रिंगवर्म क्या है और इसका ट्रीटमेंट कैसे करते हैं?
क्या आपने कभी रिंगवर्म या दाद के बारे में सुना है? क्या आप इसके ट्रीटमेंट का तरीका जानते हैं?
रिंगवर्म एक ऐसी अवस्था है जो फंगस के संक्रमण की वजह से होती है। इसमें संक्रमण के कारण त्वचा पर छोटे गोल निशान बन जाते हैं।
ये शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो सकते हैं। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, फिर भी यह बहुत संक्रामक है।
यहाँ हम रिंगवर्म के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह भी बतायेंगे कि आप इसका बहुत साधारण और आसान तरह से कैसे इलाज कर सकते हैं।
रिंगवर्म: कारण और लक्षण
जो फंगस त्वचा पर इस समस्या को उत्पन्न करता है उसे टिनिया कॉर्पोरिस कहते हैं। लेकिन इस प्रकार के फंगस का यह एक अकेला समूह नहीं है जो आपको प्रभावित कर सकता है। आपको टिनिया पीडिया की वजह से एथलीट्स फूट हो सकता है या टिनिया क्रूरल फंगस के कारण जाँघों का दाद हो सकता है।
फंगस के साथ संपर्क में आने के 4 से 10 दिनों के बीच में रिंगवर्म के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
- इसका पहला संकेत है त्वचा पर एक गोल फोड़ा, जिसके किनारे हल्के उठे हुए होते हैं।
- इस गोले के बीच की त्वचा में आपको एक पैटर्न दिखाई दे सकता है जो लाल चकत्ते जैसा लगता है। लेकिन आम तौर पर बीच की त्वचा स्वस्थ दिखाई देती है।
- बेहद खुजली होती है जिसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो सकता है। खुजलाने से फंगस और फैल सकता है जिसके कारण संक्रमण भी बढ़ सकता है।
खुजलाने या संपर्क में आने से “रिंग्स” फैल सकती हैं। वे शरीर के दूसरे भागों में बढ़ सकती हैं या एकसाथ मिलकर बड़ी रिंग बना सकती हैं। अधिक गंभीर परिस्थितियों में ये रिंग छाले और मवाद से भरे घावों में बदल जाते हैं।
रिंगवर्म कई तरीकों से फ़ैल सकता है, सीधे या किसी और माध्यम के जरिये।
जैसे कि, बीमार व्यक्ति या पालतू जानवर जो इस फंगस का वाहक है, उसकी त्वचा से सीधे संपर्क होने पर रिंगवर्म को ग्रहण किया जा सकता है। कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और खरगोश सबको यह बीमारी लग सकती है।
बड़े लोगों की तुलना में बच्चे इस संक्रमण के लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसके आलावा कई कारक हैं जो इसके जोखिम को बढ़ा देते हैं, और जिनकी ओर से बड़े लोगों को जागरूक रहना चाहिए। ये रिंगवर्म होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
कुछ कारक जिनकी वजह से इस संक्रमण को ग्रहण करने की ज्यादा संभावना होती है:
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- गर्म या नमी वाली जगह में रहना
- टाइट कपड़े पहनना
- स्पर्श करने वाले खेल-कूद में भाग लेना
- तौलिये या कपड़ों को दूसरों के साथ शेयर करना
- कमजोर इम्यून सिस्टम
रिंगवर्म से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ये सुनिश्चित कर लें कि ऐसे लोगों से आपका सीधा संपर्क न हो जो पहले से संक्रमण से वाहक हैं। उनके साथ ऐसे कपड़े न शेयर करें जिनका त्वचा से सीधा संपर्क होता है।
अपने पालतू जानवरों को डॉक्टर के पास ले जाना और उनको नहलाने के बाद अच्छी तरह से सुखाना (खासतौर से उनके पंजों के बीच में, पैरों के नीचे और जांघों को) ज़रूरी है।
रिंगवर्म के लिए घरेलू उपाय
यदि आपको डॉक्टर की बताई हुई दवाइयों का इस्तेमाल करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है, या आप फार्मेसी में मिलने वाली एंटीफंगल क्रीम या लोशन की जगह कोई घरेलू इलाज करना चाहते हैं तो हम आपको रिंगवर्म के लिए इन नेचुरल उपचारों का इस्तेमाल करने की राय देंगे।
1. लहसुन
लहसुन में गजब के कवकरोधी गुण होते हैं इसलिए यह रिंगवर्म का इलाज करने के लिए बहुत बढ़िया साथी है। पहली बार लगाने पर यह तीखी जलन का आभास दे सकता है, लेकिन यह स्वाभाविक है। इसका पूरा फायदा उठाने के लिए आपको इसे ज्यादा से ज्यादा देर तक लगाये रखना चाहिये।
घटक
- 1 लहसुन की कली
कैसे बनायें
- लहसुन की कली को छीलें और लम्बा-लम्बा काटें।
- इसे प्रभावित जगह पर रखें और पट्टी से ढकें।
- रात भर लगा रहने दें और सुबह हटायें।
- इसे कम से कम एक हफ्ते तक दोहरायें, या जब तक घाव गायब न हो जाये।
2. एसेंशियल ऑयल
लैवेंडर या टी ट्री तेल जैसे कुछ आवश्यक तेलों में जोरदार फंगसरोधी गुण होते हैं। इनको दिन में कई बार लगाने से कवक को बढ़ने से रोका जा सकता है।
घटक
- 2 बड़े चम्मच पानी (20 मिली.)
