प्रोटीन शेक : वे आख़िर इतने फायदेमंद क्यों होते हैं?

प्रोटीन शेक की मदद से आप स्वस्थ आहार बनाए रख सकते हैं। हाँ, जटिलताओं से बचे रहने के लिए आपको एक्सपर्ट की सलाह भी ले लेनी चाहिए। इसके अलावा, आपको यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इस शेक का आप सही मात्रा में सेवन कर रहे हैं।
प्रोटीन शेक : वे आख़िर इतने फायदेमंद क्यों होते हैं?

आखिरी अपडेट: 22 जून, 2019

खुशकिस्मती से आज बहुत-से लोग हेल्थ और एक्सरसाइज की कीमत समझने लगे हैं। यही कारण है कि प्रोटीन शेक के फायदों में वे और भी दिलचस्पी लेने लगे हैं।

इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे, प्रोटीन शेक किस तरह आपके वज़न पर असर डालकर आपके एथलेटिक प्रदर्शन में निखार ला सकते हैं।

आइए बात करते हैं प्रोटीन की!

प्रोटीन शेकआख़िर इतने लाभदायक क्यों होते हैं?

एमिनो एसिड द्वारा हमारे शरीर के लिए बनाए जाने वाले मैक्रोन्यूट्रिएंट्स को प्रोटीन कहा जाता है। वे पेप्टाइड बॉन्ड्स नाम की केमिकल चेन से जुड़े होते हैं। हमारे शरीर में टिशू को बनाने और रीजेनरेट करने का जिम्मा प्रोटीन पर होता है। यह काम वे आपकी हड्डियों, मांसपेशियों, अंगों और त्वचा के साथ-साथ आपके शरीर के बाकी हिस्सों में भी करते हैं।

ये मॉलिक्यूल मुख्य रूप से आपको अपने खान-पान से ही मिलते हैं। इसके अलावा, आपकी शारीरिक क्रियाओं को सामान्य रूप से चालू रखने में भी वे अहम भूमिका निभाते हैं।

प्रोटीन इन चीज़ों से बने होते हैं:

  • हाइड्रोजन
  • कार्बन
  • नाइट्रोजन
  • ऑक्सीजन
  • कई प्रोटीन्स में सल्फर भी मौजूद होता है

हमारे शरीर के टिशू का लगभग आधा वज़न उनमें मौजूद प्रोटीन का ही होता है। उसी तरह, हमारे शरीर की हरेक कोशिका में भी वे मौजूद होते हैं। साथ ही, आपके शरीर में होने वाली सभी जैविक प्रक्रियाओं में भी वे भाग लेते हैं।

प्रोटीन शेक

प्रोटीन शेक आपके शरीर में होने वाली हरेक जैविक प्रक्रिया के लिए मददगार होते हैं

ज़्यादातर लोगों की प्रोटीन शेक के बारे में कोई अच्छी राय नहीं होती।

कई लोगों का मानना है कि वे सिर्फ़ बेहद हट्टे-कट्टे लोगों के लिए ही होते हैं। लेकिन उनकी उपयोगिता सिर्फ़ आपके आहार-संबंधी लक्ष्यों तक ही सीमित नहीं होती। और तो और, जिम में की गई कई घंटों की मेहनत का फल देना भी उनका इकलौता काम नहीं होता।

प्रोटीन शेक में प्रोटीन की भरमार होती है। मांसपेशियों को आसानी से बनाने के लिए आपके शरीर को मॉलिक्यूल्स की पर्याप्त मात्रा देना उनका प्रमुख काम होता है।

आजकल कई लोग नियमित रूप से कसरत करने लगे हैं। इस बात को वे भलीभांति समझते हैं कि फिट रहने के लिए उन्हें कसरत की एक अच्छी-ख़ासी दिनचर्या का पालन करना होगा। इसके अलावा, व्यायाम के अपनी दिनचर्या के साथ-साथ आपको कार्बोहाइड्रेट्स, मिनरल्स और प्रोटीन्स से युक्त आहार का सेवन भी करते रहना चाहिए।

लेकिन अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ये चीज़ें हमेशा काफ़ी नहीं होती। भले ही आपकी खुराक में कितने भी पोषक तत्व क्यों न हों, कभी-कभी आपको प्रोटीन सप्लीमेंट्स की ज़रूरत पड़ ही जाती है

यहीं पर प्रोटीन शेक्स एक बेहद अहम भूमिका निभा सकते हैं। इन मॉलिक्यूल्स की अत्यधिक मात्रा आपको इन शेक्स से मिल सकती है। ये सप्लीमेंट्स कई रूपों में व अलग-अलग स्वाद और डिज़ाइन में आते हैं।

प्रोटीन आख़िर इतने फायदेमंद क्यों होते हैं?

प्रोटीन शेक की उपयोगिता का आख़िर क्या राज़ होता है?

