बच्चों में माइग्रेन के लिए नेचुरल ट्रीटमेंट
कुछ नेचुरल ट्रीटमेंट बच्चों में माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन में प्रकाशित जानकारी के अनुसार यह स्थिति स्कूली बच्चों में 10% तक आबादी को प्रभावित करती है। इसके अलावा यह वयस्कों को प्रभावित करने वाले माइग्रेन की तरह ही बच्चों के लिए तकलीफ़देह होती है।
इसके लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, नॉजिया, उल्टी, चक्कर आना और प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता शामिल हो सकती है। वास्तव में यह पेट दर्द और मनोदशा में बदलाव का कारण भी बनता है। इसलिए इसका सही इलाज आपका डॉक्टर ही बताएगा।
जरूरी टेस्ट करने के बाद डॉक्टर बेहतरीन इलाज निर्धारित करने में सक्षम होगा। भले ही आप कुछ नेचुरल नुस्खे आजमा सकते हैं जो अस्थायी राहत देंगे। बच्चों में इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित है और स्थिति को और अधिक अनुकूल बनाने में मदद करता है। नोट करें!
बच्चों में माइग्रेन का नेचुरल ट्रीटमेंट
बच्चों में माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं है। यह स्थिति क्रोनिक होती है और बहुत गंभीर और अक्षम कर देने वाले लक्षणों का कारण बनती है। विशिष्ट मामलों में, प्राकृतिक उपचार करना लक्षणों के खिलाफ उपयोगी है। हालाँकि उन्हें इस स्थिति के खिलाफ पहली पंक्ति में इलाज नहीं करना चाहिए, लेकिन वे मददगार साबित हो सकते हैं। क्या विकल्प हैं?
1. पुदीने का एसेंशियल ऑयल
माइग्रेन के खिलाफ पुदीने के तेल की प्रभावशीलता अभी साबित नहीं हुई है। हालांकि स्टडी बताती है कि एरोमाथेरेपी में इसका उपयोग सिरदर्द के खिलाफ असरदार होता है। साथ ही यह नॉजिया, मतली और असुविधा के मैनेजमेंट में पॉजिटिव असर डालता है।
फ्रंटियर्स इन न्यूरोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च में पाया गया कि मेन्थॉल जेल (पेपरमिंट में मुख्य एक्टिव एजेंट) दो घंटे के बाद माइग्रेन की तीव्रता को कम कर सकता है। इस मामले में हम इसे बेस ऑयल के साथ उपयोग करने का प्रस्ताव देते हैं।
सामग्री
- पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल 10 बूँदें
- 1 चम्मच नारियल तेल (5 ग्राम)
निर्देश
- पेपरमिंट का तेल को नारियल तेल के साथ मिलाएं। यदि आपके पास नारियल का तेल नहीं है तो बादाम या जैतून जैसे अन्य तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- तेलों को मिलाने के बाद बच्चे की कनपटी, माथे और गर्दन के पीछे मालिश करें।
- इसे उनकी आंखों के पास लगाने से बचें, क्योंकि इससे जलन हो सकती है।
- चाहें तो आप ऊपरी पेट और कलाई में भी इससे मालिश कर सकते हैं।
- आप इस उपाय को दिन में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं, जब तक कि वे बेहतर महसूस न करें।
मेन्थॉल माइग्रेन के संकेतों की तीव्रता को कम कर सकता है।
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2. कैमोमाइल (Chamomile)
बच्चों में माइग्रेन के प्राकृतिक इलाज के रूप में कैमोमाइल प्लांट और इसके एसेंशियल ऑयल दोनों का उपयोग कर सकते हैं। इसे लगाने और सेवन करने से न सिर्फ सिरदर्द की तीव्रता कम होती है, बल्कि दूसरे लक्षण भी कम होते हैं, जैसे कि पेट खराब होना, घबराहट और नींद न आना।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच सूखे कैमोमाइल पत्तियों (15 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)
- पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल (वैकल्पिक)
निर्देश
- सबसे पहले सूखी कैमोमाइल को उबलते पानी के एक कप में डालें।
- 10 मिनट के बाद ड्रिंक को छान लें और इसे अपने बच्चे को दें।
- वैकल्पिक रूप से एक कटोरी उबलते पानी में कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल की लगभग 10 बूंदें डालें।
- बच्चे को इसके वेपर को अवशोषित करने दें जिससे वे रिलैक्स हो सकें। ध्यान रखें कि बच्चा इस प्रक्रिया में कहीं जले नहीं।
- यदि लक्षण बने रहें तो इसे दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
3. बच्चों में माइग्रेन के लिए मैग्नीशियम
माइग्रेन मैग्नीशियम की कमी से भी हो सकता है। यह आवश्यक मिनरल ग्लूकोज नियंत्रण और न्यूरोन ट्रांसमिशन सहित कई शारीरिक कार्यों में अहम भूमिका निभाता है।
वैज्ञानिक प्रमाणों ने तय किया कि मैग्नीशियम सप्लीमेंट माइग्रेन से राहत में मदद कर सकती है, क्योंकि यह इसकी गंभीरता को कम करता है। हालांकि, बच्चों में इन प्रोडक्ट को तभी दें जब डॉक्टर सुझाए। अन्यथा इन खाद्य पदार्थों से इसे हासिल करना संभव है:
- हरे पत्ते वाली सब्जियां
- बीन्स
- सीड्स और नट्स
- साबुत अनाज
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4. कोल्ड कंप्रेस
माइग्रेन उन बच्चों के स्कूल परफॉरमेंस को बदल देता है जो इससे पीड़ित हैं। इस प्रकार यह उनकी शिक्षा पर असर डाल सकता है।
कोल्ड कंप्रेस लगाने से बच्चों में माइग्रेन से राहत नहीं मिलती है। हालांकि, यह अस्थायी राहत देने में मदद कर सकता है। कोल्ड कंप्रेस से सूजन कम हो जाती है, न्यूरॉन ट्रांसमिशन धीमा हो जाता है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इसलिए यह इस स्थिति के लिए उपयुक्त है।
निर्देश
- अपने बच्चे के सिर या गर्दन पर कोल्ड कॉम्परेस लगाएं।
- अगर आप कोल्ड कंप्रेस नहीं कर पा रहे हैं तो एक तौलिया में बर्फ के टुकड़े लपेटें और इसे उसी तरह से लगाएं।
- दो से तीन मिनट के लिए उनके सिर या गर्दन की मालिश करें। फिर प्रक्रिया को दोहराने से पहले दो मिनट आराम करें।
- नुस्खे को दिन में दो बार दोहराएं, जब तक कि आपका बच्चा बेहतर महसूस न करे।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
सही इलाज के बिना माइग्रेन बच्चों के जीवन पर गहरा असर डाल सकता है। वे स्कूल में खराब प्रदर्शन भी कर सकते हैं। इस कारण यदि आपके बच्चे में कोई लक्षण है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
हालांकि नेचुरल ट्रीटमेंट अस्थायी रूप से मदद करते हैं, पर डॉक्टर ही सबसे बढ़िया इलाज ते कर पाएगा। अक्सर इसमें खानपान और दूसरी आदतों में बदलाव के साथ दवाएं शामिल होती हैं।
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