- 2 बड़े चम्मच एसेंशियल ऑयल (30 ग्राम)
कैसे बनायें
- एक कटोरी में पानी और जो एसेंशियल ऑयल (लैवेंडर या टी ट्री ऑयल में से एक) आपने चुना है, उसे मिलायें।
- इसे प्रभावित जगह पर लगायें और एक कपड़े या गॉज़ से ढक दें।
- कई घंटों के लिए इसे लगा रहने दें, फिर ड्रेसिंग को हटायें।
- एक महीने के लिए इसे रोज 3 बार दोहरायें।
3. एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका)
एप्पल साइडर विनेगर में ढेर सारे जादुई गुण होते हैं। इनमें इसके एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण लाजवाब हैं। जब आप इसे पहली बार लगायेंगे तो जलन हो सकती है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। यह एकदम सामान्य बात है। जलन के अहसास को कम करने के लिए ठंडा सिरका इस्तेमाल करके देखें।
घटक
- 1 बड़ा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (10 मिली.)
कैसे बनायें
- रुई या कपड़े के एक टुकड़े को एप्पल साइडर विनेगर से गीला करें।
- हल्के से दबाकर घाव पर लगायें।
- सूखने दें।
- दिन में 3 – 5 बार दोहरायें।
4. नमक और सिरका
जब यह मिश्रण प्रभावित जगह के संपर्क में आता है तो बहुत जलन होती है। लेकिन इसका असर भी वैसा ही गजब का होता है।
घटक
- 1 बड़ा चम्मच नमक (10 ग्राम)
- 1 बड़ा चम्मच सिरका (10 मिली.)
कैसे बनायें
- एक कटोरी में नमक लें और उसमें धीरे-धीरे सिरका डालें। सिरका डालते समय इसे चलाते रहें।
- इस तरह एक पेस्ट बनायें और इसे सीधे घाव पर लगायें।
- लेप को संभालकर फैलायें और 5 मिनट के लिए छोड़ दें ताकि इसका असर हो सके।
- फिर गुनगुने पानी से इसे धो लें और बचे-खुचे पेस्ट को साफ तौलिये से थपथपा कर हटायें।
- इस उपचार को कम से कम एक हफ्ते तक दिन में दो बार दोहरायें।
5. एलुमिनम साल्ट
एलुमिनम लवण का स्वेदरोधक असर होता है। इसलिए यह पसीने के स्राव को रोक देता है और फंगस को फैलने से रोकता है।
घटक
- 1 बड़ा चम्मच एलुमिनम लवण (10 ग्राम)
- 1 ग्लास पानी (200 मिली.)
कैसे बनायें
- लवण को एक कंटेनर में रखें और धीरे-धीरे पानी डालें। पानी डालते समय इसे चलाते रहें।
- एक बार सभी घटकों को मिलायें और एक पेस्ट बन जाये तो इसे जख्म पर लगायें। इसे 6 घंटे के लिए छोड़ दें (रात भर छोड़ना और भी अच्छा है) ताकि इसका असर हो सके।
- उसके बाद गुनगुने पानी से धो लें और बिना रगड़े अच्छी तरह सुखायें।
- एक हफ्ते के लिए इसे रोज दोहरायें।
यहाँ पर हमने जो ट्रीटमेंट बताया है, उनको आजमाने के साथ ये टिप्स ध्यान में रखें:
साफ़-सफाई से रहने पर ध्यान दें
सफाई से रहने की आदत पर अटल रहने की बात, हो सकता है बहुत मन को भाने वाली बात न हो, लेकिन यह संक्रमण से बचने या उसका इलाज करने के सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक है।
खाने से पहले और बाथरूम जाने के बाद हाथों को धोना, रोज नहाना (खासतौर से एक्सरसाइज के बाद या अगर बहुत गर्मी है) और ऐसे साबुन का इस्तेमाल करना जिनमें ज्यादा क्षार न हो – ये सब स्वच्छ रहने के आसान और असरदार तरीके हैं।
कपड़े पहनने से पहले बदन को अच्छी तरह सुखायें
रोज नहाने के बाद यह निश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि आपकी त्वचा पूरी तरह से सूखी हो। याद रहे, फंगस को नमी बहुत प्रिय होती है।
बदन को तौलिये से पोछकर सुखायें, खासतौर से जहाँ-जहाँ त्वचा में बल हों, जैसे कि बगलों में। कपड़े पहनने से पहले टैलकम पाउडर या मक्के का आटा लगायें ताकि त्वचा दिन भर सूखी रहे।
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