कैफीन के बारे में साइंस क्या कहता है
कैफीनयुक्त ड्रिंक के नियमित सेवन से हेल्थ पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर में आम जनता और वैज्ञानिक समुदाय दोनों की दिलचस्पी है। आइये देखते हैं, कैफीन के बारे में विज्ञान क्या कहता है!
इस बारे में रिसर्च बहुत निर्णायक नहीं है। सिर्फ ग र्भावस्था के दौरान कैफीन सेवन के नेगेटिव असर के कार्य-कारण प्रभाव की जनकारी है।
कैफीन के बारे में विज्ञान क्या कहता है, विशेष रूप से एपिडेमोलॉजिकल स्टडीज (epidemiological study) से पता चलता है कि यह पदार्थ क्रोनिक रोगों के जोखिम को कम करने में लाभकारी असर डालता है।
लेकिन कैफीन के हेल्थ बेनिफिट को समझने के लिए आपको पहले यह जानना होगा कि यह एक्टिव कम्पाउंड कहां से आता है।
कैफीन कहाँ से आता है?
कैफीन दुनिया भर में सबसे ज्यादा खपत वाला उत्तेजक पदार्थ है। इसके मुख्य स्रोत हैं:
- कोला नट्स (Cola acuminata)।
- कोको बीन्स (Theobroma cacao)।
- यर्बा मेट (Ilex paraguariensis), दक्षिणी अमेरिकी देशों में सेवन किया जाता है।
- गुआराना (Paullinia cupana)।
- रोस्टेड कॉफी बीन्स (Arabica and Robusta) और चाय की पत्तियां (Camellia sinensis), दुनिया भर में इसके मुख्य आहार स्रोत हैं।
इन स्रोतों के अलावा आप कुछ पेन किलर, कार्बोनेटेड और एनर्जी ड्रिंक और डाइटरी सप्लीमेंट में कैफीन पा सकते हैं।
कैफीन की मात्रा अलग-अलग ड्रिंक में अलग-अलग होती है। हालांकि कॉफी में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि इसमें एक कप में 100 मिलीग्राम कैफीन होता है। मेट दूसरे स्थान पर आता है, क्योंकि इसमें 78 मिलीग्राम / 8 औंस होता है, इसके बाद ब्लैक टी आती है जिसमें 8 औंस में 55 मिलीग्राम होती है।
कॉफी वह पेय है जिसमें सबसे अधिक कैफीन होता है।इसके बाद मेट और काली चाय आते हैं।
कैफीन अवशोषण और मेटाबोलिज्म
पिए जाने के बाद शरीर तेजी से और पूरी तरह से इंटेसटिनल ट्रैक्ट में कैफीन को अवशोषित कर लेता है (जैव उपलब्धता 100% है)। फिर यह लीवर में इसका मेटाबोलिज्म करता है और तीन महत्वपूर्ण मेटाबोलाइट बनाता है:
- 3,7-dimethylxanthine
- 1,7-dimethylxanthine
- 1,3-डाइमिथाइलक्सैंथिन
अवशोषित होने के बाद कैफीन शारीरिक प्रभाव डालता है। नीचे हम उन सभी का विस्तार से जिक्र करेंगे।
आपको यह भी पढ़ना चाहिए: कैफीन प्रत्याहार के लिए बेहतरीन घरेलू इलाज
कैफीन का फिजियोलोजिकल मेकेनिज्म
सबसे पहले कैफीन ब्रेन में एडिनोसाइन रिसेप्टर के प्रतिपक्षी के रूप में काम करता है। चूंकि इसका मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर एडेनोसिन जैसा ही है, इसमें इसके रिसेप्टर्स (मुख्य रूप से हिप्पोकैम्पस में A2 और डोपामाइन-समृद्ध मस्तिष्क क्षेत्रों में स्थित A 2) पर कब्जा करने की क्षमता होती है।
न्यूरॉन में एडेनोसिन अवरोधक को अवरुद्ध करके (जो नींद को प्रेरित करता है), यह सेन्ट्रल नर्वसन सिस्टम (सीएनएस) की एक्टिविटी को उत्तेजित करता है। आम तौर पर कम मात्रा में इस पदार्थ का सेवन (20 से 200 मिलीग्राम प्रति दिन) कल्याण, सतर्कता और एनर्जी पर पॉजिटिव प्रभाव पैदा करती है।
हालांकि, हाई डोज घबराहट और एंग्जायटी को ट्रिगर कर सकती है, खासकर उन लोगों में जो कैफीनयुक्त ड्रिंक पीने के आदी नहीं हैं।
कैफीन की खपत और पार्किंसंस रोग
रोग सब्सटेंशिया निग्रा (substantia nigra) में डोपामिनर्जिक न्यूरॉन्स की धीरे-धीरेन कमी के बाद पार्किंसन रोग प्रकट होता है।
डोपामिनर्जिक प्रणाली के प्रदर्शन में सुधार करके एडेनोसिन रिसेप्टर्स पर इसके प्रतिकूल प्रभाव की बदौलत कैफीन डोपामाइन के स्राव को उत्तेजित करता है, और इस तरह कुल मोटर स्किल की गिरावट को रोकता है।
कैफीन का सेवन डोपामाइन के स्राव को प्रभावित करता है।
मोटापे और मधुमेह पर कैफीन का असर
वजन घटाने पर इसका प्रभाव बहुत दिलचस्प है। यह पदार्थ मेटाबोलिज्म रेट, ऊर्जा के खर्च और थर्मोजेनिक एक्टिविटी (विशेषकर लिपिड पर) पर एक्शन करता है।
