फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने में मदगार 5 नेचुरल अर्क

हालांकि आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह पर ही चलना है, फिर भी फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने में ये अर्क एक पूरक के रूप में बढ़िया काम कर सकते हैं।
फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने में मदगार 5 नेचुरल अर्क

आखिरी अपडेट: 29 जून, 2018

क्या आप यह जानते हैं कि प्राकृतिक अर्क (इन्फ्यूजन) से फैटी लीवर की बीमारी का इलाज किया जा सकता है?

हिपेटिक स्टीटोसिस, जिसे आमतौर पर फैटी लिवर की बीमारी कहते हैं, एक ऐसी अवस्था है जिसमें लिवर सेल्स में फैटी एसिड और ट्राइग्लिसराइड अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं।

यह मेटाबॉलिज्म की समस्याओं की वजह से पैदा होने वाली अवस्थाओं के समूह में से एक है। मगर यह समस्या अलकोहल के कारण लीवर को क्षति पहुंचने के फलस्वरूप भी हो सकती है।

ज्यादातर समय इसके सभी मामलों में शुरू में कोई भी लक्षण नज़र नहीं आता है। स्थिति के गंभीर हो जाने पर ही लक्षण प्रकट होने लगते हैं।

तो भी अक्सर सिरदर्द होना, पाचन की समस्याओं का सामना करना और लीवर के चारों ओर के हिस्से में सूजन महसूस करना इस बीमारी के शुरू के लक्षण हो सकते हैं।

खुशी की बात यह है कि इसका इलाज करना आसान है और यह ठीक हो सकती है। आखिर आप सिर्फ एक सेहतमंद और लो-फैट डाइट को अपनाकर इसके लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

स्वास्थ्यकारी भोजन तो खाना ही है, इस बात को पक्का कर लेने के साथ आप चाहें तो कुछ प्राकृतिक अर्क ले सकते हैं। इनके लाजवाब गुणों के हम शुक्रगुजार हैं जो इस बीमारी पर काबू पानी में हमारी मदद करते हैं।

आइये इनको देखें!

1. फैटी लीवर के लिए पुदीना और बोल्डो

फैटी लीवर: पुदीने का अर्क

पुदीने की पत्तियों में मौजूद पाचक गुणों को बोल्डो के साथ मिलाने पर एक अद्भुत औषधि बनती है। यह लीवर  टिश्यू में एकत्रित होने वाले फैट को हटाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

इन पौधों में सूजनरोधी (एंटी-इन्फ्लेमेटरी) और एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ भी होते हैं जो सेल्स की रक्षा करते हैं ताकि स्थिति के गंभीर होने की कम आशंका हो।

सामग्री

  • 1 प्याला पानी (250 मिली.)
  • 1 छोटा चम्मच पुदीने की पत्तियां (5 ग्राम)
  • 1 छोटा चम्मच बोल्डो की पत्तियां (5 ग्राम)

कैसे बनायें

  • पानी उबालें और उसमें पुदीना और बोल्डो की पत्तियां डालें।
  • आंच को धीमा करें और एकदम धीमी आंच पर 2 मिनट के लिए पकने दें।
  • फिर इसे आंच से हटा लें और छानने से पहले 10 मिनट के लिए भीगा रहने दें

कैसे इस्तेमाल करें

  • 3 हफ्तों तक एक कप अर्क रोज खाली पेट पियें।

2. फैटी लीवर में सर्वोत्तम चुकंदर का अर्क

शायद आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि चुकंदर फैटी लीवर की बीमारी के इलाज के लिए बताई गयी सबसे अच्छी औषधियों में से एक है। इसकी फैट को जमा होने से रोकने की क्षमता को बहुत-बहुत शुक्रिया।

इसमें नेचुरल फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो शरीर में मौजूद लीवर को साफ करने की स्वाभाविक प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं ताकि फैट इतनी आसानी से इसके टिश्यू में जमा न हो।

