घुटनों के दर्द से निजात पाएं इस आसान ट्रीटमेंट से
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घुटनों के दर्द एवं सूजन का कारण गलत हैबिट, चोट या अत्यधिक शारीरिक दबाव हो सकता है।
हिमालयन नमक और तेल का मिश्रण इन दोनों की सूजनरोधी विशेषताओं को आपस में मिलाता है। और नतीज़ा क्या होता है? हमें मिलता है एक आदर्श दर्द निवारक जो घुटनों के दर्द को कम कर देता है।
हम अक्सर घुटनों के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ये जॉइंट बड़े ही जटिल होते हैं, और अक्सर इनमें चोट की संभावना ज्यादा होती है। ऐसा इनके आसपास कुशनिंग के आभाव में होता है।
हालांकि जोड़ों को लिगामेंट और टेंडन्स सुरक्षा प्रदान करते हैं। फिर भी कई ऐसे कारक हैं जो उन्हें उनके क्षय को बढ़ावा देते हैं। इसके कारण सूजन और अत्यधिक पीड़ा हो सकती है।
वैसे तो इसका उपचार आराम करने से और दर्द निवारक दवाओं से किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए अन्य उपचार जरूरी हो जाते हैं।
सौभाग्यवश कुछ प्राकृतिक उपचार हैं और वह भी बहुत सस्ते हैं। ये उपचार बिना किसी अवांछनीय प्रभाव के बीमारियों से लड़ने में सहायता करते हैं।
आगे हम आपसे बाहरी उपयोग के लिए कुछ ट्रीटमेंट के बारे में साझा करना चाहते हैं।
घुटनों के दर्द का निवारण करने के लिए सामग्री
घुटनों के दर्द व सूजन के निवारण के लिए यह चिकित्सीय मिश्रण एकदम सरल है। यह हिमालयी नमक और जैतून के तेल का मिश्रण है।
इन सामग्रियों में सूजनरोधी और कैपिलरी को फैलाने की विशेषता होती है। इसलिए इन्हें बाहर से लगाने पर ये बेहतर ढंग से रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं और लिंफेटिक सिस्टम की कार्य प्रणाली में सहयोग करते हैं।
इसके अलावा ये मांसपेशियों और जोड़ों में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया में सहयोग करते हैं। कुल मिलाकर इससे पैरों की अकड़ कम होती है और घुटने के दर्द में आराम मिलता है।
जैतून के तेल के फायदे
जैतून का तेल एक तरह का हेल्दी फैट है। इसमें चिकित्सीय गुण तथा जरूरी पोषक तत्वों की अधिकता होती है।
इसकी सूजनरोधी विशेषता मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है। इसलिए जैतून का तेल सूजन कम करने के लिए आदर्श है और मूवमेंट संबंधी रोगों के उपचार में सहायक है।
इसका बाहरी प्रयोग ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। यह तनावभरी मांसपेशियों एवं घुटनों को दर्द से राहत पहुंचाता है।
यह अपने हल्के एनाल्जेसिक प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। सिरदर्द, गले की अकड़न या अन्य सूजन संबंधी समस्याओं के लिए यह एक आदर्श औषधि है।
सबसे रोचक तथ्य तो यह है कि फ्री रेडिकल्स के नकारात्मक असर को कम करने के कारण यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद है, और जोड़ों के दर्द में तो यह सहायक है ही।
हिमालयन साल्ट के लाभ
हिमालयी नमक एक चिकित्सीय उत्पाद बन गया है। यह जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए आदर्श माना जाता है।
इसमें सोडियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं। ये खनिज स्थानिक रूप से लगाने पर शक्तिशाली आरामदेह दवा के रूप में कार्य करते हैं।
इसके अलावा, इसके सेवन से एंजाइम सिस्टम की गतिविधि में सुधार होता है। अत्यधिक शारीरिक परिश्रम वाली गतिविधियों के बाद विद्युत और मसल इम्पल्स को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
इसके अतिरिक्त, हिमालयी नमक आराम पहुंचाने वाले और सूजन कम करने वाले गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसकी मालिश से इसमें मौजूद सूजन करने वाले गुण पीठ और हाथों के दर्द को 30% तक कम कर देते हैं।
इसका उपयोग लिम्फैटिक प्रक्रिया को ऊर्जा देता है, जिससे टिश्यू में बनने वाले जहरीले पदार्थों और तरल पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है|
यह भी जान लीजिये कि यह आपके नर्वस सिस्टम क लिए एक नेचुरल सेडेटिव भी है और सेरोटोनिन के स्राव को उत्तेजित करने के लिए एक पूरक के रूप में कार्य करता है।
दर्द से छुटकारा पाने के लिए इस औषधीय संयोजन को कैसे तैयार किया जाए
जैतून का तेल और हिमालयी नमक का औषधीय संयोजन बाहरी उपयोग के लिए उपचार है, जो किसी भी प्रकार के प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के बिना दर्द को नियंत्रित करता है।
निश्चित रूप से यह कोई चमत्कारिक ट्रीटमेंट नहीं है। लेकिन इसका नियमित उपयोग घुटने को सूजन और मोबिलिटी की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
सामग्री
- 1 कप प्रेस्सेड ऑलिव ऑइल (200 ग्राम)
- 1 कप हिमालयी नमक (120 ग्राम)
बर्तन
- ढक्कन के साथ एक कांच की बोतल
- लकड़ी की चम्मच
तैयारी
- जैतून का तेल ग्लास की बोतल में डालें और फिर हिमालयी नमक को भी डालें।
- लकड़ी के चम्मच से सामग्रियों को मिलाएं और पूरी तरह से इनके मिल जाने के बाद बर्तन को अच्छी तरह से सील करें।
- इस प्रोडक्ट को एक शांत, अँधेरी जगह में रखें और इसे 8 दिनों तक ऐसे ही रहने दें।
इसका इस्तेमाल कैसे करें
- इस उत्पाद को कुछ ज्यादा मात्रा में लें और दर्द वाले क्षेत्रों में रगड़ें।
- 3 या 5 मिनट तक मालिश करें और फिर आराम करें।
- उपचार की सामग्री को 20 मिनट तक काम करने दें और फिर ठंडे पानी से इसे धो लें।
- हर बार दर्द महसूस करने पर इसी प्रक्रिया को दोहराएं। यदि आप चाहें तो इसे हर सप्ताह 3 बार एक दर्द-निवारक के रूप में भी लगा सकते हैं।
क्या आप इसका लेप करने में रुचि रखते हैं? यह दर्द से राहत के लिए एक अलग किस्म की चिकित्सा है। हालांकि इसका असर बहुत ही रोचक और प्रभावी है।
अपने जॉइंट पेन में ज़रा इस ट्रीटमेंट के असर को आजमाकर तो देखें!
- Instituto Nacional de Artritis y Enfermedades Musculoesqueléticos y de la Piel. (2014). Cuáles son los problemas de las rodillas. Nih. https://doi.org/10.1109/CNE.2007.369604.
- Fito Colomer, M. (2003). Efectos antioxidantes del aceite de oliva y de sus compuestos fenólicos. Tdx.Cesca.Es. https://doi.org/10.1063/1.2939268.
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