोजीशन

मानव और उसके सोने, यानी नींद लेने के बीच कोई संबंध है, इस पर काफी रिसर्च की गयी है। इसमें यह भी शामिल है कि जब वे सोते हैं तो उनके मन और शरीर के बीच क्या होता है।

प्रोफेसर क्रिस इड्जीकोव्स्की (Chris Idjikowsky) ने अपने समय का बड़ा हिस्सा नींद के अध्ययन के लिए समर्पित किया है। विशेष रूप से वे आपके सोने की पोजीशन और आपके व्यक्तित्व के बीच संबंध का अध्ययन करते हैं

इड्जीकोव्स्की ने छह सामान्य पोस्चर का अध्ययन किया जिन्हें लोग सोते समय इस्तेमाल करते हैं। उन्हें भरोसा है कि लोगों के सोने की पोजीशन उनके आचरण के विशेष तरीके से जुड़ी है।

उनके अनुसार लोग शारीरिक भाषा पर तब ध्यान देते हैं, जब वे जगे रहते हैं। पर  हमारी अचेतन अवस्था में लिए गए पोस्चर जो कुछ कहते हैं, उनका अध्ययन करना एक अलग चीज है।

आपके सोने की पोजीशन क्या है?

फीटल पोजीशन (fetal position)

सोने की पोजीशन - फीटल पोजीशन

इड्जीकोव्स्की की खोज के अनुसार 41% लोगों के सोने की पोजीशन यही है। फीटल पोजीशन वह पोजीशन है जिसे हमने अपनी माता के गर्भ में भ्रूण के रूप में रहते हुए लिया था। आधी से अधिक महिलाएँ फीटल पोजीशन में सोती हैं।

अपनी दोनों बाँह और दोनों पैर अंदर की ओर मोड़े हुए करवट लेकर सोते हुए नींद लेने वाले व्यक्ति सुरक्षित महसूस करने की खोज करते हैं।

सच्चाई यह है कि जागृत अवस्था में दुनिया को दिखाते हैं कि वे मजबूत हैं और उनमें आत्मविश्वास है। पर असल में वे नाजुक और कमजोर होते हैं।

इसलिए वे जिस बनावटी मजबूत चरित्र का दिखावा करते हैं वह सिर्फ खुद को सुरक्षित करने के लिए उनकी एक तरह की ढाल है।

“लट्ठा” पोजीशन (The “log” position)

15% लोग किसी लट्ठे के समान सोते हैं। इस सोने की पोजीशन में आप किसी करवट पैर फैला कर और बाँहें बगलों में रखकर सोते हैं।

सोने की यह पोजीशन किसी बहुत खुले, मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति से मेल खाती हुई लगती है। इन लोगों में नेतृत्व करने की प्रवृत्ति होती है। फिर भी वे कुछ सीधे-सादे भी हो सकते हैं।

अभिलाषी पोजीशन (yearner position)

सोने की पोजीशन

13 प्रतिशत लोग इस तरह सोते हैं। इसका मतलब है कि उनकी बाँहें उनके शरीर के साथ समकोण बनाती हुई उनके आगे तनी रहती हैं।

इन मामलों में, इस तरह के लोगों को साधारणतः संकीर्ण व्यक्तित्व का माना जाता है। उनमें धूर्तता और संदेह की कुछ मात्रा मौजूद रहती है।

वे ऐसे व्यक्ति होते हैं जो चीजों को आलोचनात्मक और संदेही दृष्टिकोण से देखते हैं

सैनिक पोजीशन (Soldier position)

सोने की पोजीशन - सैनिक पोजीशन

इस पोजीशन का नाम “सैनिक मुद्रा” है, क्योंकि इसमें सोने वाला व्यक्ति चित्त होकर अपना शरीर ताने हुए सोता है। उसकी बाँहें उसकी बगलों से सटी रहती हैं।

सभी संकेतों से ऐसा लगता है कि सोते समय डरपोक और अंतर्मुखी व्यक्ति यह पोजीशन लेते हैं

“सैनिक” बहुत गंभीर होते हैं और साधारणतः उथल-पुथल वाली परिस्थितियों से चलाए जाते हैं। वे रूटीन्स और मानकों से संलग्न रहते हैं और बहुत उद्देश्यपूर्ण होते हैं।

“फ्री फॉल” पोजीशन

7% लोग यह पोजीशन अपनाते हैं। इसमें सोने वाला बिस्तर पर मुँह के बल सोता है। वह तकिए को बाँहों में लेकर हग करते हुए सिर को एक बगल मोड़कर रखता है।

इस तरह सोने वाले चिंतित, घबराए हुए लोग होते हैं जिनमें बहुत ज्यादा ऊर्जा रहती है। इस तरह के व्यक्तित्व वालों को आलोचना स्वीकार करने में कठिनाई होती है।

सोने की पोजीशन - स्टारफिश

स्टारफिश पोजीशन

गिने-चुने 5% लोग औंधे मुँह अपनी बाहें अपने सिर के पास फैला कर सोते हैं। साधारणतः वे अपने पैर मोड़ देते हैं।

“स्टारफिश” सोने की पोजीशन परोपकारी व्यक्तियों से मेल खाती है। ये वह व्यक्ति हैं जो अपने पड़ोसी की सुनने और मदद करने के लिए तैयार रहते हैं

ये जल्दी मित्र बना लेते हैं। आकर्षण का केंद्र बनने से भी ये लोग बचते हैं। पृष्ठभूमि में रहते हुए पुनर्मिलन करते हुए दल में बने रहना पसंद करते हैं।

क्या आपने इनमें से किसी भी पोजीशन को पहचाना? यदि आपको अपने सोने की पोजीशन नहीं मिली हो तो खुद को ठगा महसूस मत कीजिए। जब सोने की बात आती है तो हर व्यक्ति का अपना अलग अनोखापन होता है। कभी-कभी लोगों की पोजीशन एक समान नहीं होती।

उदाहरण के लिए कुछ लोग पैर ऊपर उठाकर सोते हैं। निश्चित रूप से ये ऐसे व्यक्तित्व होते  वाले लगते हैं जिनका पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता।

जो भी हो, इड्जीकोव्स्की की व्याख्या के अनुसार सिर्फ 5 प्रतिशत व्यक्ति हर रात सोने की एक अलग पोजीशन अपनाते हैं।

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    3. Idzikowski C, Ebrahim IO. Sleep science. In: Forensic Psychiatry: Fundamentals and Clinical Practice. 2017.
    4. Finan PH, Goodin BR, Smith MT. The association of sleep and pain: An update and a path forward. Journal of Pain. 2013.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।