बच्चों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

वयस्कों की तरह, बच्चे भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हो सकते हैं। इसके बारे में इस आर्टिकल में जानें।
बच्चों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

आखिरी अपडेट: 26 अगस्त, 2019

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक गंभीर रोग है। इसलिए बच्चे का इससे पीड़ित होना गंभीर चिंता की बात होती है। इस आर्टिकल में आप जान सकते हैं, इस समस्या का पता कैसे लगाया जाए और जल्द से जल्द इलाज इसका इलाज कैसे किया जाए।

ऐसा लगता है, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कोई आम समस्या नहीं है, बच्चों की 3% आबादी इससे पीड़ित होती है।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया क्या है?

स्लीप एपनिया नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट का कारण बनता है जो रोगी के आराम में दखलंदाजी करता है।

ऐसी एपनिया जो बच्चों के सोते समय हो, वायुमार्ग के आंशिक या पूरी तरह रुकावट का कारण बनता है। इसका मतलब है, सोते समय वे किसी बिंदु पर सांस लेना बंद कर देते हैं। ऐसा होने पर बच्चा अक्सर जग जाता है, और इस तरह उनकी नींद में खलल होती है। इससे थकान होती है और दिन में नींद आती है।

नीचे उन कारणों का पता लगाएं जिनसे बच्चे सासन की इस गड़बड़ी का शिकार हो सकते हैं। नींद के दौरान होने वाली इस समस्या पर पूरा ध्यान देना ज़रूरी है।

बच्चों में स्लीप एपनिया के कारण

बच्चों में स्लीप एपनिया के कारण
  • एडिनोटोंसिलर हाइपरट्रॉफी (Adenotonsillar hypertrophy) : इस मामले में एडिनोइड ग्रंथियां (गले के ऊपरी हिस्से में स्थित टिशू) बहुत बड़ी होती हैं, जिससे हवा के गुजरने का स्थान घट जाता है।
  • मोटापा : ज्यादा फैट वायुमार्ग के चारों ओर सॉफ्ट टिशू निर्माण कर सकता है, जिससे यह संकरा हो जाता है जिसका नतीजा एपनिया के रूप में सामने आता है।
  • न्यूरो-मस्कुलर रोग : इनकी विशेषता मांसपेशियों की ताकत में कमी आना होती हैं जो बच्चों में स्लीप एपनिया का कारण बन सकती है।
  • क्रेनियोफेशियल गड़बड़ी : ये विकृतियां वायुमार्ग पर असर डाल सकती हैं, जिससे गड़बड़ी हो सकती है और स्लीप एपनिया से पीड़ित होने की ज्यादा संभावना होती है।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के साइन और सिम्पटम

अब जब आप ऐसे कुछ कारणों के बारे में जानते हैं जिनसे बच्चे स्लीप एपनिया से पीड़ित हो सकते हैं, तो इस समस्या के संकेत और लक्षणों का शुरू में पता लगाना महत्वपूर्ण है।

इसके लिए आपको अपने बच्चे के पेडियाट्रीशियन को निम्नलिखित संकेतों की जानकारी देनी चाहिए जिन्हें आपने शायद इग्नोर कर दिया था।

इनमें से एक संकेत खर्राटे लेना हो सकता है। हालांकि बच्चों को बिना किसी स्पष्ट कारण के भी रात को पसीना आ सकता है, स्लीपवॉक हो सकता है या रात में भय हो सकता है। ये लक्षण आमतौर पर पूरे दिन हाइपर एक्टिविटी, सिरदर्द और एकाग्रता में कमी का कारण बनते हैं।


इस समस्या का सामना करने पर बच्चे को क्रॉनिक थकान और नींद की दूसरी समस्याएं जैसे स्लीपवॉकिंग या नाइट टेरियर्स हो सकती हैं।

अगर आपका बच्चा आपको बताता है कि वह बिना सांस लिए जाग गया है या इस कारण वह सोने से डरता है, तो हमारे द्वारा चर्चा किए गए लक्षणों पर ध्यान देना अहम है।

अपने बच्चे के पेडियाट्रीशियन को इस बारे में जानकारी देना कार्डियोवैस्कुलर रोग जैसी दूसरी जटिलताओं के उभरने से पहले जल्द से जल्द इलाज शुरू करने में मदद करेगा।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का इलाज

स्लीप एपनिया के कारण क्या है, इस आधार पर डॉक्टर सही इलाज के बारे में फैसला लेगा।

उदाहरण के लिए अगर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया मोटापे के कारण हो रहा है, तो बच्चे को वजन कम करने वाली विशिष्ट डाइट दी जायेगी। अगर समस्या कम न हो, या बच्चे का वजन कम न हो, तो दूसरे विकल्पों पर विचार करेगा।

  • सीपीएपी (continuous positive airway pressure machine) : यह एक उपकरण है जो रात में साँस नाली को कोलैप्स होने से रोकता है। बच्चे को एक मास्क के साथ सोना पडेगा है जो एक ट्यूब से जुड़ा होता है। यह ट्यूब पॉजिटिव एयरवे प्रेशर बनाता है।
  • माउथगार्ड : यह एक डिवाइस या ओरल अप्लाएंस है जो जबड़े को आगे बढ़ाकर गले को खुला रखता है। साथ ही यह खर्राटों को भी रोकता है।
  • सर्जरी: यह अधिक गंभीर मामलों के लिए है (हालांकि इसे अक्सर इस्तेमाल नहीं किया जाता है)। इसका फोकस जबड़े, गर्दन या एडिनोइड ग्लैंड के मामले में टिशू को हटाने पर हो सकता है।

ये सभी विकल्प उन लक्षणों से छुटकारा दिलाते हैं जिनकी हमने ऊपर चर्चा की है और बच्चों को गुणवत्ता वाली नींद का आनंद लेने की सुविधा देते हैं।

याद रखें, इस समस्या से  कार्डियोवैस्कुलर रोग हो सकते हैं और अचानक मौत भी हो सकती है। इसलिए जटिलताओं को रोकने के लिए शुरुआत में ही इलाज करना ज़रूरी है।



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