सामग्री

  • 3 प्याले पानी (750 मिली.)
  • 1 चुकंदर

कैसे बनायें

  • एक बर्तन में पानी डालें और उसे तेज़ आंच पर उबालें।
  • जब वह उबल जाये तो उसमें कटा हुआ चुकंदर डालें और एकदम धीमी आंच पर 3 मिनट के लिए पकने दें।
  • अर्क को कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें और फिर उसे सर्व करें।

कैसे इस्तेमाल करें

  • दिन के हर मुख्य भोजन से पहले चुकंदर के इस अर्क का एक प्याला पियें।

3. सिंहपर्णी का जलसेक

फैटी लीवर: सिंहपर्णी

इस अर्क में शुद्ध करने के गुण होते हैं। ये फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने में मदद करते हैं ताकि आप पाचन की असुविधाओं और सूजन की समस्याओं से बचे रहें। इसके अलावा इस जलसेक में एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक खनिज पदार्थ भी होते हैं। ये आपके मेटाबॉलिज्म के दौरान फैट के सर्वोत्तम पाचन में मदद करते हैं। 

सामग्री

  • 1 प्याला पानी (250 मिली.)
  • 1 चम्मच सिंहपर्णी (10 ग्राम)

कैसे बनायें

  • पानी को उबालें और उसमें सिंहपर्णी डालें।
  • इसे 15 मिनट के लिए भीगा रहने दें फिर छानें।

कैसे इस्तेमाल करें

  • 2 हफ्तों तक लगातार रोज इस जलसेक के 2 या 3 प्याले पियें।

4. सौंफ के दानों का अर्क

सौंफ के दानों में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट पदार्थ होते हैं जो फैटी लिवर की बीमारी के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं।

यह जलसेक इसके कुदरती गुणों का फायदा उठाता है और लिपिड को कम जमा होने देता है जिसके फलस्वरूप उत्तम पाचन को बढ़ावा मिलता है।

सामग्री

  • 1 प्याला पानी (250 मिली.)
  • 1 छोटा चम्मच सौंफ के दाने (5 ग्राम)

कैसे बनायें

  • पानी को उबालें और सौंफ के दाने डालें।
  • इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें और पीने से पहले छानें।

कैसे इस्तेमाल करें

  • कम से कम 3 हफ्तों तक रोज इस चाय के 2 प्याले पियें।

5. नींबू के छिलके का अर्क

फैटी लीवर: नींबू

इस जलसेक में नींबू के छिलके की वजह से जो नेचुरल फाइबर मिलता है उसका इस्तेमाल लीवर में जमा होने वाले फैट को पचाने में एक पूरक की तरह से किया जा सकता है।

इसका सेवन करके आप अपने शरीर की पाचन क्रिया को सपोर्ट दे सकते हैं। इसको पीने से शरीर में जहरीले और तरल पदार्थ भी कम जमा होते हैं।

सामग्री

  • 1 नींबू का छिलका
  • 1 प्याला पानी (250 मिली.)

कैसे बनायें

  • नींबू के छिलके को उबलते हुए पानी में डालें और 10 से 15 मिनट तक भीगा रहने दें।
  • उसके बाद द्रव को एक छलनी से छानें और पियें।

कैसे इस्तेमाल करें

  • इस नींबू के स्वाद वाले जलसेक का एक प्याला खाली पेट हर मुख्य भोजन से पहले पियें।
  • यह पक्का कर लें कि आप इस आदत को कम से कम 3 हफ्तों तक अपनायें।

जैसा कि आप देख सकते हैं, फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने के लिए आसानी से कुछ बहुत बढ़िया अर्क बनाये जा सकते हैं।

इनमें से आपको जो भी सबसे ज्यादा पसंद आये उसे चुनें और यहाँ पर दी गयी सलाह के अनुसार उसका सेवन करें।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।