प्रोटीन शेक्स का सेवन मुख्य रूप से खिलाड़ियों द्वारा ही किया जाता है। वह इसलिए कि अपनी कड़ी ट्रेनिंग के बावजूद उन्हें अपने शरीर को लगातार फिट बनाए रखना होता है। नतीजतन वे कसरत करने के फ़ौरन बाद प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेते हैं। ऐसा करके खर्च की गई ऊर्जा की वे भरपाई कर लेते हैं।

इस नज़रिये से देखें तो प्रोटीन शेक्स यह सुनिश्चित कर देते हैं कि आपको रोज़ाना प्रोटीन की अपनी ख़ुराक मिल रही है। ज़ाहिर-सी बात है कि इसके लिए आपको एक संतुलित आहार का सेवन करना होता है। इस तरह आप अपन मनचाहा वज़न प्राप्त कर सकते हैं।

लेकिन आपको इस बात का भी हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपके द्वारा पिए जाने वाले हरेक शेक में प्रोटीन की मात्रा कितनी है। प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा हमारी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती।

आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रोटीन शेक्स खाने की जगह नहीं ले सकते। वे मात्र ऐसे सप्लीमेंट्स होते हैं, जिनसे आप अपने शरीर को ठीक से चालू रखने लायक आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। इसीलिए इसके बताए गए डोज़ से ज़्यादा सेवन हरगिज़ न करें।

वे आपकी सेहत में चार चाँद लगा सकते हैं

विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज़ों को इन शेक्स से काफ़ी फायदा हो सकता है। खासकर वे (छांछ) प्रोटीन्स पर तो यह बात और भी ज़्यादा लागू होती है। हाँ, प्रोटीन्स की अत्यधिक मात्रा का सेवन करने से आपकी हड्डियाँ कमज़ोर पड़ सकती हैं। इसीलिए उनकी सही मात्रा का सेवन करना बेहद ज़रूरी होता है

चोट लगने पर वे आपके घावों को ठीक से भरने के भी काम आते हैं। आमतौर पर प्रोटीन्स व उनके सप्लीमेंट्स से हमारे इम्यून सिस्टम को फायदा होता है।

इन बातों के अलावा, प्रोटीन शेक्स से आपके दिल के प्रदर्शन में भी सुधार आ सकता है। कोलेस्ट्रॉल के आपके स्तरों में भी वे गिरावट ला सकते हैं।

पर यहाँ हम यह साफ़ कर देना चाहेंगे कि आपको यह ग़लतफहमी हरगिज़ नहीं पालनी चाहिए कि इन स्मूदीज़ को पीकर आपकी सभी स्वास्थ्य-संबंधी परेशानियां गायब हो जाएंगी। साथ ही, अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों की जगह आपको प्रोटीन शेक्स का सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल सभी चीज़ों को एक-साथ सही मात्रा में लेने से आपकी सेहत को कई तरह के लाभ हो सकते हैं।

प्रोटीन शेक्स का सही मात्रा में सेवन करके ही आप उसके फायदों का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। उसकी अत्यधिक ख़ुराक लेकर आप कार्डियोवैस्कुलर या कोलेस्ट्रॉल-संबंधी समस्याओं की चपेट में भी आ सकते हैं।

क्या प्रोटीन शेक का कोई नुकसान भी है?

प्रोटीन शेक्स को पीकर हमें क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, यह तो अब आप जान चुके हैं। इसीलिए इन सप्लीमेंट्स के कुछ नुकसानों के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।

लंबे समय में अगर आप प्रोटीन शेक्स की बताई गई मात्रा का सेवन नहीं करते या उन्हें ज़रूरत से ज़्यादा पीते हैं तो आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम के स्तर प्रोटीन को जमा कर पाने में असमर्थ हो जाते हैं।

इस प्रक्रिया का नतीजा होती है गुर्दों की पथरी। इसके अलावा, आपके शरीर में अलग-अलग तरह की कई चीज़ें भी जमा हो सकती हैं। आपके शरीर में मौजूद सभी चीज़ों में खासकर नाइट्रोजन की मात्रा में काफ़ी बढ़ोतरी आ सकती है। इसके फलस्वरूप प्रोटीन की वजह से जमा हुए टॉक्सिन्स को पेशाब के माध्यम से निकाल बाहर करने के लिए उसे ज़रूरत से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।

इसी प्रकार, आपके शरीर में नाइट्रोजन के स्तरों में इज़ाफा लाकर आपके शरीर के लिए पानी की सुझावित मात्रा में वे गिरावट ले आते हैं। इसका नतीजा डिहाइड्रेशन हो सकता है।

प्रोटीन शेक्स को अपनी खुराक का नियमित हिस्सा बनाने से पहले अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर लें। वे आपको सबसे अच्छी सलाह देंगे। इस बात का ध्यान रखें कि एक अच्छी खुराक को एक नियोजित प्रक्रिया के तौर पर ही अपनाया जाना चाहिए।



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यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।