एक दिन में 300 मिलीग्राम कैफीन लेने से एएमपी-फॉस्फोडाइस्टरेज़ (AMP-phosphodiesterase cycle) साइकल को एएमपी साइकल में बढ़ोतरी होती है और एडेनोसिन रिसेप्टर्स को रोककर, यह नॉरपेनेफ्रिन के स्राव को बढ़ाता है। ये ऐसे प्रभाव हैं जो लिपोलाइटिक एक्टिविटी को बढ़ाकर वजन घटाने में तेजी लाता है।
कई अध्ययनों से कॉफी और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम के बीच एक विपरीत संबंध का सुझाव दिया गया है। जो व्यक्ति एक दिन में कम से कम छह कप कॉफी का सेवन करते हैं, उनमें बीमारी के विकास का 35% कम जोखिम होता है। इस बीच जो लोग चार से छह कप पीते हैं उनमें बीमारी के विकास का 28% कम जोखिम होता है।
मिनरल के अवशोषण पर कैफीन का असर
जब आप ऐसा ड्रिंक लेते हैं जिसमें मुख्य भोजन के साथ कैफीन होता है, तो आपके शरीर के लिए आयरन और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल को अवशोषित करना मुश्किल होता है।
कुछ कॉहोर्ट स्टडी ने बताया है कि इसकी हाई डोज मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन को बढ़ाती है। इस तरह यह हड्डियों के रोगों का खतरा बढ़ाता है। इसलिए एक्सपर्ट कैफीन सेवन को कम करने की सलाह देते हैं:
- चार कप ब्लैक कॉफी
- तीन कैपुचिनो
- छह कप कॉफी
नोट: आपको इन सिफारिशों को पर्याप्त कैल्शियम सेवन के साथ मानना चाहिए।
डिस्कवर: ब्रेकफास्ट और डिनर पर वज़न घटाने के 5 कारगर तरीके
गर्भावस्था और स्तनपान
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान कैफीन का असर खराब होता है क्योंकि यह प्लेसेंटा को पार करके भ्रूण के मेटाबोलिक रेट को उत्तेजित करने की क्षमता रखता है।
गर्भावस्था के दौरान कैफीन की ऊँची खुराक जन्मजात असामान्यताएं, गर्भपात, जन्म के समय कम वजन और नवजात शिशु के व्यवहार में बदलाव के विकास से जुड़ी होती हैं।
इसी तरह कैफीन सीधे स्तन के दूध के माध्यम से ट्रांसफर हो जाता है, और चिड़चिड़ापन और नींद की गड़बड़ी पैदा करता है। इसलिए एक्सपर्ट एक दिन में अधिकतम 200 मिलीग्राम कैफीन का सेवन करने की सलाह देते हैं।
गर्भावस्था और स्तनपान में ज्यादा कैफीन का सेवन बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
विज्ञान क्या कहता है
संक्षेप में एक्सपर्ट को पता है कि कैफीन का शरीर पर क्या असर पड़ता है। चूंकि दुनिया में सबसे अधिक खपत वाले पेय पदार्थों में यह आता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि शरीर पर इसके प्रभाव को जानने के लिए साथ ही साथ परिवर्तनों से बचने और इसके फायदों का पूरा लाभ लेने के लिए सिफारिश की गयी खुराक को ही लें।
अधिकांश अध्ययनों से पता चलता है कि संयमित मात्रा में इसके सेवन (400 मिलीग्राम / दिन से कम) का शरीर के वजन और न्यूरोडीजेनेरेटिव और मेटाबोलिक रोगों पर प्रभाव पड़ता है।
यह ध्यान रखना चाहिये कि यह पदार्थ गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नुकसानदेह होता है और इसी तरह इसके मूत्रवर्धक प्रभावों को नियंत्रित करने में सुविधाजनक है।
- Reyes CM, Cornelis MC. Caffeine in the Diet: Country-Level Consumption and Guidelines. Nutrients.2018; 10 (1772): 1-34.
- Wikoff, D.; Welsh, B.T.; Henderson, R.; Brorby, G.P.; Britt, J.; Myers, E.; Goldberger, J.; Lieberman, H.R.; O’Brien, C.; Peck, J. Systematic review of the potential adverse effects of caffeine consumption in healthy adults, pregnant women, adolescents, and children. Food Chem. Toxicol. 2017, 109, 585–648
- Heckman MA, Weil J, Gonzalez de Mejia E. Caffeine (1,3,7-trimethylxantine) in Foods: A Comprehensive Review on Consumption, Functionality, Safety, and Regulatory Matters. J Food Sci. 2010 Apr;75(3):R77-87.
- De Melo Pereira GV, de Carvalho Neto DP, Magalhaes J et al. Chemical composition and health properties of coffee and coffee by-products. Adv Food Nutr Res. 2020; 91: 65-96.